Peru president: स्कूल का टीचर बना पेरू का प्रेसिडेंट

लैटिन अमेरिकी देश पेरू में एक स्कूली टीचर पेड्रो कास्टिल्यो नए प्रेसिडेंट चुने गए हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-06-21 07:17 GMT

स्कूल का टीचर बना पेरू का प्रेसिडेंट: फोटो- सोशल मीडिया

Peru president: लैटिन अमेरिकी देश पेरू में एक स्कूली टीचर पेड्रो कास्टिल्यो नए प्रेसिडेंट चुने गए हैं। पेड्रो ने देश के संविधान और न्यायपालिका को पूरी तरह बदल देने का वादा किया है। वामपंथी विचारधारा के पेड्रो कास्टिल्यो का टीचर से प्रेसिडेंट बनने का सफर बहुत रोचक रहा है। वे कर साल पहले गांव के एक स्कूल में टीचर थे। टीचरों की हड़ताल में पेड्रो एक नेता के रूप में आगे आये और फिर उनका राजनीतिक सफर शुरू हो गया। इस हड़ताल ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलायी।

मामूली अंतर से जीते

पेरू में छह जून को राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में बहुत मामूली अंतर से पेड्रो कास्टिल्यो ने जीत हासिल की है। हालांकि उनकी प्रतिद्वंद्वी कीको फुजिमोरी ने चुनावों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए नतीजों को चुनौती देने का फैसला किया है। फुजिमोरी आर्थिक उदारवादी और निरंकुश सत्तावादी नेता मानी जाती हैं। वे जेल में बंद पूर्व राष्ट्रपति की बेटी हैं।

ग्रामीण स्कूल के टीचर

पेरू के सुदूर ताकाबाम्बा जिले के एक छोटे से गांव में 2017 तक पेड्रो कास्टिल्यो पढ़ाते थे। यहां से करीब 200 किलोमीटर दूर क्षेत्रीय राजधानी काजामारका पहुंचने में पूरा एक दिन लग जाता है।

गश्ती दल से जुड़े थे पेड्रो

52 वर्षीय कास्टिल्यो अपने युवा दिनों में किसानों के स्थानीय गश्ती दल का हिस्सा थे। सन 80 और 90 के दशक में पेरू में जबर्दस्त आंतरिक उथल पुथल रही। उस दौरान माओवादियों विद्रोहियों और सेना के बीच लम्बे समय तक संघर्ष चला। इस लड़ाई में शाइनिंग पाथ भी शामिल था। इनकी लड़ाई में किसानों और ग्रामीणों पर बहुत आफत रहती थी। सो, आंतरिक संघर्ष के दौरान स्थानीय समुदायों को गोरिल्ला हमलों से बचाने के लिए किसानों ने गश्ती दलों का गठन किया था।

मेयर का चुनाव लड़ा

पेड्रो ने 2002 में आन्गुया शहर के मेयर का चुनाव भी लड़ा था लेकिन वे हार गए थे। उन्हें लोगों की निगाहों में 2017 में हुई शिक्षकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल ने ला दिया। शिक्षकों की समस्याओं को लेकर हुई हड़ताल सफल रही थी। पाब्लो कुचजिन्स्की उस समय पेरू के राष्ट्रपति थे। उन्होंने शिक्षकों की वेतन में बढ़ोत्तरी समेत बहुत सारी मांगे मान ली थीं। ऐसे में एक कामयाब नेता के रूप में पेड्रो का कद बढ़ गया।

मार्क्सवादी विचारधारा

पेड्रो कास्टिल्यो की पार्टी 'फ्री पेरू' मार्क्सवादी लेनिनवादी धारा से प्रभावित है। इसी बात से उनके विरोधी आरोप लगाते हैं कि कम्युनिस्ट आतंकी संगठनों के प्रति वामपंथी उदारता दिखा रहे हैं। वैसे, फ्री पेरू पार्टी के एक प्रमुख सदस्य शाइनिंग पाथ के सदस्य रह चुके हैं।

संविधान बदलने का वादा

चुनाव से पहले पेड्रो ने वादा किया था कि जीतने पर वे देश का संविधान बदल देंगे। उन्होंने पेरू के संविधान को "जनता के रंग, महक और स्वाद" के साथ फिर से लिखने के लिए संविधान सभा के गठन का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा उन्होंने संवैधानिक अदालत को पूरी तरह बदलने की योजना का ऐलान किया है। उनका कहना है कि अब एक न्यायाधिकरण बनाया जाएगा जिसके सदस्यों का चुनाव विधायिका के बजाय जनता से कराया जाएगा।

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