Tiktok Ban in US: अब अमेरिका में भी बैन हुआ टिकटॉक, चीन ने ओवररिएक्ट के लगाये आरोप

Tiktok Ban in US: कनाडा ने मंगलवार से सरकारी उपकरणों पर ऐप पर नया प्रतिबंध लगा दिया है। पिछले हफ्ते, यूरोपीय आयोग और यूरोपीय परिषद ने कर्मचारियों को अपने फोन और कॉर्पोरेट उपकरणों से टिकटॉक ऐप को हटाने का आदेश दिया था। 2020 में भारत सरकार ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था।

Written By :  Viren Singh
Update:2023-02-28 17:40 IST

Tiktok Ban in US(सोशल मीडिया) 

Tiktok Ban in US: भारत में चीनी वीडियो ऐप आधारित कंपनी टिककॉट के बैन होने के बाद से अब अमेरिकी में भी इसको बैन करने के लिए कदम उठाना शुरू हो गए हैं। यूएस सरकार ने चीनी वीडियो ऐप टिककॉट पर प्रतिबंधन लगाने के लिए सबसे संघीय कर्मचारियों को चुना है। इस संदर्भ में अमेरिका की जो बाइडन सरकार ने एक आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि सभी संघीय कर्मचारी अपने फोन से वीडियो ऐप टिकटॉक को तत्काल प्रभाव से हटाएं। सरकार द्वारा जारी इस आदेश के बाद चीन सरकार की ओर से एक ओर से प्रतिक्रिया जारी की गई है। इस पर चीन ने अमेरिका पर ओवररिएक्ट करने का आरोप लगाया है।

सोमवार को व्हाइट हाउस ने सरकारी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के लिए 30 दिन का समय दिया कि कर्मचारियों के पास संघीय उपकरणों पर चीनी स्वामित्व वाला ऐप नहीं हो। इससे पहले यूरोपीय संघ और कनाडा की सरकारों ने अपने सरकारी कर्मचारियों के फोन से चीनी एप टिकटॉक को हटाने का आदेश दिया था। अब अमेरिका का यह कमद उन्हें देशों का अनुसरण करता है।

गलत कार्यों का दृढ़ता से करते हैं विरोध: निंग

चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने अमेरिका पर विदेशी फर्मों को दबाने के लिए राज्य की शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। प्रवक्ता माओ निंग ने मंगलवार को एक समाचार ब्रीफिंग के दौरान संवाददाताओं से कहा, "हम उन गलत कार्यों का दृढ़ता से विरोध करते हैं।" अमेरिकी सरकार को बाजार अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के सिद्धांतों का सम्मान करना चाहिए। कंपनियों को दबाव बनाना बंद करना चाहिए । अमेरिका में विदेशी कंपनियों के लिए एक खुला, निष्पक्ष और गैर-भेदभावपूर्ण वातावरण प्रदान करना चाहिए।

माओ निंग ने कहा कि अमेरिका जैसी दुनिया की शीर्ष महाशक्ति अपने आप में युवाओं के पसंदीदा ऐप से डरने के लिए कितनी अनिश्चित हो सकती है। टिकटॉक पर आरोप लगे हैं कि यह उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराता है और इसे चीनी सरकार को सौंप देता है। इससे कुछ खुफिया एजेंसियों को चिंता है कि जब ऐप को सरकारी उपकरणों पर डाउनलोड किया जाता है तो संवेदनशील जानकारी उजागर हो सकती है।

वहीं, टिकटॉक का कहना है कि वह कभी भी उपयोगकर्ता डेटा साझा करने के आदेश का पालन नहीं करेगा और जोर देकर कहता है कि यह अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से अलग तरीके से काम नहीं करता है।

OMB के निदेशक यंग का बयान

सोमवार को यूएस ऑफ़िस ऑफ़ मैनेजमेंट एंड बजट (OMB) के निदेशक शालंडा यंग ने एजेंसियों को बताया कि गोपनीय डेटा की सुरक्षा के लिए उन्हें राज्य द्वारा जारी सभी फोन से ऐप को खंगालना पड़ा। यह कदम संवेदनशील सरकारी डेटा के लिए ऐप द्वारा प्रस्तुत जोखिमों को दूर करने क लिए महत्वपूर्ण है।

हालांकि अमेरिका के कुछ संघीय कार्यालयों जिनमें व्हाइट हाउस और रक्षा विभाग, गृहभूमि सुरक्षा और राज्य शामिल हैं, ने पहले ही अपने उपकरणों से टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सीनेट में कानून पारित होनी की उम्मीद

अमेरिकी संघीय मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी क्रिस डेरूशा ने कहा कि इस कदम ने राष्ट्रपति जो बिडेन प्रशासन की हमारे डिजिटल बुनियादी ढांचे को सुरक्षित करने और अमेरिकी लोगों की सुरक्षा और गोपनीयता की रक्षा करने की निरंतर प्रतिबद्धता पर जोर दिया। मंगलवार की घोषणा अमेरिकी प्रतिनिधि सभा द्वारा दिसंबर में कानून के पारित होने के बाद की गई, जिसने राज्य द्वारा जारी फोन पर टिकटॉक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया और एजेंसी के निर्देश जारी करने के लिए व्हाइट हाउस को 60 दिन का समय दिया। कांग्रेस के रिपब्लिकन को आने वाले हफ्तों में और कानून पारित करने की उम्मीद है, जो राष्ट्रपति बिडेन को राष्ट्रीय स्तर पर ऐप पर प्रतिबंध लगाने की शक्ति देगा।

इन देशों में भी लगा प्रतिबंध

कनाडा ने भी मंगलवार से सरकारी उपकरणों पर ऐप पर नया प्रतिबंध लगा दिया है। पिछले हफ्ते, यूरोपीय आयोग और यूरोपीय परिषद ने कर्मचारियों को अपने फोन और कॉर्पोरेट उपकरणों से टिकटॉक ऐप को हटाने का आदेश दिया था।

इस वजह से भारत में हुआ टिकटॉक बैन

साल 2020 में भारत सरकार ने चीनी शॉर्ट वीडियो ऐप कंपनी टिकटॉक (TikTok) को प्रतिबंध कर दिया था। यह प्रतिबंध सरकार ने नेशनल सिक्योरिटी के चलते लगया था।  दरअसल, 20 जून, 2022 को भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी में भीषण हिंसक झड़प हुई थी। इस हिंसक झड़प में भारत के 20 वीर योद्धा शहादत को प्राप्त हुए थे,जबकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना में 38 चीनी सैनिक की मौत होने की पुष्टि की गई थी। हालांकि चीन सरकार ने 4 सैनिकों की मौत को कबूला था, लेकिन मौतों का आंकड़ा काफी बहुत बड़ा था। इस हिंसक झड़प के बाद भारत सरकार ने चीनी कंपनियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुये कईयों कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसमें TikTok भी शामिल था।

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