ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में सेक्सवर्क के दलदल में फंसने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ी

Update: 2019-01-04 08:16 GMT
ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में सेक्सवर्क के दलदल में फंसने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ी

ब्रिटेन । विश्वविद्यायालयों की पढ़ाई के बढ़ते खर्च ने एक नई समस्या को जन्म दिया है। यूनिवर्सिटीज के खर्च में भारी इजाफा होने के कारण ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या तेजी से बढ़ी है, जो सेक्स वर्क के दलदल में फंस गए हैं। यह समस्या दिनों दिन गंभीर होती जा रही है मगर इस समस्या के निदान की दिशा में कुछ भी नहीं किया जा रहा है। ऐक्टिविस्ट्स का मानना है कि विश्वविद्यालयों को इस मुद्दे को संज्ञान में लेना चाहिए और इस मुद्दे पर स्टूडेंट्स का समर्थन करते हुए कुछ कदम उठाने चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालयों के उदासीन रवैये की निंदा की है। उनका कहना है कि एजुकेशन की फंडिंग के लिए सेक्स वर्क में छात्रों की संख्या बढऩे के बावजूद विश्वविद्यालयों की ओर से कोई कार्रवाई न करना आश्चर्यजनक है।

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तेजी से बढ़ रहा ट्रेंड

इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज में ऐसा ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लिविंग कॉस्ट में इजाफे, अधिक स्टूडेंट फीस और ऑनलाइन ऐप्स तक एक्सेस के चलते यह स्थिति पैदा हुई है। ऐसे छात्रों को ऐप्स के चलते मदद मिली है, जिन्होंने सेक्स वर्क के परंपरागत तरीकों में बड़ा बदलाव किया है। ऐसे में छात्र स्टडी के दौरान ही अपनी लाइफस्टाइल मेंटेन करने और पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए सेक्स वर्क से जुड़ जाते हैं।

मजबूरी में छात्रा ने उठाया कदम

ब्रिटेन में एक विश्वविद्यालय की छात्रा ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि जब वह 18 साल की थी तो खर्च चलाने के लिए सेक्स वर्क के लिए राजी हो गयी थी। उसका कहना है कि स्टूडेंट लोन के बावजूद उसके खर्चे पूरे नहीं हो रहे थे। इस कारण उसने मजबूरी में यह कदम उठाया। छात्रा का कहना है कि उसे माता-पिता से मदद नहीं मिल पा रही थी। उसने पहले दूसरा काम करने की कोशिश की मगर सीखने में कठिनाइयों के चलते वह जॉब नहीं कर सकी। तब उसके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं रह गया था। छात्रा का कहना है कि सेक्स वर्क में शामिल युवा लोगों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। छात्रा का कहना है कि वित्तीय संस्थाओं से छात्रों को मदद मिलने की संभावनाएं लगातार कमजोर होती जा रही हैं और ब्रिटेन में रेंट लगातार बढ़ता जा रहा है। अब 22 साल की हो चुकी इस छात्रा का कहना है कि अब वह आगे की पढ़ाई करना चाहती है। इस छात्रा को लगता है कि आगे की पढ़ाई के लिए उसे सेक्स वर्क का ही सहारा लेना पड़ेगा।

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सेक्स वर्क से खाने व पेट्रोल का खर्चा

वेल्स में एक विश्वविद्यालय की छात्रा का कहना है कि यदि सेक्स से जुड़ा काम ऑनलाइन न होता तो मैं इस क्षेत्र में जाने के बारे में न सोचती। नाम न छापने की शर्त पर इस छात्रा का कहना है कि नए लोगों से मिलना मुश्किल भरा काम है। लोगों से आमने-सामने मिलना मुझे अच्छा नहीं लगा। 23 साल की इस छात्रा का कहना है कि पढ़ाई के दूसरे साल उसने सेक्स वीडियो बनाना शुरू कर दिया। जब उसने अपनी दोस्तों को इस काम के बारे में बताया तो उन्हें कोई अचरज नहीं हुआ। छात्रा का कहना है कि इंटरनेट के कारण यह सबकुछ अब बहुत सामान्य सी बात हो गयी है। इस छात्रा का कहना है कि वह हर हफ्ते 70 पाउंड की कमाई कर लेती है जिससे उसके खाने और पेट्रोल का खर्चा निकल जाता है।

शिक्षण संस्थान नहीं दे रहे ध्यान

एक्सपट्र्स का कहना है कि स्टूडेंट्स के सेक्सवर्क से जुडऩे की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं मगर इसके बाद भी शिक्षण संस्थानों का इस मुद्दे की ओर कोई ध्यान नहीं है। यहां तक कि एक मामले में तो सेक्स वर्क से जुडऩे को मजबूर हुई छात्रा को संस्थान ने निकालने की धमकी दी। संस्थान स्टूडेंड्स की समस्या को समझने को तैयार नहीं हैं।

 

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