नेपाल का पुराना नक्शा: ओली के बदले तेवर, रॉ चीफ से मुलाक़ात के बाद किया ये काम

भारत और नेपाल के रिश्ते काफी तल्ख हो गए हैं। हालांकि नेपाल में चीन के लगातार बढ़ रहे दखल के कारण पीएम ओली अपने देश में ही घिरे हुए हैं।

Update:2020-10-25 09:43 IST

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने विजयदशमी के मौके पर नेपाल का पुराना नक्शा ट्वीट करके अपने देश के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं। माना जा रहा है कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के चीफ से मुलाकात के बाद ओली के तेवर नरम पड़े हैं। इसे नेपाल के रुख में बदलाव का बड़ा संकेत माना जा रहा है।

अभी तक भारत की ओर से इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है। हालांकि रॉ के प्रमुख से मुलाकात के बाद ओली विवादों में भी घिर गए हैं क्योंकि उनकी खुद की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी ने ओली को घेरते हुए उन पर कूटनीतिक नियमों को तोड़ने का आरोप लगाया है।

इस कारण दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी

हाल के दिनों में भारत और नेपाल के बीच विवाद का बड़ा कारण नेपाल का नया नक्शा रहा है। दरअसल नेपाल ने नया नक्शा जारी करते हुए भारतीय इलाकों लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधूरा को नेपाल का हिस्सा बताया था। इस विवादित नक्शे को नेपाल की संसद ने भी मंजूरी दे दी थी।



इसके अलावा हाल के दिनों में चीन नेपाल को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए शह देता रहा है। इसी कारण भारत और नेपाल के रिश्ते काफी तल्ख हो गए हैं। हालांकि नेपाल में चीन के लगातार बढ़ रहे दखल के कारण पीएम ओली अपने देश में ही घिरे हुए हैं। विपक्ष का कहना है कि ओली ने पूरी तरह चीन के आगे समर्पण कर दिया है।

नरमी का कारण रॉ चीफ से मुलाकात

नेपाल के प्रधानमंत्री के ट्वीट से एक बार फिर नेपाल के रुख में नरमी आने के संकेत मिल रहे हैं। भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल ने हाल में नेपाल के प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी।

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गोयल की मुलाकात ओली के आधिकारिक आवास पर हुई थी। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद ओली के तेवर नरम पड़े हैं।

नरवणे भी जल्द जाएंगे नेपाल

भारतीय सेना प्रमुख जनरल नरवणे भी जल्द ही नेपाल की यात्रा पर जाने वाले हैं। सूत्रों का कहना है कि जनरल नरवणे की नेपाल यात्रा से दोनों देशों के रिश्ते में आई खटास को दूर करने में और मदद मिलेगी। जानकारों का कहना है कि भारत से नेपाल के रिश्ते तल्ख होने के बाद चीन उसका फायदा उठाने की कोशिश में जुटा हुआ है। नेपाल में भी चीन की साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ आवाज तेज होने लगी है। हालांकि ओली चीन के दखल बढ़ने की बात को स्वीकार नहीं करते।

रॉ चीफ से मुलाकात पर पैदा हुआ विवाद

वैसे रा प्रमुख से ओली की अकेले में हुई मुलाकात से ओली विवादों में भी घिर गए हैं। नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के कई नेताओं ने आरोप लगाया है कि पीएम ओली ने कूटनीतिक नियमों को तोड़ा है।

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेता भीम रावल का कहना है कि रॉ प्रमुख और पीएम ओली के बीच अकेले में हुई बैठक पूरी तरह कूटनीतिक नियमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह बैठक विदेश मंत्रालय के संबंधित विभाग के परामर्श के बिना की गई है।

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नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के प्रकोष्ठ के उप प्रमुख विष्णु रिजाल ने कहा कि नेताओं को कूटनीति के मामले में नहीं फंसना चाहिए बल्कि यह काम राजनयिकों के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए।

कूटनीतिक नियमों का उल्लंघन बताया

नेपाली कांग्रेस के नेता गगन थापा ने भी ओली की रॉ चीफ के साथ मुलाकात पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह मुलाकात कूटनीतिक के नियमों के उल्लंघन के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी खतरा पैदा करने वाली है। उन्होंने इस मामले में जांच कराने की मांग की है।

पहले ऐसी खबरें आई थी कि रॉ चीफ गोयल ने पीएम ओली से मुलाकात के पहले नेपाल के 3 पूर्व प्रधानमंत्रियों पुष्प कमल दहल प्रचंड, माधव कुमार नेपाल और शेर बहादुर देउबा से भी मुलाकात की थी। हालांकि इन तीनों नेताओं ने ऐसी खबरों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी रॉ प्रमुख से कोई मुलाकात नहीं हुई है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने की मुलाकात की पुष्टि

दूसरी ओर नेपाली प्रधानमंत्री के कार्यालय की ओर से पीएम ओली की रॉ चीफ से मुलाकात की पुष्टि की गई है। नेपाली प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने इस मुलाकात की पुष्टि करते हुए इसका ज्यादा ब्योरा देने से इनकार कर दिया।

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हालांकि उन्होंने इस मुलाकात को औपचारिक बताया है। इस मुलाकात के दौरान नेपाली विदेश मंत्रालय का कोई भी प्रतिनिधि मौजूद नहीं था।

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