भारत के 9 अमीर लोगों के पास देश की आधी आबादी जितनी संपत्ति: रिपोर्ट

वैश्विक स्तर पर 2018 में करोड़पतियों की संपत्ति में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। दावोस में आयोजित होने वाले 5 दिवसीय वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम से पहले ऑक्सफैम ने यह रिपोर्ट जारी की है।

Update:2019-01-21 10:32 IST

नई दिल्ली: जो अमीर है वह और अमीर होता जा रहा है और जो गरीब है उनकी आमदनी में मामूली वृद्धि होती दिखाई दे रही है। भारत के 9 अमीर लोगों के पास देश की आधी आबादी जितनी संपत्ति है। ये हम नहीं कह रहे हैं, ये आंकड़ा ऑक्सफैम की स्टडी में सामने आया है।

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इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में भारत के अरबपतियों की संपत्ति में हर दिन 2,200 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी देखी गई। ऑक्सफैम की स्टडी में सामने आया है कि देश के एक प्रतिशत अमीरों की संपत्ति में 2018 में 39 प्रतिशत का इजाफा हुआ, वहीं देश की सबसे गरीब मानी जाने वाले लोगों की संपत्ति में सिर्फ तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई।

भारत में करीब 13.6 करोड़ लोग 2004 से लगातार कर्ज में डूबे हुए हैं

वैश्विक स्तर पर 2018 में करोड़पतियों की संपत्ति में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। वहीं सबसे गरीब मानी जाने वाली जनसंख्या की संपत्ति में 11 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। दावोस में आयोजित होने वाले 5 दिवसीय वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम से पहले ऑक्सफैम ने यह रिपोर्ट जारी की है।

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इस स्टडी में आगे कहा गया है कि भारत की सबसे गरीब 10 प्रतिशत आबादी यानी करीब 13.6 करोड़ लोग 2004 से लगातार कर्ज में डूबे हुए हैं। ऑक्सफैम ने दावोस में पहुंच रहे राजनीतिक और बिजनेस नेताओं से अपील की है कि वे अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ते अंतर को कम करने की दिशा में काम करें। ऑक्सफैम ने कहा कि इस बढ़ते अंतर के चलते गरीबी के खिलाफ जंग प्रभावित हो रही है और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ रहा है।

26 लोगों के पास है दुनिया के करीब 3.8 बिलियन गरीब लोगों के बराबर की संपत्ति

इस रिपोर्ट में सामने आया कि दुनिया करीब 3.8 बिलियन गरीब लोगों के पास कुल जितनी संपत्ति है उतनी केवल 26 लोगों के पास है। अमेजन के फाउंडर और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस का कुल संपत्ति का सिर्फ एक प्रतिशत एथोपिया के सालभर के हेल्थ बजट के बराबर है।

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ऑक्सफैम के इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव विनी ब्यानिमा ने कहा कि 'नैतिक रूप से क्रूर' है कि भारत में गरीब जहां दो वक्त के खाने के लिए जूझ रहे हैं वहीं कुछ अमीरों की संपत्ति लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा, "यदि 1 प्रतिशत अमीरों और देश के अन्य लोगों की संपत्ति में यह अंतर बढ़ता गया तो इससे देश की सामाजिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी।"

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