यहूदी नरसंहार शिविर से जीवित बचने वाले दुनिया के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति का निधन
दोनों विश्व युद्ध देखने और यहूदी नरसंहार शिविर से जीवित बचने वाले दुनिया के सबसे बुगुर्ज व्यक्ति इस्राइल क्रिस्टाल का उनके 114वें जन्मदिन से कुछ महीने पहले निधन हो गया है। उनके परिवार ने उक्त जानकारी दी। उनके पौत्र ओरेन क्रिस्टाल ने कहा कि इस्राइल का निधन शुक्रवार को हुआ।
हाइफा : दोनों विश्व युद्ध देखने और यहूदी नरसंहार शिविर से जीवित बचने वाले दुनिया के सबसे बुगुर्ज व्यक्ति इस्राइल क्रिस्टाल का उनके 114वें जन्मदिन से कुछ महीने पहले निधन हो गया है। उनके परिवार ने उक्त जानकारी दी। उनके पौत्र ओरेन क्रिस्टाल ने कहा कि इस्राइल का निधन शुक्रवार को हुआ।
पिछले साल गिनीज वर्ल्ड रेकार्ड ने इस्राइल को हैफा स्थित उनके आवास पर दुनिया के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति का प्रमाणपत्र सौंपा था। ओरेन ने एक सामाचार एडेंसी को बताया, 'उन्होंने बहुत कुछ हासिल किया है। वह हर साल अपनी जिन्दगी कुछ ऐसे जीते थे, जैसे दूसरे कई वर्षों में जी पाते हैं।'
इस्राइल का जन्म 1903 में पोलैंड के जारनाव में एक रूढ़िवादी यहूदी परिवार में हुआ था। ओरेन का कहना है कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इस्राइल पोलैंड में एक शराब तस्कर के साथ काम करते थे। नरसंहार में इस्राइल की पत्नी और दोनों बच्चे मारे गए। इस्राइल को जब दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बचाया गया तो उनका वजन सिर्फ 37 किलोग्राम था।
‘हारेट्ज’ अखबार ने अपने ऑनलाइन संस्करण में खबर दी कि इस्राइल क्रिस्टाल का अपना 114वां जन्मदिन मनाने से एक महीने पहले निधन हो गया। समाचार साइट ‘वाईनेट’ के अनुसार, क्रिस्टाल का जन्म जरनाउ के एक गांव में 1903 में हुआ था। क्रिस्टाल इजरायल के हाइफा में रहते थे।
उनके पिता प्रथम विश्व युद्ध में रूसी सेना के सिपाही थे। उनके माता-पिता की मौत विश्न युद्ध के दौरान ही हो गई थी। जिसके बाद उनके पिता इजरायल आकर बस गए थे। क्रिस्टाल अपने पीछे एक बड़ा परिवार छोड़ गए। उनके परिवार में दो बच्चे, नौ पोते पोतियां और 32 पड़पोते पोतियां हैं।