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Gupt Navratri Me Rashi Ke Anusar Puja: हर कष्ट का मां दुर्गा करेंगी निदान, राशि के अनुसार इन मंत्रों से गुप्त नवरात्रि में करें जाप

Gupt Navratri Me Rashi Ke Anusar Puja:गुप्त नवरात्रि के दौरान नव दिनों तक मनोकामना की पूर्ति के लिए अपनी राशि के अनुसार इन मंत्रों का जप करें और प्रसाद चढ़ाएं। इससे जिन लोगों को धन की परेशानी होती है, गरीबी, विवाह में विलंब और पढ़ाई में नहीं लगता मन तो सब का निदान हो जाता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 25 Jun 2022 9:53 AM IST
Gupt Navratri Me Rashi Ke Anusar Puja
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Gupt Navratri Me Rashi Ke Anusar Puja

गुप्त नवरात्रि में राशि के अनुसार पूजा

इस साल आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 30 जून 2022 कल गुरुवार से प्रतिपदा से शुरू हो रहा है जो 9 जुलाई 2022 शनिवार तक होगा।इस नवरात्रि में माँ काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, माँ ध्रूमावती, माँ बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है।इस नवरात्रि में अघोरी और तांत्रिक समाज 9 दिन तक तंत्र शक्ति को जागृत करने के लिए देवी की 10 महाविद्याओं का आहावान करते हैं। इस नवरात्रि में मां काली के रुपों की पूजा का विधान है।

गुप्त नवरात्रि के दौरान नव दिनों तक मनोकामना की पूर्ति के लिए अपनी राशि के अनुसार इन मंत्रों का जप करें और प्रसाद चढ़ाएं। इससे जिन लोगों को धन की परेशानी होती है, गरीबी, विवाह में विलंब और पढ़ाई में नहीं लगता मन तो सब का निदान हो जाता है।

गुप्त नवरात्रि में राशि के अनुसार प्रसाद और मंत्र जाप

मेष: लाल या गाढ़ा गुलाबी वस्त्र, लाल फूल, लाल पेड़ा आदि चढ़ाएं । ॐ हृीं उमा देव्यै नमः।

वृष: श्वेत वस्त्र, बताशा, केला, आदि चढ़ाएं । ॐ क्रां क्रीं क्रूं कालिका देव्यै नमः।

मिथुन: हरा वस्त्र, हरे रंग का नैवेद्य, नाशपाती, मोसम्बी आदि चढ़ाएं । ॐ दुं दुर्गायै नमः।

कर्क: श्वेत वस्त्र, लाचिदाना, मखाना आदि चढ़ाएं । ॐ ललिता देव्यै नमः।

सिंह: लाल, गुलाबी वस्त्र, अनार, लाल मिष्ठान, किशमिश आदि चढ़ाएं । ॐ ऐं महासरस्वती देव्यै नमः।

कन्या: हरा वस्त्र, हरा फल आदि चढ़ाएं । ॐ शूल धारिणी देव्यै नमः।

तुला: श्वेत वस्त्र, बतासा, केला आदि चढ़ाएं । ॐ हृीं महालक्ष्म्यै नमः।

वृश्चिक: लाल या गाढ़ा गुलाबी वस्त्र, लाल फूल, लाल पेड़ा आदि चढ़ाएं । ॐ शक्तिरूपायै नम:

धनु: पीला वस्त्र, पीला पेड़ा, हल्दी आदि चढ़ाएं । ॐ ऐं हृीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।

मकर: सलेटी वस्त्र, गहरे रंग की वस्तुएं आदि चढ़ाएं । ॐ पां पार्वती देव्यै नमः।

कुंभ: सलेटी रंग का वस्त्र, गहरे रंग की सामग्री आदि चढ़ाएं । ॐ पां पार्वती देव्यै नमः।

मीन: पीला या सुनहरा वस्त्र, पीला पेड़ा, पीला फल आदि चढ़ाएं। ॐ श्रीं हृीं श्रीं दुर्गा देव्यै नमः

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

गुप्त नवरात्रि 2022 कब है शुभ मुहूर्त

आषाढ़ मास के रविवार को गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू होकर 9 जुलाई तक होगी। गुप्त नवरात्रि प्रतिपदा तिथि का समाप्ति - 30 जून 2022, सुबह 10 बजकर 49 मिनट।घट स्थापना मुहूर्त - 30 जून 2022, सुबह 5 बजकर 26 मिनट से 6 बजकर 43 मिनट तक। अभिजित मुहूर्त - 30 जून 2022, सुबह 11 बजकर 57 से 12 बजकर 53 मिनट तक।

इसमें नौ देवियाँ है :- शैलपुत्री पहाड़ों की पुत्री ,ब्रह्मचारिणी – ब्रह्मचारीणी, चंद्रघंटा - चाँद की तरह चमकने वाली। कूष्माण्डा - पूरा जगत उनके पैर में , स्कंदमाता - कार्तिक स्वामी की माता, कात्यायनी - कात्यायन आश्रम में जन्मि, कालरात्रि - काल का नाश करने वली। महागौरी -सफेद रंग वाली मां, सिद्धिदात्री -सर्व सिद्धि देने वाली देवी की पूजा की जाती है।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के पहले दिन सुबह साफ-सफाई और स्नान के बाद घटस्थापना के साथ नौ दिन के व्रत का संकल्प लेकर मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इसमें आम के पल्लव, जौ, मिट्टी और पूजन सामग्री के साथ विधि-विधान से मां दुर्गा का 9 दिन पूजन करते हैं। इसके बाद अष्टमी या नवमी के दिन व्रत का उद्यापन करके कन्याओं को पूजन और भोज करवाया जाता है। इस दौरान तंत्र साधना से जुड़े लोग गुप्त नवरात्रि के दिनों में माता के नवरूपों की बजाय दस महाविद्याओं की साधना करते हैं। इन दस महाविद्याओं में मां काली, तारा देवी, त्रिपुरा सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुरा भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी शामिल है।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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