चीन की शरण में पहुंचा बांग्लादेश, रोहिंग्याओं को लेकर लगाईं ये गुहार

Update: 2017-11-19 15:23 GMT

ढाका: बांग्लादेश ने रविवार को कहा कि उसने चीन से अनुरोध किया है कि वह सांप्रदायिक हिंसा के शिकार छह लाख रोहिंग्या लोगों को वापस लेने के लिए म्यांमार पर दबाव डाले। यह रोहिग्या म्यांमार के हिंसा प्रभावित रखाइन राज्य से भागकर बांग्लादेश पहुंचे हैं।

'एफे न्यूज' की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि 'बांग्लादेश चाहता है कि चीन रोहिंग्याओं की वापसी की प्रक्रिया को गति देने के लिए म्यांमार पर दबाव डाले।'

यह जानकारी बांग्लादेश दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी और उनके समकक्ष महमूद अली के बीच शनिवार को वार्ता के बाद दी गई।

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में बताया गया कि रविवार को स्वदेश लौटने से पहले वांग ने अली से कहा कि 'एक दोस्त की हैसियत से चीन मुद्दे को सुलझाने में मदद देगा और हर पक्ष के प्रति निष्पक्ष रहेगा।'

बयान में कहा गया है कि चीनी विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस मामले में बांग्लादेश और म्यांमार के बीच संवाद और वार्ता जारी रहनी चाहिए। उन्होंने इस बात को माना कि बांग्लादेश रोहिंग्या शरणार्थियों के लगातार प्रवाह को झेल रहा है।

अली ने कहा कि बांग्लादेश मसले के हल के लिए म्यांमार के साथ संवाद जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, "रोहिंग्या समुदाय के लोगों की उनकी मातृभूमि म्यांमार सुरक्षित और ससम्मान जल्द वापसी के लिए बांग्लादेश को चीन के समर्थन की दरकार है।"

गुरुवार को अपनी ताजा रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र के इंटर सेक्टर कोआर्डिनेशन ग्रुप ने कहा कि बीते ढाई महीने में छह लाख बीस हजार रोहिंग्या बांग्लादेश पहुंच चुके हैं।

--आईएएनएस

 

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