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अशुभ योग शुरू: इस राशि वालों को करेगा प्रभावित, जानिए कितना बुरा है प्रभाव

ज्योतिष शोधार्थी गुरमीत बेदी ने बताया कि 16 जुलाई को सूर्य के कर्क राशि में आते ही कर्क सक्रांति भी होगी और उस दिन कामिका एकादशी भी होगी।

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Published on: 16 July 2020 9:27 AM GMT
अशुभ योग शुरू: इस राशि वालों को करेगा प्रभावित, जानिए कितना बुरा है प्रभाव
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वैसे तो 16 जुलाई यानी आज कुछ खास नहीं है। एक सामान्य दिन की ही तरह आज का दिन भी है। लेकिन शायद आप नहीं जानते कि ज्योतिष की दृष्टि से 16 जुलाई यानी आज का दिन बेहद खास है। इस दिन एक अशुभ योग टूट रहा है और एक नया अशुभ व शुभ संयोग बनने जा रहा है। ज्योतिष शोधार्थी गुरमीत बेदी ने बताया कि सूर्य देव इस दिन मिथुन राशि से बाहर आ रहे हैं और राहु के साथ उनकी युति टूट रही है। ज्योतिष में सूर्य व राहु के कंबीनेशन को बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता क्योंकि राहु सूर्य को ग्रहण लगा देता है।

राहु ने 7 मार्च 2019 को मिथुन राशि में प्रवेश किया था जहां वह इस साल 22 सितंबर तक रहने वाले हैं। सूर्य देव ने 14 जून को मिथुन राशि में प्रवेश किया था और जहां उनकी राहु के साथ युति बन गई थी। अब 16 जुलाई को यह अशुभ युति टूटने वाली है और सूर्यदेव अपने मित्र चंद्रमा की कर्क राशि में प्रवेश करके एक नया संयोग और समसप्तक नामक एक अन्य योग भी बनाने जा रहे हैं।

उत्तरायण काल होगा समाप्त और दक्षिणायन की होगी शुरुआत

ज्योतिष शोधार्थी गुरमीत बेदी ने बताया कि 16 जुलाई को सूर्य के कर्क राशि में आते ही कर्क सक्रांति भी होगी और उस दिन कामिका एकादशी भी होगी। श्रावण मास की इस सक्रांति का विशेष महत्व होगा। 16 जुलाई को सुबह 10:25 पर सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जहां वे 16 अगस्त 2020 को शाम 6 बजकर 56 मिनट तक रहेंगे। सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करते ही छह महीने के उत्तरायण काल का अंत हो जाएगा और कर्क संक्रांति के दिन से ही दक्षिणायन की शुरुआत होगी जो आगामी छह महीने तक यानी मकर सक्रांति तक चलेगी।

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हमारे शास्त्रों के अनुसार जिस तरह से मकर सक्रांति से अग्नि तत्व बढ़ता है और चारों तरफ सकारात्मक और शुभ ऊर्जा का संचार होने लगता है, उसी तरह कर्क संक्रांति से जल तत्व की अधिकता हो जाती है यानी सूर्य देव के दक्षिणायन होने से नकारात्मक शक्तियां प्रभावी हो जाती हैं और देव शक्ति कमजोर होने लगती है। ज्योतिष शोधार्थी के मुताबिक 16 जुलाई को जब सूर्य कर्क राशि में आएंगे, उस समय शनि मकर राशि में होंगे यानी दोनों ग्रह एक दूसरे से सातवें घर में होंगे और दोनों ग्रहों की एक दूसरे पर नजर रहेगी।

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इस स्थिति को ज्योतिष शास्त्र में समसप्तक योग कहा जाता है। यह योग सभी राशियों को प्रभावित करेगा। गुरमीत बेदी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र और हमारी संस्कृति में सूर्य का राशि परिवर्तन एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है। हमारे पौराणिक ग्रंथों में सूर्य को देवता का दर्जा दिया गया है और इसे आत्मा का कारक भी कहा गया है और इसी वजह से लोग प्रात: उठकर सूर्य नमस्कार करते हैं। सूर्य हमें सदैव सकारात्मक चीजों की ओर प्रेरित करते हैं। दिशाओं में यह पूर्व दिशा के स्वामी होते हैं जबकि धातुओं में यह तांबा और सोने का प्रतिनिधित्व करते हैं।

