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इस मंदिर के प्रति लोगों में है अटूट आस्था, केवल चुनरी बांधने से पूरी होती है मनोकामना

शारदीय नवरात्रि शुरु होने वाली है। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले ही दिन माता के दर्शन के लिए मंदिरों में भक्तों की लम्बी कतार लग जाती है। कानपुर का बारा देवी मंदिर पौराणिक और प्राचीनतम

suman
Published on: 4 Jun 2023 2:17 PM GMT
इस मंदिर के प्रति लोगों में है अटूट आस्था, केवल चुनरी बांधने से पूरी होती है मनोकामना
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जयपुर: शारदीय नवरात्रि शुरु होने वाली है। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले ही दिन माता के दर्शन के लिए मंदिरों में भक्तों की लम्बी कतार लग जाती है। कानपुर का बारा देवी मंदिर पौराणिक और प्राचीनतम मंदिरों में शुमार है। इस मंदिर का इतिहास तो किसी को भी नहीं पता, लेकिन कानपुर और आस-पास के ज़िलों में रहने वाले लोगों में इस मंदिर की देवी के प्रति अटूट आस्था जाहिर की है। यहां साल के बारह महीनों और ख़ास कर नवरात्रि में लाखों भक्तों की अटूट आस्था मंदिर में देखने को मिलती है।

कानपुर के दक्षिणी इलाके में स्थित बारा देवी मंदिर सिर्फ मंदिर की वजह से ही नहीं, बल्कि इलाके के नाम से भी जाना जाता है। जिस इलाके में यह मंदिर बना है उस इलाके का नाम भी बारा देवी है। सिर्फ इतना ही नहीं इसी के नाम से कानपुर दक्षिण के ज्यादा तर इलाकों के नाम रखे गए है। जैसे की बर्रा -01 से लेकर बर्रा -09 तक, बिन्गवा, बारासिरोही, बर्रा विश्व बैंक आदि।

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मंदिर की सबसे खास बात

बारह्देवी मंदिर की सबसे खास बात यह है कि जो भक्त दर्शन के लिए आता है वह अपनी मनोकामना मान कर चुनरी बांधता है। जिसकी भी मन्नत पूरी होती है वह दोबारा यहां आकर मन्नत की चुनरी खोल देता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और इसमें लोगों का अटूट विश्वास है l

भक्तों की माने तो कुछ समय पहले एएसआइ की टीम ने इस मंदिर का सर्वेक्षण किया था और यह पाया था कि यह मूर्ती लगभग 15 से 17 सौ वर्ष प्राचीन है। वास्तव में इस मंदिर का इतिहास क्या है इसकी सटीक जानकारी किसी को नही है सिर्फ इतना की बारा देवी के प्रति लोगों की आस्था बरक़रार है। इस मंदिर में लंबे समय से आने वाले भक्तों के अनुसार मां उनकी हर मुराद पूरी करती है और यही वजह है की वह मां के आशीर्वाद पर पूरा भरोसा रखते हैं।

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वहीं कानपुर देहात से आये अनिल सिंह ने बताया कि वह हर साल नवरात्रि के दिनों में माँ बारादेवी के दर्शनों के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि माँ बारादेवी अपने भक्तो की मुरादे अवश्य पूरी करती है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यहाँ आने वाला कोई भी भक्त खाली झोली लेकर नही जाता है। माता रानी सभी की झोली भरती हैं।

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