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महाभारत के प्रमुख पात्र भीम: पांडु पुत्र से जुड़ा ये रहस्य, नहीं जानते होंगे आप

महाभारत की कहानी देखी, पढ़ी या सुनी तो जरूर होगी। इस महाकाव्य के एक एक पात्र अपने आप में खास गुणों से सुसज्जित है। खासकर महाभारत के पांडव पुत्रों की । महाभारत और उससे जुड़े प्रमुख पात्रों में युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव, ये पांचों भाई शक्तिशाली थे।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 23 Aug 2020 7:30 PM IST
महाभारत के प्रमुख पात्र भीम: पांडु पुत्र से जुड़ा ये रहस्य, नहीं जानते होंगे आप
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भीम के अंदर कैसे आया था 10 हजार हाथियों का बल

लखनऊ : महाभारत की कहानी देखी, पढ़ी या सुनी तो जरूर होगी। इस महाकाव्य के एक एक पात्र अपने आप में खास गुणों से सुसज्जित है। खासकर महाभारत के पांडव पुत्रों की । महाभारत और उससे जुड़े प्रमुख पात्रों में युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव, ये पांचों भाई शक्तिशाली थे। उनका मुकाबला करना मौत को दावत देना था।

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अकेले भीम में हजारों हाथियों का बल

ऐसा कहा जाता है कि भीम के अंदर 10 हजार हाथियों का बल था। क्या सोचा है कि एक साधारण मनुष्य की तरह दिखने वाले भीम के अंदर इतनी शक्ति कैसे आई।जानते हैं भीम से जुड़ें रहस्य के बारे में... कथा के अनुसार भीम बचपन से ही काफी शक्तिशाली थे। वह दौड़ने में, निशाना लगाने या कुश्ती लड़ने, सभी खेलों में धृतराष्ट्र के पुत्रों यानी कौरवों को हरा देते थे। हालांकि, उनके अंदर कौरवों के प्रति कोई द्वेष नहीं था। लेकिन दुर्योधन के मन में भीम के प्रति जलन शुरू से ही थी। ऐसे में दुर्योधन ने उचित अवसर मिलते ही भीम को मारने का विचार किया।

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भीम विषभरा खाना

एक बार दुर्योधन ने छल से भीम को खेलने के लिए गंगा तट पर बुलवाया और शिविर लगवाया और उस स्थान का नाम रखा उदकक्रीडन। वहां खाने-पीने से लेकर खेलने-कूदने तक सभी व्यवस्था की गई थी। दुर्योधन ने पांचों पांडवों को भी वहां खेलने के लिए बुलाया और एक दिन भीम के खाने में जहर मिला दिया। जब भीम ये विषभरा खाना खाकर बेहोश हो गए, तो दुर्योधन ने उन्हें गंगा में फेंक दिया।

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भीम बेहोश पानी के रास्ते नागलोक पहुंच गए। वहां सांपों ने उन्हें खूब डंसा, जिसके प्रभाव से उनके शरीर से विष का असर कम हो गया। इसके बाद जब भीम को होश आया, तो वो आसपास भयंकर सांपों को देखकर उन्हें मारने लगे। भीम से डरकर सभी सांप नागराज वासुकि के पास गए और उन्हें पूरी बात बताई।

बचपन से ही काफी शक्तिशाली

इस बात को जान नागराज वासुकि आर्यक नाग के साथ खुद भीम के पास गए। वहां जाते ही आर्यक नाग ने भीम को पहचान लिया। आर्यक नाग भीम के नाना थे। इसके बाद वो भीम को अपने साथ नागलोक ले गए। वहां उन्होंने नागराज वासुकि से भीम को उन कुण्डों का रस पिलाने की आज्ञा मांगी, जिसमें हजारों हाथियों का बल था।

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बाद में नागराज वासुकि ने इसकी आज्ञा दे दी और तब भीम 8 कुण्डों का रस पीकर एक दिव्य शय्या पर सो गए। नागलोक में भीम 8 दिनों तक सोने के बाद जब वो जागे तो उनमें 10 हजार हाथियों की शक्ति आ गई थी। इसके बाद वो हस्तिनापुर पहुंचे। उन्होंने माता कुंती और अपने भाइयों को दुर्योधन द्वारा विष देकर गंगा में फेंकने और नागलोक में जो कुछ भी हुआ, सारी बातें बताई। तब युधिष्ठिर ने भीम से कहा कि वो यह बात किसी को भी न बताएं।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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