वातावरण बचाने के लिए गायों को पहनाये जाएंगे मास्क

दुनिया की दिग्गज एग्रीकल्चर कम्पनी कारगिल ने ऐलान किया है कि वह बाजार में गायों को पहनाने वाले मास्क उपकरण बेचेगा।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-06-01 16:58 IST
गाय-मास्क (फाइल पोटो- सोशल मीडिया)

लखनऊ: गायों की जुगाली के दौरान निकलने वाली मीथेन गैस (Methane Gas) से धरती को बचाने के लिए अब एक नायाब उपाय ढूंढा गया है- गायों को स्पेशल मास्क पहनाने का। दुनिया की दिग्गज एग्रीकल्चर कम्पनी कारगिल (Cargill) ने ऐलान किया है कि वह बाजार में गायों को पहनाने वाले मास्क उपकरण बेचेगा। इन मास्क की खासियत है कि ये मीथेन गैस को सोख लेते हैं। मीथेन सोखने वाले मास्क यूनाइटेड किंगडम के एक स्टार्टअप जल्प लिमिटेड ने डेवलप किये हैं। इस कम्पनी का दावा है कि ये मास्क मीथेन गैस उत्सर्जन को आधे से भी कम कर सकते हैं।

कारगिल कम्पनी ने कहा है कि वह यूरोपियन बाजार में ये मास्क 2022 में बेचना शुरू कर देगी। अभी इसके दाम तो तय नहीं किये हैं लेकिन जल्प कम्पनी ने कहा है कि सालाना सब्सक्रिप्शन 80 डॉलर प्रति गाय हो सकता है।

मीथेन की समस्या

पशुधन से होने वाला मीथेन उत्सर्जन पर्यावरण संरक्षण की बहुत बड़ी समस्या है। विश्व की डेयरी और मांस कंपनियों पर अपनी सप्लाई चेन को दुरुस्त और स्वच्छ रखने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। गायों से 95 फीसदी मीथेन उनकी डकार और नाक के जरिए निकलती है। वातावरण में मीथेन गैस कार्बनडाइऑक्साइड की तुलना में 80 फीसदी ज्यादा ऊष्मा अपने अंदर समेट लेती है।

कारगिल का नेटवर्क

जल्प लिमिटेड को उम्मीद है कि उसे कारगिल के व्यापक नेटवर्क का बहुत लाभ मिलेगा। जल्प के मास्क गाय के मुंह के ऊपर फिट किये जाते हैं। ये एक कार कर कैटेलिटिक कन्वर्टर की तरह काम करते हैं। इस उपकरण में सोलर बैटरी से चलने वाले दो छोटे पंखे लगे होते हैं जो गाय की डकार से को भीतर खींच कर एक चेम्बर में बंद कर देते हैं। इस चेम्बर में मीथेन को सोखने वाला फ़िल्टर लगा होता है। जब फिल्टर पूरा भर जाता है तो एक केमिकल रिएक्शन के जरिये मीथेन गैस कार्बनडाइऑक्साइड में परिवर्तित हो कर बाहर रिलीज हो जाती है। जल्प कम्पनी इन मास्क डिवाइस को बड़ी संख्या में बनाने के लिए कई निर्माताओं के साथ पार्टनरशिप करने वाली है।

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