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पाकिस्तान की दोस्त चीन और सऊदी अरब ने कर दी ऐसी हालत, कांपने लगे इमरान
पाकिस्तान को उसके दोस्तों ने ही धोखा दिया है। एफएटीएफ के 39 सदस्यों में से सिर्फ तुर्की ने ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने के लिए समर्थन किया, लेकिन चीन, सऊदी अरब और मलेशिया ने पाकिस्तान का साथ नहीं दिया।
लखनऊ: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को फाइनेंशिल एक्शन टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) में तगड़ा झटका लगा है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को फरवरी 2021 तक के लिए ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है। इमरान खान चीन, तुर्की, मलेशिया और सऊदी अरब के बल पर फौंक रहे थे, लेकिन उनकी उनकी सारी हेकड़ी निकल गई है।
पाकिस्तान को उसके दोस्तों ने ही धोखा दिया है। एफएटीएफ के 39 सदस्यों में से सिर्फ तुर्की ने ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने के लिए समर्थन किया, लेकिन चीन, सऊदी अरब और मलेशिया ने पाकिस्तान का साथ नहीं दिया।
पाकिस्तान को दगा देने के लिए सऊदी अरब ने कड़ा सबक सिखाया है। पाकिस्तान इन दिनों तुर्की के साथ दोस्ती निभा रहा है। तुर्की के साथ मिलकर कट्टर इस्लामिक मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहा है। एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान और तुर्की दोनों की हेकड़ी निकल गई। तुर्की के राष्ट्रपित रेसेप तैयप एर्दोगानमध्य एशिया में 'खलीफा' बनना चाह रहे हैं। इसलिए सऊदी अरब पाकिस्तान और तुर्की दोनों से नाराज है।
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एर्दोगान अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने में लगे हैं। उनकी इच्छा लंबे समय तक तु्र्की पर शासन करने की है। इसके साथ ही तुर्की और पाकिस्तान की यह नापाक जोड़ी युद्ध में अजरबैजान का साथ दे रही है। आर्मीनिया में सीरियाई आतंकियों के बल पर अजरबैजान की सेना बेहद क्रूर तरीके से युद्ध लड़ रही है।
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एफएटीएफ की मुख्य बैठक से पहले इंटरनेशनल कोऑपरेशन रिव्यू ग्रुप की बैठक हुई। इसमें तुर्की, पाकिस्तान के दोस्त चीन और सऊदी अरब ने मांग की तकनीकी आधार पर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर करना चाहिए। लेकिन बाद में एफएटीएफ की बैठक में चीन और सऊदी अरब ने उसे धोखा दे दिया और समर्थन नहीं किया। पाकिस्तान का सिर्फ तुर्की ने समर्थन किया।
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हर जगह हिंसा को बढ़ावा दे रहा है तुर्की
विशेषज्ञों ने कहा कि तुर्की इन समय इराक, सीरिया, लीबिया, अजरबैजान, ग्रीस हर जगह आग लगा रहा है। पाकिस्तान की दर्दांत खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर तुर्की दुनिया के अलग-अलग इलाकों में हिस्सा फैलाने में लगा है। इसके लिए तुर्की इस्लामिक उग्रवादियों की मदद ले रहा है। तुर्की आए दिन भारत के खिलाफ बयान देता है और अक्सर कश्मीर का मुद्दा उठाता है।
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