संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश भागे रोहिंग्या समुदाय के हजारों लोगों की स्वैच्छिक म्यांमार वापसी को सुनिश्चित करने और म्यांमार के रखाइन प्रांत में अबाधित मानवीय सहायता पहुंचाने देने का आह्वान किया है।
एफे न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के अतिरिक्त उच्चायुक्त (प्रोटेक्शन) वोल्कर टर्क ने नेपीडा के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान म्यांमार सरकार के सदस्यों से मुलकात के बाद यह आह्वान किया।
बैठक के दौरान, टर्क ने सरकार से 'सुरक्षित माहौल और रखाइन प्रांत में सभी समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने' और 'जिंदगी बचाने वाली सहायता व समुदायों के बीच आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए' मानवीय संगठनों की निर्बाध पहुंच सुनिश्चित कराने के लिए भी कहा।
टर्क ने शरणार्थियों के लौटने के अधिकार के बारे में भी दोहराया और उनके 'जन्म स्थान पर उनकी सुरक्षित, स्वैच्छिक और सतत वापसी' को सुनिश्चित करने के लिए कहा।
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने म्यांमार सरकार के 'स्वैच्छिक वापसी के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानक पर' संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के साथ साझा कार्यशाला आयोजन के प्रस्ताव की सराहना की और सरकार के प्रति अपने समर्थन को दोहराया।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 25 अगस्त को रखाइन में रोहिंग्या विद्रोहियों द्वारा पुलिस और सैन्य पोस्ट पर हमले और इसके बाद म्यांमार सेना की ओर से प्रतिक्रियास्वरूप हमले और हिसा से 603,000 शरणार्थी बांग्लादेश भाग गए थे। ये लोग बांग्लादेश में शरणार्थी शिविरों में रह रहें हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने रोहिंग्या अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ म्यांमार सेना की कार्रवाई को 'जातीय नरसंहार' कहा था। म्यांमार रोहिंग्या को अपना नागरिक नहीं मानता है।
--आईएएनएस