बड़ी खबर: अब चीन से पिंड छुड़ाएगा ये देश, समझौतों पर फिर से विचार होगा

चीन से बढ़ते तनाव के बीच ऑस्ट्रेलिया बेल्ट रोड प्रोजेक्ट से अपना पिंड छुड़ा सकता है। ऑस्ट्रेलियाई संसद में नया कानून पास होने के बाद 30 देशों से हुए 135 समझौतों पर फिर से विचार होगा।

Update: 2020-12-18 09:57 GMT
बड़ी खबर: अब चीन से पिंड छुड़ाएगा ये देश, समझौतों पर फिर से विचार होगा (PC: Social Media)

सिडनी: चीन से बढ़ते तनाव के बीच ऑस्ट्रेलिया बेल्ट रोड प्रोजेक्ट से अपना पिंड छुड़ा सकता है। ऑस्ट्रेलियाई संसद में नया कानून पास होने के बाद 30 देशों से हुए 135 समझौतों पर फिर से विचार होगा। नया कानून ऑस्ट्रेलिया की सरकार को राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए उन समझौतों को रद्द करने की शक्ति देता है जो देश की विभिन्न राज्य सरकारों ने दूसरे देशों के साथ किए।

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नए कानून के तहत ऑस्ट्रेलिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले विक्टोरिया की सरकार और चीन के बीच हुए महत्वाकांक्षी बेल्ट रोड प्रोजेक्ट समझौते की भी समीक्षा होगी। नया कानून संघीय सरकार को राज्य सरकार, स्थानीय परिषद और सरकारी विश्वविद्यालयों की तरफ से अन्य देशों के साथ किए जाने वाले समझौतों की समीक्षा और उन्हें रद्द करने का हक देता है। जब अगस्त में इस कानून का प्रस्ताव रखा गया था तो चीनी विदेश मंत्रालय ने इस पर एतराज जताया था और विक्टोरिया के साथ "सफल सहयोग" में बाधा ना पहुंचाने की चेतावनी दी थी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाजो चिलियान ने बीजिंग में कहा था

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाजो चिलियान ने बीजिंग में कहा था - ऑस्ट्रेलिया को बेल्ट रोड पहल के तहत दोनों पक्षों के सहयोग को निपक्ष और तार्किक ढंग से देखना चाहिए और सामान्य आदान-प्रदान और सहयोग में कृत्रिम बाधाएं नहीं खड़ी करनी चाहिए। उसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते खराब हुए हैं। पिछले दिनों चीन के अधिकारियों ने कहा कि क्वीन्सलैंड की सरकारी मीट कंपनी मेरामिस्ट ने भी बिना कोई कारण बताए चीन के साथ अपना बिजनेस बंद कर दिया। यह ऑस्ट्रेलिया की छठी मीट निर्यातक कंपनी है जिसने यह कदम उठाया है। पिछले महीने चीन ने वाइन को भी उन ऑस्ट्रेलियाई उत्पादों में शामिल कर दिया जिनकी पहुंच चीनी बार में प्रतिबंध या सीमित की गई है। चीन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ट्रेड वार शुरू कर रखा है।

क्यों बिगड़े रिश्ते

ऑस्ट्रेलिया की जिन मांगों के चलते चीन के साथ उसके रिश्ते खराब हुए हैं, उनमें कोरोना वायरस के स्रोत की छानबीन के लिए समर्थन भी शामिल है। ऑस्ट्रेलिया कहता है कि दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी के सिलसिले में चीन की जवाबदेही तय की जाए। जब ऑस्ट्रेलिया ने छानबीन का समर्थन किया तो चीन ने ऑस्ट्रेलिया से कोयला मंगाना बंद कर दिया या कम कर दिया। सीफूड, चीनी और टिंबर के कारोबार भी लगभग रोक लग गई। चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच ताजा वाकयुद्ध एक फेक फोटो से शुरू हुआ जो चीन के अधिकारियों ने ट्वीट की थी। इस फोटो में एक ऑस्ट्रेलियाई सैनिक को खून में सना चाकू एक अफगान बच्चे की गर्दन पर ताने दिखाया गया है।

वन बेल्ट, वन रोड प्रोजेक्ट

जून 2016 में इस प्रोजेक्ट पर चीन, मंगोलिया और रूस ने हस्ताक्षर किये थे। जिनइंग से शुरू होने वाला यह हाइवे मध्य पूर्वी मंगोलिया को पार करता हुआ मध्य रूस पहुंचेगा। इस योजना के तहत चीन यूरोप से रेल के जरिये जुड़ चुका है लेकिन सड़क मार्ग की संभावनाएं भी बेहतर की जाएंगी। 10,000 किलोमीटर से लंबा रास्ता कजाखस्तान और रूस से होता हुआ यूरोप तक पहुंचेगा। 56 अरब डॉलर वाला यह प्रोजेक्ट चीन के पश्चिमी शिनजियांग प्रांत को कश्मीर और पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ेगा। सदियों पुराने असली सिल्क रूट वाले इस रास्ते को अब रेल और सड़क मार्ग में तब्दील करने की योजना है।

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इस कॉरिडोर के तहत चीन की परियोजना म्यांमार, वियतनाम, लाओस, थाइलैंड से गुजरती हुई इंडोनेशिया तक पहुंचेगी और इसमें इन चार देशों को सड़क के जरिये जोड़ा जाना था। लेकिन भारत की आपत्तियों को चलते यह ठंडे बस्ते में जा चुकी है। अब चीन बांग्लादेश और म्यांमार को जोड़ेगा। म्यांमार के अलावा चीन नेपाल के रास्ते भी भारत से संपर्क जोड़ना चाहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए चीन ने नेपाल को भी वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट में शामिल किया है। वन बेल्ट, वन रूट जैसी योजनाओं की बदौलत चीन करीब 60 देशों तक सीधी पहुंच बनाना चाहता है। बीजिंग खुद को अंतरराष्ट्रीय व्यापार की धुरी बनाने का सपना देख रहा है और इसी वजह से इन परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है।

रिपोर्ट- नीलमणि लाल

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