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Hast Rekha Gyan in Hindi: हाथ की रेखा बताएगी आपके भगवान कौन है,किसकी पूजा से पूरे होंगे काम, बनेंगे धनवान

Hath ki Rekha Batayegi Kis Bhagwan Ki Puja Kare आराध्य देव कौन से हैं:कभी कभी हम पूजा करते हैं और उसका फल नहीं मिलता है ऐसा इसलिए होता है कि हम सब ये नहीं जान पाते कि हमे किस देव की पूजा करनी है और अज्ञानता वश ईष्टदेव का ज्ञान होने की वजह से हम सब सारे भगवान को प्रसन्न करने में लगे रहते है। जानते हैं हाथ से आपके आराध्य देव कौन से हैं

Suman Mishra। Astrologer
Published on: 6 Jun 2023 9:30 AM GMT
Hast Rekha Gyan in Hindi: हाथ की रेखा बताएगी आपके भगवान कौन है,किसकी पूजा से पूरे होंगे काम, बनेंगे धनवान
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Hath ki Rekha

Hath ki Rekha Batayegi Kis Bhagwan Ki Puja Kare : हाथ की रेखा से जानें आपके भगवान कौन है? भगवान ( God) के प्रति आस्था हर किसी के मन में होती है चाहें वह किसी धर्म का हो अपने ईश्वर को मानता जरूर है। हर हिंदू घर में ईश्वर के प्रति आस्था रखते हुए मंदिर ( Temple) बनाया जाता हैं जिसमें अपने इष्टदेव को स्थान देते हुए व्यक्ति उनका पूजन करता हैं ताकि जीवन में कभी कोई बाधा ना आए और यह खुशियों से बीते। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप अगर आपकी हाथ की रेखाओं के अनुसार देवी-देवताओं की पूजा ( Worship) करें तो और ज्यादा शुभ संयोग बनते हैं और जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त होता हैं। आज हम आपको इसी से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं कि हाथों की रेखाओं से किस तरह जानेंगे कि आपके आराध्य देव कौन से हैं....

आपके आराध्य देव कौन से हैं

हनुमान जी की पूजा

अगर जातक के हाथ में हृदयरेखा के अंत के स्थान से एक शाखा निकल कर गुरु पर्वत पर जाकर रुके तो ऐसे में व्यक्ति के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए, इससे संकटमोचन आपके जीवन में आने वाले सारे संकटों दूर करते हैं। जो जीवन में आने वाली विपदाओं को दूर करते है, साथ ही इस मंत्र का 108 बार जप- ऊँ नमो हनुमंता एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने से सुख शांति मिलती है ।

भगवान श्री कृष्ण की आराधना

अगर किसी जातक की हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा मिलती हुई हो या फिर मस्तिष्क रेखा हथेली में स्थित मंगल क्षेत्र तक जाए, तो जातक को भगवान श्री कृष्ण की आराधना करनी चाहिए।

मां भगवती की पूजा-अर्चना

अगर हृदय रेखा टूटी हुई हो और साथ में हृदय रेखा से बहुत सारी शाखाएं निकलकर मस्तिष्क रेखा पर आती हो तो ऐसे लोगों के लिए मां भगवती की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

मां लक्ष्मी की पूजा

अगर किसी जातक की भाग्य रेखा को कई मोटी रेखाएं काट दें या फिर रेखा खंडित हो या भाग्य रेखा में किसी तरह को कोई भी दोष हो तो जातक को श्री हरि विष्णु की संगिनी देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए, ऐसे में जातक को मां लक्ष्मी मंत्र का जाप करने से भी लाभ प्राप्त होता है। मतलब भाग्य रेखा खंडित हो व इसमें दोष हो तो ऐसे लोगों को लक्ष्मी माता का ध्यान या लक्ष्मी मंत्र का जप करना चाहिए । मात लक्ष्मी को ईष्ट मानकर इस मंत्र - ऊँ श्रीं, ह्रीं, श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं सिद्ध लक्ष्म्यै नमः । का जप करना चाहिए ।

सूर्यनारायण की पूजा

अगर किसी जातक की हथेली में सूर्य पर्वत दबा हुआ हो तो जातक को सूर्यनारायण की पूजा करने से लाभ मिलता है। इसलिए जातक को सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए। सूर्य ग्रह दबा हुआ हो, व्यक्ति को शिक्षा में पूर्ण सफलता न मिल पा रही हो, मस्तिष्क रेखा खराब हो, तो सूर्य ईष्ट मानकर सूर्य मंत्र का 108 बार जप करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए । सूर्य मंत्र- ऊँ ह्रां, ह्रीं, ह्रौं सः सूर्याय नमः ।

शिव की पूजा

यदि आपके हाथ की हृदय रेखा पर त्रिशूल बनता हो, उंगलियां चाहे टेढ़ी-मेढ़ी हों तो ऐसे लोंगो के ईष्ट देव भगवान शिव माने जाते है तो जातक को भगवान शिव की पूजा आराधना करने से लाभ प्राप्त होता है। शिव जी जीवन के सारें कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं। उन्हें जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति के लिए शिव की आराधना करना चाहिए, एवं इस मंत्र- ऊँ नमः शिवाय का जप 108 बार करना चाहिए ।

Suman Mishra। Astrologer

Suman Mishra। Astrologer

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