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संजीवनी है 24 अक्षरों का ये मंत्र, हर लेता है हर कष्ट, जानें इसमें छिपा रहस्य

हम सबने बचपन से वैदिक गायत्री मंत्र के जाप के बारे में सुना और पढ़ा होगा। बहुतों ने इसका जाप भी किया होगा , लेकिन क्या आप जानते है 24 अक्षर के इन मंत्रों में ईश्वर की कितनी शक्ति छिपी  है। वैदिक ग्रंथों में गायत्री मंत्र में छिपे रहस्य को बताया गया है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 20 Sep 2020 1:56 AM GMT
संजीवनी है 24 अक्षरों का ये मंत्र, हर लेता है हर कष्ट, जानें इसमें छिपा रहस्य
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जानते है 24 अक्षर के इन मंत्रों में ईश्वर की कितनी शक्ति छिपी  है। वैदिक ग्रंथों में गायत्री मंत्र में छिपे रहस्य को बताया गया है।

लखनऊ: पहले लोग ईश्वर को पाने के लिए हजारों हजार साल तक तपस्या करते थे, तब जाकर कही ईश्वर की प्राप्ति होते है। आज भी ईश्वर प्राप्ति का मार्ग सुगम नहीं है। धर्म ग्रंथों में ईष्टदेव को खुश करने के लिए कई उपाय बताए गए है। कभी पूजा तो कभी मंत्र जप से भगवान को खुश किया जाता है। मंत्रों के जाप से ईश्वर की प्राप्ति का मार्ग आसान लगने लगता है। हम सबने बचपन से वैदिक गायत्री मंत्र के जाप के बारे में सुना और पढ़ा होगा। बहुतों ने इसका जाप भी किया होगा , लेकिन क्या आप जानते है 24 अक्षर के इन मंत्रों में ईश्वर की कितनी शक्ति छिपी है। वैदिक ग्रंथों में गायत्री मंत्र में छिपे रहस्य को बताया गया है।

हिंदू धर्म में वेदों का स्थान सर्वोच्च है। इन्हें ब्रह्म-ज्ञान भी कहते हैं। इन ब्रह्म विज्ञान की संख्या 24 है और गायत्री मंत्र में भी 24 अक्षर ही निहित है। ब्रह्म विज्ञान में 4 वेद, 4 उपवेद, 4 ब्राह्मण, 6 दर्शन और 6 वेदांग हैं। इनका जोड़ 24 है।

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विद्वानों ने भी माना गायत्री मंत्र की महता को

वाल्मीकि रामायण में हर एक हजार श्लोकों के बाद गायत्री के एक अक्षर का सम्पुट है। श्रीमद् भागवत के बारे में भी यही बात सत्य है। कहते गायत्री मंत्र के जाप से आत्मा शुद्ध हो जाती है। इससे मन शुद्ध रहता है। मंत्र के रोज जाप से स्मरण शक्ति तीव्र होती है। ये भी कहा गया है कि इस मंत्र का जाप कभी भी व्यर्थ नहीं होता है। कलयुग में जप,तप और भक्ति का सुगम उपाय गायत्री मंत्र में निहीत है। ये मंत्र है…

ॐ भूर्भुव: स्व:

तत्सवितुर्वरेण्यं

भर्गो देवस्य धीमहि

धियो यो न: प्रचोदयात्।

gayatri mantara 1 सोशल मीडिया से

वेदों का सर्वश्रेष्ठ मंत्र गायत्री मंत्र को कहा गया है। इसका जप दिन में तीन बार करना चाहिए। गायत्री मंत्र के जप का पहला समय है सुबह सूर्योदय से थोड़ी देर पहले, दूसरा समय है दोपहर का और तीसरा समय है शाम को सूर्यास्त के कुछ देर पहले मंत्र जप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करना चाहिए। इन तीन समय के अतिरिक्त यदि गायत्री मंत्र का जप करना हो तो मौन रहकर या मानसिक रूप से जप करना चाहिए। मंत्र जप तेज आवाज में नहीं करना चाहिए।

इस मंत्र का अर्थ है सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, वो परमात्मा का तेज हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।

कैसे करें :

इस मंत्र को करने की भी एक विधि होती हैं। आप जब भी गायत्री मंत्र का जप करें तो हमेशा रुद्राक्ष की माला से ही करना चाहिए। दिन में कम से कम इस मंत्र का जप ७ पर करना हैं। सुबह के समय करने से मन को शांति मिलती है।

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फायदे:

गायत्री मंत्र के जाप से मन शांत रहता है। हर तरह की बाधा दूर होती है। बच्चों को पढ़ाई में मन लगता है । चेहरे पर गजब की चमक आती है। किसी तरह की की बीमारी नहीं होती। इस मंत्र का जाप करने वाला इंसान कभी कोई अनिष्ट नहीं करता है। पाप से दूर रहता है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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