TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

अगर बच्चे का नहीं लगता पढ़ाई में मन तो न हो निराश, इन उपायों से बनाएं उसे होनहार

सभी माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए त्याग करने को तैयार रहते हैं। कुछ बच्चे सरलता से शिक्षा पूर्ण कर लेते हैं लेकिन कुछ को मेहनत के बाद भी शिक्षा में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। ऐसा बच्चे की जन्मपत्री मे ग्रह-योग के कारण होता है। और कुछ वास्तु दोष के कारण।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 30 Aug 2020 8:23 AM IST
अगर बच्चे का नहीं लगता पढ़ाई में मन तो न हो निराश, इन उपायों से बनाएं उसे होनहार
X
कुछ बच्चे सरलता से शिक्षा पूर्ण कर लेते हैं लेकिन कुछ को मेहनत के बाद भीें बाधाओं का सामना करना पड़ता है। ऐसा बच्चे की जन्मपत्री में ग्रह-योग के कारण होता है

जयपुर: आज के समय में माता-पिता की सबसे बड़ी पूंजी उसकी संतान होती है। और संतान संस्कारी हो तो फिर क्या कहने। इसके लिए सबसे पहले माता-पिता बच्चों की पढ़ाई पर जोर देते हैं। ज्यादातर पैरेंट्स अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए खूब क्लास भी लगाते हैं, लेकिन कभी भी उनकी मन: स्थिति को नहीं समझते है।

यह पढ़ें...राशिफल 30 अगस्त: मिलेगा प्यार या कोई देगा धोखा, जानें कैसा रहेगा रविवार

सभी माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए त्याग करने को तैयार रहते हैं। कुछ बच्चे सरलता से शिक्षा पूर्ण कर लेते हैं लेकिन कुछ को मेहनत के बाद भी शिक्षा में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। ऐसा बच्चे की जन्मपत्री मे ग्रह-योग के कारण होता है। और कुछ वास्तु दोष के कारण।

kids education file फाइल

*अगर बच्चे की जन्मपत्री में पंचम भाव उसकी शिक्षा / ज्ञान व उसकी सवाल याद करने की क्षमता का निर्धारण करता है। पंचम भाव का स्वामी गृह पंचमेश निर्बल, दुष्ट ग्रहों से पीडि़त, या पंचमेश पंचम भाव से अष्टम अर्थात लग्न से द्वादश भाव मेंं, या अस्त हो या नीच राशि मेंं हो, तो बच्चे को एग्जाम के दिनों मे परेशानी व शिक्षा प्राप्ति मेंं रुकावटें आती हैं।

*कुछ सरल उपाय से आप अपने बच्चे की पढ़ाई संबंधी बाधा को दूर कर सकते है। बच्चे जिस टेबल पर पढ़ते हैं उसकी दिशा सही होनी चहिए। टेबल की दिशा उत्तर की ओर होनी चाहिए, उत्तर से सकारात्मक उर्जा आती है। साथ ही बच्चे का चेहरा भी पढ़ते समय उत्तर दिशा की ओर ही होना चाहिए।

kids file फाइल

*जन्मपत्री में पंचमेश शुभ, परतुं निर्बल है तो उससे सम्बंधित गृह का रत्न धारण करवा कर उसकी शक्ति बढ़ाए। यदि पंचमेश नीच का है तो उससे सम्बंधित खाने की वस्तु मंदिर मे दान दे।बच्चे के पढ़ते समय पीठ पीछे खिड़की है तो वह उर्जा देती है, जिससे बच्चे का ध्यान भंग नहीं होता है। जो भी काम आपके बच्चे कर रहे हैं उस पर ध्यान अच्छे से लगता है।पढ़ाई वाली टेबल को दीवार से सटाकर नहीं रखना चाहिए। पढ़ने वाले कमरे को व्यवस्थित रखें।

यह पढ़ें...सावधान: बच्चों से ज्यादा संक्रमण फैलने का खतरा, सामने आई डरावनी रिपोर्ट

kids study file फाइल

*अनेक बार घर का वास्तु या पढाई की जगह नेगेटिव किरणें भी बच्चे को पढाई एकाग्रता मे परेशान करती है। उसके लिए बच्चे को रुद्राक्ष माला धारण करवाए। ज्ञान की देवी माता सरस्वती की फोटो बच्चों के पढाई स्थान पर लगा दें, उनकी किताब में मोर पंख रखें।



\
Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story