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इस फूल का केवल धार्मिक नहीं यूज, जानिए कैसे उड़ाता है ये नेगेटिविटी का फ्यूज ?

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ व्रत उपवास का मह्त्व बहुत अधिक है। साथ हर त्योहार से कई परंपराएं जुड़ी होती है। इसीतरह पूजा पाठ पूजा के समान में फूलों का खास महत्व है। जब कोई त्योहार आता है, जैसे नवरात्रि, दिवाली तो इसमें मुख्य दरवाजे पर स्वास्तिक रंगोली व तोरण लगाए जाते है।

suman
Published on: 20 Nov 2019 7:33 PM IST
इस फूल का केवल धार्मिक नहीं यूज, जानिए कैसे उड़ाता है ये नेगेटिविटी का फ्यूज ?
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जयपुर : हिंदू धर्म में पूजा-पाठ व्रत उपवास का मह्त्व बहुत अधिक है। साथ हर त्योहार से कई परंपराएं जुड़ी होती है। इसीतरह पूजा पाठ पूजा के समान में फूलों का खास महत्व है। जब कोई त्योहार आता है, जैसे नवरात्रि, दिवाली तो इसमें मुख्य दरवाजे पर स्वास्तिक रंगोली व तोरण लगाए जाते है। इनको बनाने में फूलों व पत्तों का इस्तेमाल होता है। पूजा में बहुत सारे फूल चढाए जाते हैं लेकिन गेंदे के फूलों से बनी माला को खासतौर से इस्तेमाल किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गेंदे के फूल को बेहद शुभ माना गया है। कहा जाता है कि गेंदे का फूल जिस जगह रखा होता है वहां नकारात्मक शक्ति नहीं रहती है। गेंदे के फूल में कुछ खास गुण है जिसकी वजह से हर शुभ काम में उपयोग किया जाता है।

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*गेंदे की चाय का सेवन करने से स्किन इरिटेशन कम होती है और घावों को भरने में मदद मिलती है। एंटी-बैक्टीरियल गुण होने के कारण गेंदा चेहरे पर मुंहासों को कम करता है और इन्हें वापस आने से रोकता है।

*प्राचानी मतानुसार गेंदे के फूल का रंग केसरिया होता है। केसरिया रंग त्याग का प्रतीक है। पूजा में गेंदे के फूल का इस्तेमाल करने से मनुष्य के भीतर अहंकार का खात्मा होता है।

*गेंदे के फूल की सभी अनगिनत पत्तियां मात्र एक ही बीज के सहारे एक दूसरे से जुड़ी होती हैं। जो मनुष्य को अच्छे नेता के गुणों को बताती हैं। इससे यह पता चलता है कि एक अच्छा नेता अपने साथ चल रहे हजारों लोगों को कैसे एकसाथ जोड़कर रख सकता है।

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*गेंदे के फूल में कई ऐसे एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. जो आंखों से जुड़ी कई तरह की बीमारियों को दूर करता हैं।

*गेंदे के फूलों की तोरणर मुख्य दरवाजे के बाहर लगाने की पीछे वजह गेंदे के फूल नकारात्मक शक्तियों को घर के बाहर ही रोक देता है। गेंदे के फूल की पत्तियां जब पूरी तरह मुर्झा जाती हैं, तब भी उनकी सुगंध बनाए रखती है इससे व्यक्ति को यह संदेश मिलता है कि कठिन परिस्थिति में भी धैर्य बना कर रखें।

गेंदा एक औषधीय पौधा है। आयुर्वेद में जिस तरह शरीर से कीटाणुओं को दूर करने के लिए औषधियों का प्रयोग किया जाता है ठीक उसी तरह घर से नकारात्मकता को दूर करने के लिए गेंदे का फूल स्तेमाल किया जाता है।



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