भागवान शिव और विष्णु जी की करें पूजा

ज्योतिष शोधार्थी बेदी के अनुसार सूर्य ग्रह कभी वक्री चाल नहीं चलते। सूर्य के राशि परिवर्तन से जातकों के राशिफल पर तो असर पड़ता ही है, साथ ही सूर्य के परिवर्तन से सौर वर्ष के मास की गणना भी की जाती है। 16 जुलाई को सूर्य जब कर्क राशि में आएंगे तो उस दिन कर्क सक्रांति होगी और सक्रांति के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन तुलसी के पत्र से भगवान विष्णु की पूजा करना श्रेष्ठ फलदायी माना गया है। इस दिन सूर्य देव को जल अर्पित करें और दान आदि के कार्य करें।

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जीवन में आने वाली कठिनाइयां दूर होंगी और सुख समृद्धि में वृद्धि होगी। ज्योतिष शोधार्थी गुरमीत बेदी ने बताया कि सूर्य का कर्क राशि में गोचर पांच राशियों के लिए बहुत फायदा देने वाला है और पांच राशियों के लिए थोड़ी कठिनाइयां बढ़ाने वाला है। बाकी दो राशि वालों के लिए यह गोचर मिलाजुला रहेगा। मेष राशि वालों के लिए सूर्य का राशि परिवर्तन कार्यक्षेत्र में सफलता भी दिलाएगा लेकिन आर्थिक मुद्दों को लेकर कुछ परेशानी हो सकता है।

इन राशियों पर पड़ेगा ऐसा प्रभाव

वृषभ राशि वालों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी। साहस और पराक्रम भी बढ़ेगा। नई प्रोजेक्ट में हाथ आजमा सकते हैं। निवेश भी कर सकते हैं। मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य का यह गोचर अच्छा नहीं रहेगा। स्वास्थ्य संबंधी समस्या गहरा सकती है। कार्यस्थल पर विवाद से भी बचें। सूर्य कर्क राशि में आ रहे हैं और शनि के साथ मिलकर समसप्तक योग बना रहे हैं तो कर्क राशि वालों के लिए समय मिलाजुला रहेगा। लंबे अरसे से जो काम अटके हुए थे, वे बनते चले जाएंगे। हालांकि पिता व जीवनसाथी के साथ संबंधों में कुछ तनाव भी आ सकता है। सिंह राशि वालों को कोई भी फैसला जल्दबाजी में लेने से बचना होगा। आत्मविश्वास डगमगा सकता है। कन्या राशि वालों के लिए यह समय बढ़िया रहेगा। नौकरी पेशा लोगों को तरक्की मिलने के योग हैं। तुला राशि वालों के लिए सूर्य का यह राशि परिवर्तन सबसे शानदार रहने वाला है।

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स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी दूर होंगी और समाज में मान प्रतिष्ठा बढ़ेगी। वृश्चिक राशि वालों को झूठे लांछन से बचना होगा। स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। धनु राशि वालों को निवेश से बचना होगा। गुप्त शत्रु मुसीबतें खड़ी कर सकते हैं। धैर्य रखना होगा। मकर राशि वालों के लिए भी यह गोचर शुभ नहीं है। परिवार में या कार्यस्थल में किसी के साथ अनावश्यक विवाद हो सकता है। लव पार्टनर के साथ गलतफहमी भी पैदा हो सकती है। कुंभ राशि वालों के लिए तो शनि का यह गोचर बहुत शुभ रहेगा । सोची हुई योजनाएं पूरी होंगी और अधूरे प्रोजेक्ट भी सिरे चढ़ेंगे। मीन राशि वालों के लिए समय मिलाजुला रहेगा। कुछ मामलों में सफलता मिलेगी तो कुछ मामलों में असफलता मिलने से मूड ऑफ भी रहेगा। आंतरिक ऊर्जा में कमी महसूस होगी।

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