अब शरीफ आए कतर के समर्थन में, संकट पर सऊदी नेतृत्व से चर्चा करेंगे

Update: 2017-06-12 13:25 GMT

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा सोमवार को सऊदी अरब के एक दिन के दौरे पर रवाना हुए। नवाज का यह दौरा मध्य पूर्व में कूटनीतिक संकट की पृष्ठभूमि में हो रहा है। डॉन ऑनलाइन की रपट के मुताबिक, वित्त मंत्री इशाक डार, प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी उनके प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।

शरीफ की सऊदी नेतृत्व के साथ बातचीत होने की उम्मीद है, जो सऊदी अरब, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात के कतर पर आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगाकर कूटनीतिक संबंध तोड़ लेने से खाड़ी देशों के बिगड़ते संबंधों पर केंद्रित रहेगी।

इससे पहले मध्य पूर्व संकट पर पाकिस्तान ने अपनी प्रतिक्रिया में मुस्लिम जगत में एकता की जरूरत पर बल दिया था और इससे जुड़े देशों से बातचीत का आग्रह किया था।

अपने दौरे से पहले शरीफ ने खाड़ी देशों के शीर्ष पाकिस्तानी राजनयिकों से सऊदी-कतर संकट पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई। पाकिस्तान के सऊदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन में नियुक्त राजदूत और विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने सोमवार को बैठक में भाग लिया।

नवाज ने अपने हाल के कजाकिस्तान दौरे के दौरान पत्रकारों से कहा था, "चूंकि पाकिस्तान के सऊदी अरब, ईरान व कतर के साथ बेहतर संबंध हैं, इसलिए हम अरब देशों के मतभेदों को सुलझाने में अपनी पूरी कोशिश करेंगे।"

पाकिस्तान के सभी खाड़ी देशों के साथ अच्छे संबंध हैं और उसने अपनी संसद में इस संकट को सुलझाने की कोशिश के साथ तटस्थ रहने की बात कही है। बीते सप्ताह नेशनल एसेंबली के सांसदों ने खाड़ी में कूटनीतिक संकट पर गहरी चिंता जताई थी और एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें सभी देशों से संयम दिखाने और अपने मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाने का आग्रह किया था।

कतर का एक छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बीते सप्ताह पाकिस्तान दौरे पर आया था, जिसने कतर अमीर के एक संदेश में पाकिस्तान को मध्य पूर्व में कूटनीतिक संकट को हल करने में सकारात्मक भूमिका निभाने की बात कही थी।

हालांकि, विदेश कार्यालय ने इस तरह के किसी दौरे से इनकार किया है। पाकिस्तान ने रविवार को उस रपट को 'झूठा व मनगढ़ंत' बताकर खारिज कर दिया है, जिसमें मध्य पूर्व में बढ़ते कूटनीतिक संकट के बीच कतर में पाकिस्तानी जवानों को तैनात करने की बात कही गई थी।

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