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आज ही कर लें यह उपाय, नहीं सताएंगा नौकरी जाने भय
हर इंसान सुखी जीवन की कामना करता है। इसके अच्छी नौकरी व अच्छा खासा बिजनेस करने की चाहत ज्यादातर लोग करते है, जिससे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके।
जयपुर : हर इंसान सुखी जीवन की कामना करता है। इसके अच्छी नौकरी व अच्छा खासा बिजनेस करने की चाहत ज्यादातर लोग करते है, जिससे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके। इसमे कुछ लोगों को सफलता हाथ लगती है तो कुछ लोगों को असफलता। आजकल ज्यादातर लोगों नीजि कंपनी में ही काम करते हैं। सरकारी नौकरी न के बराबर मिलती है। इसलिए जो नौकरी व काम हम करते हैं तो उसकी सुनिश्चितता हो सके। ऑफिस में साथियों और अधिकारियों का सहयोग नहीं मिल रहा है या फिर काम में मन नहीं लगता। अगर ऑफिस से जुड़ी हुईं कोई परेशानी हैं तो वास्तु शास्त्र में कुछ उपाय से इस परेशानी को दूर कर सकते हैं।
नौकरी में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए सुबह-सुबह गायत्री मंत्र का जाप करें।
हर बृहस्पतिवार को केले की जड़ में जल अर्पित करें। बृहस्पतिवार को चने की दाल और केले का दान करें। भोजन में पीली वस्तु का सेवन करें।
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भगवान शिव की आराधना करें और भोलेनाथ से अपने मन की बात कहें। ऐसा करने से आपकी सारी मुसीबतें दूर हो जाएंगी।
घर में हनुमान जी की हवा में उड़ती हुई तस्वीर लगाएं। मंगलवार के दिन श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें। मंगलवार से शुरू करते हुए 40 दिनों तक रोजाना नंगे पांव बजरंगबली के मंदिर में जाएं और उन्हें लाल गुलाब अर्पित करें।
हर शनिवार शनिदेव की पूजा करें। गणेश जी का ऐसा चित्र घर में लगाएं, जिसमें उनकी सूंड दाईं ओर मुड़ी हुई हो। सात प्रकार के अनाज को मिलाकर रोजाना सुबह पक्षियों को खिलाएं।
पीपल पर रविवार के अलावा हर दिन सुबह जल चढ़ाएं। कुंए में दूध डालें, लेकिन ध्यान रखें कि कुआं सूखा न हो, उसमें पानी ज़रूर हो।
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शुक्रवार को सरसों का निकला हुआ तेल 250 ग्राम लें। इस तेल को लोहे के किसी पात्र में या कडाई में रखें। यह पात्र या कडाई दान देनी है। इस पात्र या कडाई को काले कपडे से अच्छी तरह ढक कर रात्रि को सोते समय अपने पलंग या खाट के नीचे सिर की तरफ रख लें।
प्रात:काल उठते ही शनिदेव को प्रणाम कर अपनी विपदा, नौकरी में चल रहे अवरोध या मुकदमे को समाप्त करने की प्रार्थना करें। पलंग से नीचे उतरते समय जमीन पर वह पैर पहले रखें जिस तरफ का श्वास चल रहा है। पात्र अथवा कडाई से कपडा हटाकर उसमें रखे तेल में अपना चेहरा देखें तथा कपडा पुन: ढक दें।
स्नानादि के बाद किसी कन्या के हाथ से आटे में गुड मिलाकर पुओं का घोल बनावा लें। इस कडाई को आंच पर चढा कर इसी तेल में 21 पुए तलवा लें। इन पुओं को कपडें में रखकर शनिदेव को प्रणाम कर 108 मंत्र शनिदेव के जाप करें।