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Halharini Amavasya 2023 Shubh Muhurat: आषाढ़ में कब है हलहारिणी अमावस्या, जानिए इस दिन कैसे बढ़ता है मान-सम्मान

Halharini Amavasya 2023 Shubh Muhurat: आषाढ़ अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन स्नान-दान और पितरों की पूजा का विशेष महत्व है। इसदिन किये गए धार्मिक कृत्यों से धन-वैभव बढ़ता है। जानते है आषाढ़ अमावस्या के चमत्कारी उपाय...

Suman Mishra। Astrologer
Published on: 13 Jun 2023 5:18 PM IST (Updated on: 17 Jun 2023 6:54 AM IST)
Halharini Amavasya 2023 Shubh Muhurat: आषाढ़ में कब है हलहारिणी अमावस्या, जानिए इस दिन कैसे बढ़ता है मान-सम्मान
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सांकेतिक तस्वीर,सौ. से सोशल मीडिया

Ashadha Amavasya 2023 Date: हलहारिणी अमावस्या 2023 कब है शुभ मुहूर्त हिंदू धर्म में पंचांग में एकादशी, प्रदोष, शिवरात्रि, पूर्णिमा और अमावस्या का अपना महत्व होता है । साल में 12 अमावस्या और 12 पूर्णिमा होता है। इनमें आषाढ़ अमावस्या की तिथि का बहुत ज्यादा महत्व रहता है। इस दिन दान पुण्य और पितरों का श्राद्ध कर्म करने से मोक्ष का मार्ग खुलता है। आषाढ़ अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन जुताई-बुआई का काम चलता है।

आषाढ़ अमावस्या के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद ही पितरों का तर्पण करना चाहिए। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करना चाहिए और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा देना चाहिए। पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी यह दिन उत्तम होता है। इस दिन पितरों के आशीर्वाद से मान-सम्मान में वृद्धि होती है

अमावस्या पर करें उपाय

  • जो लोग पैसों की तंगी से परेशान हैं, वे आषाढ़ अमावस्‍या के दिन सुबह स्‍नान करने के बाद आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं। ऐसा करने से कुछ ही दिन में आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगेगी।
  • इस दिन पीपल, बड़, नीम, आंवला, अशोक तुलसी, बिल्वपत्र और अन्य पेड़-पौधे लगाने की परंपरा है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन अपने घर या आसपास वास्तु के अनुसार पौधे लगाएं जाएं तो पितृदोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही दोगुना पुण्य मिलता है।धन की कमी नहीं होती और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। दरिद्रता भी दूर होती है और ऐशवर्य की प्राप्ति होती है।
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गरीबों को भोजन करना बेहद पुण्यकारी होता है। आषाढ़ अमावस्या के दिन गरीबों को भोजन कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन की परेशानियां खत्म होती हैं। इसके अलावा इस दिन चीटियों को शक्कर खिलाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
  • आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो आषाढ़ अमावस्या पर चांदी के नाग नागिन के जोड़े की पूजा किसी पवित्र नदी के किनारे कीजिए और उसे नदी के पानी में प्रवाहित कर दीजिए। इसके साथ आप कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नाग नागिन के जोड़े को खरीद कर जंगल में मुक्त कर सकते हैं।
  • अमावस्या तिथि पर गीता का पाठ करने से पितरों को शांति मिलती है। इस दिन पीपल का पेड़ लगाइए और उसकी देखरेख कीजिए।आषाढ़ अमावस्या पर गाय के घी का दीपक ईशान कोण में जलाएं। इस दीपक में रुई की जगह लाल धागा रखें और दीपक में केसर भी डाल दें। यह उपाय करने से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और घर में धन की वर्षा होती है।

आषाढ़ अमावस्या का शुभ समय

आषाढ़ अमावस्या तिथि आरंभ: 17 जून 2023 को सुबह 09:13:00 से अमावस्या आरम्भ

आषाढ़ अमावस्या तिथि समापन: 18 जून 2023 को सुबह 10:08:06 पर अमावस्या समाप्त

अमावस्या तिथि 18 जून रविवार को सूर्योदय से पहले ही शुरू हो जाएगी और अगले दिन सूर्योदय के बाद 10.08 मिनट तक रहेगी।

आषाढ़ माह की अमावस्या के दिन शुभ मुहूर्त और योग

अभिजीत मुहूर्त- 12:01 PM – 12:54 PM

अमृत काल-08:41 AM – 10:24 AM

ब्रह्म मुहूर्त- 04:09 AM – 04:57 AM

विजय मुहूर्त- 02:18 PM से 03:13 PM

आषाढ़ अमावस्या का महत्व

अमावस्या तिथि पितृदोष और कालसर्प दोष को दूर करने के लिए काफी शुभ मानी जाती है। पितरों की शांति के साथ जीवन में खुशहाली के लिए आषाढ़ अमावस्या पर स्नान के साथ दान का भी बहुत महत्व है। इस दिन किसी जरूरतमंदों को कपड़े, अन्न, तिल, तेल, चावल, चद्दर, छाता, चना दान करने से कई गुना फल मिलता ह। मान्यता है कि अमावस्या पर किया दान पुण्य हजारों गायों के दान के समान होता है।इस बार आषाढ़ अमावस्या मंगलवार को है। इस दिन मंगल दोष के प्रभाव को कम करने के लिए गुड़ या शहद का दान करना शुभ होगा। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है।

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान हो रखे हैं। धन की कमी को दूर करने के लिए अमावस्या के दिन पितरों के नाम से पूजा-शांति करवाए और पीपल के वृक्ष में दीपदान करने से शांति मिलती है। आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि मौसम में बदलाव के साथ जीवन में भी बदलाव के संकेत देती है। इस समय से बरसात की शुरुआत हो जाती है। जो मौसमी बीमारियों को दावत देती है। ऐसे में हमे इस दिन साफ-सफाई के साथ नियम और धार्मिक कृत्य करने चाहिए। इससे ईश्वर की कृपा बरसती है। ऐसा करने से समस्या का निदान होता गै।

अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है। नदी में स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण किया जाता है। आषाढ़ अमावस्‍या के दिन नदी में स्‍नान जरूर करना चाहिए, स्‍नान के बाद सूर्य को जल अर्पित करें। इस दिन व्रत रखना बहुत फलदायी होता है। इस अमावस्‍या को तर्पण, श्राद्ध जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। अमावस्‍या के दिन दान अवश्‍य करें। इससे पितृ भी प्रसन्‍न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है।



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Suman Mishra। Astrologer

Suman Mishra। Astrologer

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