South africa News: जिम्बाब्वे और नामीबिया भयंकर सूखे की चपेट में, खाने के लिए जंगली जानवरों को मारा जा रहा

South africa News: जिम्बाब्वे और नामीबिया भयंकर सूखे की चपेट में हैं और हालात इतने खराब हैं कि दोनों देशों को जंगली जानवरों को मारकर उनका मांस बांटने पर मजबूर होना पड़ा है। नामीबिया सरकार ने 723 जानवरों को मारने की मंजूरी दी है, जिसमें 83 हाथी, 30 दरियाई घोड़े, 60 भैंसे, 50 इम्पाला, 300 ज़ेबरा और 100 एलैंड शामिल हैं।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2024-10-04 15:22 IST

South africa News (Pic- Newstrack) 

South africa News: ज़िम्बाब्वे और नामीबिया भयंकर सूखे की चपेट में हैं और हालात इतने खराब हैं कि दोनों ही देश जंगली जानवरों को मार कर उनका मांस बाटने पर मजबूर हो गए हैं। नामीबिया सरकार ने 723 जानवरों को मारने की मंजूरी दी है, जिम्बाब्वे और नामीबिया भयंकर सूखे की चपेट में हैं और हालात इतने खराब हैं कि दोनों देशों को जंगली जानवरों को मारकर उनका मांस बांटने पर मजबूर होना पड़ा है। नामीबिया सरकार ने 723 जानवरों को मारने की मंजूरी दी है, जिसमें 83 हाथी, 30 दरियाई घोड़े, 60 भैंसे, 50 इम्पाला, 300 ज़ेबरा और 100 एलैंड शामिल हैं।जिनमें 83 हाथी, 30 दरियाई घोड़े, 60 भैंसे, 50 इम्पाला, 300 ज़ेबरा और 100 एलैंड शामिल थे। वहीँ ज़िम्बाब्वे ने 200 हाथियों को मारने का फैसला किया है। विडंबना ये है कि ज़िम्बाब्वे में बड़ा स्वर्ण भण्डार है जबकि नामीबिया में हीरों का भण्डार है लेकिन इसके बावजूद प्रकृति की मार ने इन्हें तबाह कर रखा है।

दरअसल, अल नीनो के कारण सूखे ने दक्षिणी अफ्रीका को तबाह कर दिया है। दक्षिणी अफ्रीका में सबसे खराब सूखे की स्थिति है, जिसकी वजह से करीब 7 करोड़ लोग बिना पर्याप्त भोजन और पानी के रह गए हैं। जिम्बाब्वे और नामीबिया दोनों ने आपातकाल की घोषणा कर दी है। सूखे ने इस क्षेत्र के लोगों को सीधे प्रभावित किया है, जिसके परिणामस्वरूप खाद्य पदार्थों की भारी कमी और भयावह स्थिति पैदा हो गई है। 1988 के बाद यह पहली बार होगा जब ज़िम्बाब्वे ने हाथियों को मारा है। ज़िम्बाब्वे में लगभग 2,00,000 हाथी एक ऐसे संरक्षण क्षेत्र में रहते हैं जो पाँच दक्षिणी अफ़्रीकी देशों- ज़िम्बाब्वे, जाम्बिया, बोत्सवाना, अंगोला और नामीबिया में फैला हुआ है - जो इसे दुनिया भर में हाथियों के सबसे बड़े आवासों में से एक बनाता है।

नामीबिया के बारे में

नामीबिया का क्षेत्र 8,25,615 वर्ग किलोमीटर का है और अफ्रीका के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित देश दक्षिण अफ्रीका के शासन के खिलाफ लंबे संघर्ष के बाद 1990 में आजाद हुआ था। नामीबिया की पश्चिमी सीमा अटलांटिक महासागर है। यह उत्तर में अंगोला और जाम्बिया, पूर्व में बोत्सवाना और पूर्व और दक्षिण में दक्षिण अफ्रीका के साथ भूमि सीमा साझा करता है। नामीबिया की खासियत ये भी है कि यह उप-सहारा अफ्रीका का सबसे शुष्क देश है। यह दुनिया के सबसे कम आबादी वाले देशों में से एक है। नामीबिया काफी हद तक भूजल पर निर्भर है। देश के अंदरूनी हिस्सों में, सतही जल केवल गर्मियों के महीनों में उपलब्ध होता है जब नदियाँ असाधारण वर्षा के बाद बाढ़ में होती हैं। पिछली सदी में नामीबिया में 1,00,000 से ज़्यादा बोरहोल खोदे गए हैं। इनमें से एक तिहाई बोरहोल सूखे ही खोदे गए हैं।

ज़िम्बाब्वे

इसी साल अप्रैल में स्थानीय ज़िम्बाब्वे के अधिकारियों ने घोषणा की थी कि देश में राष्ट्रव्यापी आपदा की स्थिति है। आँकड़ों से पता चला है कि देश के ग्रामीण भागों में 57 प्रतिशत लोग जनवरी और मार्च 2025 के बीच भीषण भुखमरी की चपेट में आने वाले हैं।

ज़िम्बाब्वे दक्षिण पूर्व अफ़्रीका में ज़ाम्बेज़ी और लिम्पोपो नदियों के बीच जमीन से घिरा देश है, जिसकी सीमा दक्षिण में दक्षिण अफ़्रीका, दक्षिण-पश्चिम में बोत्सवाना, उत्तर में जाम्बिया और पूर्व में मोज़ाम्बिक से लगती है। 2022 की जनगणना के अनुसार लगभग ज़िम्बाब्वे की जनसंख्या डेढ़ करोड़ है।

जिम्बाब्वे में 84,000 से ज़्यादा हाथी हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी में से एक है। भयंकर सूखे के कारण संसाधनों के लिए संघर्ष कम होता जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप मानव और पशु संघर्ष हो रहे हैं। 1988 के बाद से जिम्बाब्वे में यह पहला सामूहिक वध होगा। बता दें कि हाथियों के संरक्षण के प्रयासों के लिए जिम्बाब्वे की सराहना की गई है। हालांकि, देश कथित तौर पर हाथीदांत और जीवित हाथियों के व्यापार पर प्रतिबंध हटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र पर दबाव बना रहा है। जिम्बाब्वे के पास वर्तमान में लगभग 600,000 डॉलर मूल्य का हाथीदांत है जिसे वह अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण नहीं बेच सकता है।

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