अभिनंदन मामले में जेनेवा कन्वेंशन का मखौल उड़ा रहा पाकिस्‍तान

विंग कमांडर अभिनंदन इस समय पाकिस्तान के कब्जे में हैं। उनके साथ मार-पीट भी की गई है। अभिनंदन के कई  वीडियो पाकिस्तान ने शेयर किए हैं जो कि जेनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन हैं। लेकिन इन वीडियो में जो बात साफ़ नजर आ रही है वो ये है कि अभिनंदन कहीं से भी कमजोर या दबाव में नजर नहीं आ रहे।

Update:2019-02-28 12:20 IST

नई दिल्ली: विंग कमांडर अभिनंदन इस समय पाकिस्तान के कब्जे में हैं। उनके साथ मार-पीट भी की गई है। अभिनंदन के कई वीडियो पाकिस्तान ने शेयर किए हैं जो कि जेनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन हैं। लेकिन इन वीडियो में जो बात साफ़ नजर आ रही है वो ये है कि अभिनंदन कहीं से भी कमजोर या दबाव में नजर नहीं आ रहे। उनके चेहरे से आत्मविश्वस झलक रहा है।

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एक वीडियो में अभिनंदन हाथ में चाय का कप पकड़े हुए हैं और कह रहे हैं, पाकिस्तान आर्मी के ऑफिसर मेरा पूरा ख्याल रख रहे हैं। पाक आर्मी के कैप्टन ने भीड़ से मुझे बचाया। मैं भी उम्मीद करूंगा कि मेरी आर्मी भी ऐसा ही बर्ताव करे।

जब उनसे पूछा गया कि वह भारत के किस हिस्से से आते हैं अभिनंदन ने कहा, 'क्या मुझे यह बताना चाहिए? माफ कीजिएगा मेजर... मैं बस इतना बता सकता हूं कि मैं भारत के दक्षिणी हिस्से का रहने वाला हूं।' इसके बाद वह तुरंत वह कहते हैं, 'चाय बहुत जबरदस्त है।

वहीं हमारे यहां कुछ उत्साही अभिनंदन के घर का पता उनके परिवार की फोटो शेयर कर फर्जी सहानभूति दिखाने में लगे हुए हैं। जबकि उन्हें नहीं पता या हो सकता है कि जानबूझ कर वो पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं। लेकिन ऐसे मंदबुद्धि लोगों को हम कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि उसके बाद फर्जी के तर्क खून खौलायेंगे।

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जेनेवा कन्वेंशन क्या है जिसके बारे में बात हो रही है

टीवी पर युद्धबंदियों के चित्र, विडियो नहीं दिखाए जा सकते।

युद्धबंदी के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं किया जा सकता। प्रताड़ित नहीं किया जा सकता।

पकड़े जाने पर युद्धबंदी सिर्फ अपना नाम, अपना सीरियल नंबर और पोज़िशन ही बता सकता है।

युद्धबंदी को अपमानित नहीं कर सकते और न ही धमकी दे सकते हैं।

युद्धबंदी के खिलाफ संभावित युद्ध अपराध के लिए मुकदमा चल सकता है।

युद्ध खत्म होने पर युद्धबंदी को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।

युद्धबंदी से उसकी जाति, धर्म या रंग-रूप के बारे में नहीं पूछ सकता।

युद्धबंदियों का सही तरीके के इलाज किया जाएगा।

युद्धबंदी को खाना-पीना और देखभाल दी जाए।

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