न्यूजीलैंड के PM जॉन की ने इस्तीफा दे चौंकाया, कहा- मेरी जॉब से बच्चे बेहद दबाव में रहते हैं

Update: 2016-12-05 11:29 GMT

वेलिंगटन: न्यूजीलैंड के पीएम जॉन की ने सोमवार को इस्तीफा का एलान किया। उनकी इस घोषणा ने सभी को चौंका दिया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, 'मेरे लिए यह फैसला लेना बहुत ही कठिन है। मैं पारिवारिक कारणों से इस्तीफा दे रहा हूं। ये एक बड़ी वजह है। लेकिन और भी कई कारण हैं। वैसे, मेरे लिए राजनीति छोड़ने का यह सही समय है।'

करीबियों के लिए लिया फैसला

जॉन ने कहा, मैंने अपने सबसे करीबी लोगों और अपने परिवार के लिए यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा, 'मेरे बालिग हो चुके बच्चों को अपने पिता के जॉब के चलते बेहद दबाव और दखलंदाजी का सामना करना पड़ता है।'

ये कहा जॉन की ने

एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जॉन की ने कहा, 'मैं हमेशा नई प्रतिभा को आगे आते देखना चाहता हूं। इसीलिए अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मैंने अभी फ्यूचर के लिए कोई योजना नहीं बनाई है, लेकिन मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बना रहूंगा, ताकि मेरे क्षेत्र को अगले साल होने वाले जनरल इलेक्शन से पहले चुनाव का सामना न करना पड़े।'

गौरतलब है कि आगामी 12 दिसंबर को बैठक के बाद नए पार्टी लीडर और नए पीएम का चुनाव होगा। माना जा रहा है कि उसी दिन जॉन औपचारिक तौर पर इस्तीफा देंगे।

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दुनिया के नेताओं के लिए बने मिसाल

इससे पहले कहा जा रहा था कि जॉन अगले साल अपना चौथा जनरल इलेक्शन भी लड़ेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं चाहता था कि वह गलती न करूं जो दुनिया के बाकी नेताओं ने की। इसीलिए राजनीति में टॉप पर होने के बावजूद मैं पद छोड़ रहा हूं।' ज्ञात हो कि 55 साल के जॉन की 19 नवंबर 2008 को न्यूजीलैंड के 38वें पीएम चुने गए थे।

अक्टूबर में आए थे भारत

जॉन की इसी साल 25 अक्टूबर को भारत की तीन दिन की यात्रा पर आए थे। इस दौरान जॉन और नरेंद्र मोदी के बीच एनएसजी में भारत की एंट्री पर बात हुई थी। भारत ने एनएसजी के लिए न्यूजीलैंड से समर्थन मांगा था।

कौन होगा अगला पीएम?

जॉन के इस्‍तीफे के बाद अब बिल इंग्लिश को पीएम पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। जॉन ने कहा, मैं अपने डिप्टी बिल इंग्लिश का नए रोल के लिए समर्थन करूंगा।'

जॉन का राजनीतिक करियर

राजनीति में जॉन की एंट्री काफी देर से हुई थी। 2002 में वो पार्लियामेंट पहुंचे थे। 2006 में जॉन सत्तासीन नेशनल पार्टी के नेता चुने गए। इसके बाद 2008 में लेबर पार्टी की सरकार को हटाकर वे पीएम बने। जॉन ने अपनी लोकप्रियता को बरकरार रखते हुए साल 2011 और 2014 का चुनाव भी जीता था।

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