×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

जानें क्यों मनाई जाती है विवाह पंचमी, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

आज यानि 1 दिसंबर को विवाह पंचमी का उत्सव मनाया जा रहा है। धार्मिक ग्रन्थों के मुताबिक, आज ही के दिन त्रेता युग में भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था।

Shreya
Published on: 1 Dec 2019 4:53 PM IST
जानें क्यों मनाई जाती है विवाह पंचमी, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त
X

आज यानि 1 दिसंबर को विवाह पंचमी का उत्सव मनाया जा रहा है। धार्मिक ग्रन्थों के मुताबिक, आज ही के दिन त्रेता युग में भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था। जिस वजह से लोग आज के दिन घरों और मंदिरों में माता सीता और भगवान राम का विवाह संपन्न करवाते हैं। साथ ही इस दिन रामायण के बाल कांड का पाठ करने की भी परंपरा है। इस उत्सव को खासतौर से नेपाल और मिथिलांचल में काफी धूमधाम से मनाया जाता है।।

कब है विवाह पंचमी?

हिंदू पंचांग के मुताबिक, मार्गशीर्ष के महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन विवाह पंचमी मनाई जाती है। जिसके अनुसार, आज 1 दिसंबर 2019 को विवाह पंचमी मनाई जा रही है।

यह भी पढ़ें: यूपी: यहां शुरू हुई राम रसोई, हजारों श्रद्धालुओं को मिलेगा फ्री में भोजन

क्या है विवाह पंचमी की तिथि और शुभ मुहूर्त

विवाह पंचमी की तिथि- 1 दिसंबर, 2019

पंचमी मुहूर्त (प्रारंभ)- 30 नवंबर शाम 6 बजकर 5 मिनट से

पंचमी मुहूर्त (समाप्त)- 1 दिसंबर शाम 7 बजकर 13 मिनट तक

पूजा की विधि

इस दिन माता सीता और भगवान राम का विवाह संपन्न कराया जाता है। इस तरह से कराएं विवाह-

- विवाह पंचमी के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र पहन लें।

- अब आप राम विवाह का संकल्प लें।

- इसके बाद अपने घर के मंदिर में सीया राम की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें।

- स्थापना करने के बाद माता सीता को लाल वस्त्र और भगवान राम को पीले वस्त्र पहनाएं।

- इसके बाद रामायण के बाल कांड का पाठ करते हुए विवाह प्रसंग का पाठ करें।

- अब ॐ जानकीवल्लभाय नमः मंत्र का जाप करें।

- इसके बाद माता सीता और भगवान राम का गठबंधन करें।

- फिर माता सीता और भगवान राम की जोड़ी की आरती उतारें।

- अब भगवान को भोग लगाएं और पूरे घऱ में प्रसाद बाट दें और स्वयं भी ग्रहण करें।

यह भी पढ़ें: मूंगफली से विवाद: रेस्टोरेंट में मचा हंगामा, भरना पड़ा 3.5 लाख का जुर्माना

विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं होते विवाह

हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का काफी महत्व है। माता सीता और भगवान राम आज ही के दिन शादी के बंधन में बंधे थे। लेकिन इस दिन कई जगह विवाह नहीं कराए जाते हैं। खासतौर पर मिथिलांचल और नेपाल में विवाह पंचमी के दिन विवाह नहीं कराए जाते हैं। चूंकि माता सीता का वैवाहिक जीवन बहुत ही दुखद रहा इसलिए लोग इस दिन विवाह नहीं करते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि, माता सीता को कभी महारानी का सुख नहीं मिला और 14 साल के वनवास के बाद भी भगवान राम ने माता सीता का त्याग कर दिया था। जिस वजह से लोग इस दिन अपनी बेटियों का विवाह करना उचित नहीं समझते हैं।

लोगों का मानना है कि, जिस तरह से माता सीता ने अपने वैवाहिक जीवन में अत्यधिक कष्ट झेला, उसी तरह इस दिन शादी करने से उनकी बेटियां भी अपने वैवाहिक जीवन में सुख नहीं भोग पाएंगी। साथ ही इस दिन रामकथा का अंत राम और सीता के विवाह पर ही कर दिया जाता है। क्योंकि दोनों के जीवन के आगे की कथा दुख और कष्टों से भरी है, इसलिए शुभ अंत के साथ ही कथा का समापन कर दिया जाता है।

यह भी पढ़ें: World Aids Day: 6 महीने में इस तकनीक की मदद से ऐसे कंट्रोल होगी HIV



\
Shreya

Shreya

Next Story