Russia Ukraine War: यूक्रेन विदेशी लड़ाकों को देगा अपनी नागरिकता
Russia Ukraine War : रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में यूक्रेन यूक्रेन की तरफ से लड़ने वाले अमेरिकी और यूरोपीय नागरिकों को यूक्रेन अपने देश की नागरिकता देगा।
Russia Ukraine War : यूक्रेन ने कहा है कि उसके देश की रक्षा करने वाले विदेशी लड़ाकों और वालंटियर्स को यूक्रेन की नागरिकता दी जायेगी। यूक्रेन की ये ऐलान यूरोप में रहने-बसने की चाहत रखने वालों के लिए बहुत बड़ा आकर्षण होने वाला है। रूस के खिलाफ लड़ाई में योगदान करने के लिए यूक्रेन पहुंचे बहुत से विदेशी, खासकर अमेरिकी तो एडवेंचर के लिए आये हैं लेकिन गरीब या पिछड़े देशों के लोगों के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता। जबसे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने विदेशियों को लड़ने का खुला न्योता दिया है तबसे स्थिति में एक नया आयाम जुड़ गया है।
अमेरिकी नागरिकों ने लिया युद्ध में भाग
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूसी आक्रमण के बाद यूक्रेन की रक्षा में मदद करने के लिए स्वयंसेवकों को आमंत्रित किया था। इसके बाद करीब 3,000 अमेरिकी नागरिकों ने कथित तौर पर स्वेच्छा से लड़ाई में भाग लिया है। मार्च की शुरुआत में यूक्रेनी अधिकारियों ने घोषणा की थी कि वे एक अंतरराष्ट्रीय ब्रिगेड की स्थापना कर रहे हैं। ज़ेलेंस्की ने अब कहा है कि यूक्रेन के लिए लड़ने के लिए 20 हजार विदेशी स्वयंसेवक आ रहे हैं। इनमें ज्यादातर यूरोप से हैं।
स्वयंसेवकों को मिलेगी यूक्रेन की नागरिकता
यूक्रेनी राष्ट्रीय समाचार एजेंसी, यूक्रिनफॉर्म के अनुसार यूक्रेन के उप आंतरिक मंत्री येवेन येनिन ने कहा है कि यूक्रेन के लिए स्वेच्छा से लड़ने वाले विदेशी नागरिक यूक्रेनी नागरिकता के लिए पात्र होंगे। एक बयान में येनिन ने कहा कि यूक्रेन क्षेत्रीय रक्षा की एक अंतर्राष्ट्रीय सेना बना रहा है जिसमें विदेशी शामिल हैं जो रूसी हमलावरों के खिलाफ प्रतिरोध में शामिल होना चाहते हैं और वैश्विक सुरक्षा की रक्षा करना चाहते हैं। लेनिन के अनुसार, विदेशी स्वयंसेवकों की संख्या हर समय बढ़ रही है।
विदेशी स्वयंसेवकों के साथ अनुबंध के तहत इन लोगों को एक सैन्य पासपोर्ट प्राप्त करने की अनुमति मिलेगी और यह उनके निवास परमिट की जगह ले लेगा। अगर वे भविष्य में यूक्रेनी नागरिक बनना चाहते हैं यूक्रेन के कानून के तहत इसकी अनुमति दी जायेगी। बताया जाता है कि यूक्रेन के दूतावासों ने विदेशी लड़ाकों को भर्ती करने में मदद की है। विदेशी लड़ाकों में कुछ को सैन्य प्रशिक्षण दिया गया है लेकिन कई को कोई प्रशिक्षण नहीं मिला है। यूक्रेनी विदेश मंत्री ने तो विदेशी स्वयंसेवकों की अवधारणा का विस्तार करते हुए कहा है कि जो लोग रूस के खिलाफ प्रतिशोध की भावना से लड़ना चाहते हैं उनको भी सेना में शामिल किया जाएगा।