Coronavirus : बच्चों को कोरोना से बचाने की तैयारी, सिंगापुर-यूएई ने दी वैक्सीनेशन को मंजूरी

Coronavirus- विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी लहर के दौरान कोरोना बच्चों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update:2021-05-20 14:30 IST

बच्चे का टीकाकरण (Photo Social Media)

Coronavirus: नई दिल्ली। बच्चों को कोरोना के खतरे से बचाने के लिए दो और देशों में बड़ी पहल की है। अमेरिका और कनाडा के बाद सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात ने भी 12 से 15 आयु वर्ग के बच्चों के वैक्सीनेशन को मंजूरी दे दी है। अमेरिका और कनाडा की तरह सिंगापुर और यूएई में भी बच्चों को फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी।

पिछले साल की अपेक्षा इस साल बच्चों के कोरोना से संक्रमित होने के काफी मामले सामने आए हैं। कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर आने की भी आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी लहर के दौरान कोरोना बच्चों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। यही कारण है कि दुनिया के कई देश बच्चों के वैक्सीनेशन के प्रति गंभीर हो गए हैं।

सिंगापुर में कई स्कूली छात्र मिले संक्रमित

कनाडा ने सबसे पहले बच्चों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी दी थी। उसके बाद अमेरिका ने भी बच्चों को कोरोना के खतरे से बचाने के लिए उन्हें टीका लगाने का फैसला किया था। सिंगापुर में अभी तक फाइजर की वैक्सीन 16 साल या उससे ज्यादा के किशोरों को दी जा रही थी मगर अब सिंगापुर सरकार ने भी बड़ा कदम उठाया है।

दरअसल हाल के दिनों में सिंगापुर में कई स्कूली छात्र कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। इसके बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया था।

फाइजर की वैक्सीन लगाने का फैसला

हालांकि सिंगापुर में जो बच्चे संक्रमित मिले हैं उनमें अधिकांश कम लक्षण वाले या फिर बिना लक्षणों वाले थे। कोरोना से इन बच्चों की हालत ज्यादा गंभीर तो नहीं हो सकी मगर सरकार बच्चों को खतरे से बचाने के लिए सतर्क हो गई। जानकारों का कहना है कि सिंगापुर में वे बच्चे संक्रमण का ज्यादा शिकार हुए जो ट्यूशन पढ़ने के लिए कहीं न कहीं जाते हैं।
सूत्रों का कहना है कि फाइजर की वैक्सीन के सबसे ज्यादा प्रभावी होने के कारण ही सिंगापुर सरकार की ओर से बच्चों को इस वैक्सीन के लगाने की मंजूरी दी गई है। सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह वैक्सीन 12 से 15 साल के बच्चों में सौ फीसदी असरकारक है। यही कारण है कि हमने सारे विकल्पों पर विचार करने के बाद फाइजर की वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी है।

यूएई ने इसलिए दिखाई तेजी

संयुक्त अरब अमीरात में अगले सत्र से बच्चों का स्कूल खोलने की तैयारी है। इसी कारण यूएई प्रशासन बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए प्रयास में जुट गया है। इसी कारण यूएई ने भी 12 से 15 आयु वर्ग के बच्चों के लिए फाइजर की वैक्सीन लगाने को मंजूरी दे दी है।

यूएई के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता का कहना है कि अभी तक बच्चों में संक्रमण के मामले काफी कम मिले हैं मगर इसके बावजूद उनका भी टीकाकरण किया जाना बहुत जरूरी है। प्रवक्ता ने कहा कि अगले सत्र से बच्चों को स्कूल जाकर पढ़ाई करनी है। इसलिए हमने बच्चों का भी टीकाकरण करने का फैसला किया है।

भारत में भी जल्द शुरू होगा ट्रायल

भारत में भी बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल जल्द शुरू होने की उम्मीद है। स्वास्थ्य मामलों पर नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पाल का कहना है कि बच्चों को खतरे से बचाने के लिए जल्द ही 2 से 18 आयु वर्ग के बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह ट्रायल 10 से 12 दिनों के भीतर शुरू होने की उम्मीद है।
डॉक्टर पाल ने कहा कि बच्चों को कोरोना के खतरे से बचाने के लिए सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। दरअसल कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहार के बच्चों के लिए खतरनाक होने की आशंका जताई है। जानकारों का कहना है कि इसीलिए सरकार ने इस दिशा में तेजी से काम करना शुरू कर दिया है ताकि वक्त रहते वैक्सीन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
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