Bangladesh: शेख हसीना का अमेरिका पर बड़ा आरोप,सेंट मार्टिन आईलैंड दे देती तो नहीं जाती पीएम की कुर्सी

Bangladesh: पूर्व पीएम शेख हसीना ने अपने करीबी सहयोगियों को भेजे संदेश में कहा है कि मुझे अमेरिका के कारण बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-08-11 08:52 GMT
पूर्व पीएम शेख हसीना (Pic: Social Media)

Bangladesh: बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना ने अमेरिका पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी सरकार गिराने में अमेरिका का हाथ बताया है। उन्होंने कहा कि अगर वे अमेरिका को सेंट मार्टिन आइलैंड दे देतीं तो उनकी प्रधानमंत्री पद की कुर्सी नहीं जाती। बांग्लादेश छोड़ने के बाद भारत में रह रही शेख हसीना ने देश के नागरिकों से कट्टरपंथियों के बहकावे में न आने की अपील भी की है। उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं की हत्या किए जाने पर दुख जताते हुए जल्द ही वतन वापसी की बात भी कही है। उन्होंने कहा कि छात्रों को उकसाने के लिए उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।

अमेरिका के कारण छोड़नी पड़ी कुर्सी

इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक शेख हसीना ने अपने करीबी सहयोगियों को भेजे संदेश में कहा है कि मुझे अमेरिका के कारण बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। अगर मैं सेंट मार्टिन द्वीप और बंगाल की खाड़ी को अमेरिकी कंट्रोल में सौंप देती तो मेरी कुर्सी बच सकती थी। अमेरिका यहां पर अपना सैन्य बेस बनाना चाहता था मगर देश की संप्रभुता को बचाने के लिए मुझे सत्ता से बेदखल होना पड़ा।


जून 2021 में बांग्लादेश के अखबारों में छपी खबरों में दावा किया गया था कि अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप मांग रहा है क्योंकि यहां पर वह अपना सैन्य बेस बनाना चाहता है। संसद में भी यह बात कही गई थी कि अमेरिका यह द्वीप हासिल करने और क्वॉड का मेंबर बनने के लिए दबाव बना रहा है। अब शेख हसीना ने खुलासा किया है कि यह द्वीप न देने की वजह से ही वे सत्ता छोड़ने पर मजबूर हो गईं।

कट्टरपंथियों के बहकावे में न आने की अपील

शेख हसीना ने अपने संदेश में कहा है कि मैंने इसलिए इस्तीफा दे दिया क्योंकि मैं लाशों का ढेर नहीं देखना चाहती थी। उन्होंने अपने देश के नागरिकों से अपील की कि उन्हें कट्टरपंथियों के बहकावे में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मैं देश में बनी रहती तो काफी संख्या में लोगों की जान जाती और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जाता। इसी कारण मुझे देश छोड़ने का कठिन फैसला लेना पड़ा।


उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी अवामी लीग के कई नेता मार दिए गए और यह देखकर मेरा दिल रो रहा है। उन्होंने कहा की अवामी लीग कई बार चुनौतियों से लड़कर फिर खड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि मैं बांग्लादेश के लिए हमेशा प्रार्थना करूंगी क्योंकि इस देश का सपना मेरे पिता ने देखा था। मेरे परिवार ने इस देश के लिए कुर्बानी दी है।

छात्रों को कभी रजाकार नहीं कहा

अपने संदेश के जरिए शेख हसीना ने नाराज छात्रों को भी मनाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि मैंने बांग्लादेश के छात्रों को कभी रजाकार नहीं कहा। छात्रों को उकसाने के लिए मेरी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। उन्होंने कहा की साजिश रचने वालों ने देश को अस्थिर बनाने में छात्रों का इस्तेमाल किया है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि आगे देश में ऐसी सरकार बनाने की कोशिश की जा रही है जिसका कोई लोकतांत्रिक अस्तित्व नहीं रहेगा। शेख हसीना ने जल्द ही वतन वापस लौटने की बात भी कही है। 

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