वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता, सिर्फ इतने मिनट में आएगा कोरोना जांच का रिजल्ट

कोरोना के मामले पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं। सभी देश टेस्ट की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। अब इस बीच सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने नई तकनीक विकसित की है।

Update: 2020-07-27 18:00 GMT
Covid-19

सिंगापुर: कोरोना के मामले पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं। सभी देश टेस्ट की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। अब इस बीच सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने नई तकनीक विकसित की है। इस तकनीक से प्रयोगशाला में होने वाली कोविड-19 की जांच के नतीजे सिर्फ 36 मिनट में ही आ जाएंगे।

मौजूदा जांच प्रणाली में उच्च प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों की आवश्कता होती है। कोरोना जांच के नतीजे आने में कई घंटे लग जाते हैं।

नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (NTC) के ‘ली कांग चियान स्कूल ऑफ मेडिसिन’ में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इस नई तकनीक में ‘कोविड-19 की प्रयोगशाला जांच में लगने वाले समय और लागत में सुधार के तरीके ’ सुझाव दिए गए हैं।

यह भी पढ़ें...सरकार का बड़ा फैसला: 23 कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने का एलान, इस मौके का इंतज़ार

जाच में इस किट का होगा इस्तेमाल

वैज्ञानिकों ने बताया कि परीक्षण, जिसे पोर्टेबल उपकरणों के साथ किया जा सकता है, उसे समुदाय में एक ‘स्क्रीनिंग टूल’ के रूप में भी तैनात कर सकते हैं। उनका कहना है कि नई तकनीक से कोविड-19 की प्रयोगशाला जांच की रिपोर्ट 36 मिनट में आ सकती है।

यह भी पढ़ें...ठाकरे के भूमि पूजन संबंधी सुझाव पर विहिप भड़की, शिवसेना पर बोला बड़ा हमला

तकनीक का नाम है पीसीआर

वर्तमान में कोविड-19 जांच के लिए सबसे संवेदनशील तरीका ‘पोलीमरेज़ चैन रिएक्शन (पीसीआर) नामक एक प्रयोगशाला तकनीक है। इसमें एक मशीन वायरल आनुवंशिक कणों को बार-बार कॉपी उसकी जांच करती है ताकि सार्स-सीओवी-2 वायरस के किसी भी लक्षण का पता लगाया जा सकता है। इसके साथ ही आरएनए की जांच में सबसे ज्यादा समय लगता है, जिसमें रोगी के नमूने में अन्य घटकों से आरएनए को अलग किया जाता है।

यह भी पढ़ें...चारधाम यात्रा 2020: अब सभी को मिली अनुमति, अब तक 534 ई-पास जारी

इस जांट प्रक्रिया में जिन रसायनों की आवश्यकता होती है उसकी आपूर्ति दुनिया में कम है। एनटीयू एलकेसीमेडिसन द्वारा विकसित नई तकनीक कई चरणों को एक-दूसरे से जोड़ती है और इससे मरीज के नमूने की सीधी जांच की हो सकती है। यह नतीजे आने के समय को कम और आरएनए शोधन रसायनों की जरूरत को खत्म करती है। इस नई तकनीक की विस्तृत जानकारियों वैज्ञानिक पत्रिका ‘जीन्स’ में प्रकाशित की है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News