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Chandra grahan 2020: सूर्य, चंद्र और गुरु का अद्भुत संयोग, इस मंत्र से होगा कल्याण
5 जुलाई को रविवार के दिन चंद्रग्रहण और गुरु पूर्णिमा एक साथ है। धार्मिक मान्यतानुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर गुरु पूजा करने की परंपरा है। रविवार को पूर्णिमा होने से इस दिन सूर्यदेव की भी करनी चाहिए। साथ ही हनुमानजी की। कहते हैं कि हनुमानजी ने सूर्यदेव से वेदों का और शास्त्रों का ज्ञान पाया था
लखनऊ : 5 जुलाई को रविवार के दिन चंद्रग्रहण और गुरु पूर्णिमा एक साथ है। धार्मिक मान्यतानुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर गुरु पूजा करने की परंपरा है। रविवार को पूर्णिमा होने से इस दिन सूर्यदेव की भी करनी चाहिए। साथ ही हनुमानजी की। कहते हैं कि हनुमानजी ने सूर्यदेव से वेदों का और शास्त्रों का ज्ञान पाया था
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एक धार्मिक कथा
केसरी और अंजनी के अपने पुत्र हनुमान को विद्या प्राप्त करने के लिए सूर्य के पास भेजा था। माता-पिता की आज्ञा पाकर हनुमानजी सूर्य के पास पहुंच गए और उन्होंने सूर्यदेव से गुरु बनने के लिए प्रार्थना की। सूर्यदेव ने हनुमानजी से कहा कि मैं तो एक पल के लिए भी कहीं रुक नहीं सकता, मैं रथ से उतर भी नहीं सकता। ऐसी स्थिति में मैं तुम्हें ज्ञान कैसे दे सकता हूं?
तब हनुमानजी ने कहा कि आ प बिना अपनी गति कम किए ही मुझे ज्ञान दें। मैं आपके साथ चलते-चलते ही शिक्षा हासिल कर लूंगा। सूर्यदेव हनुमानजी की बात मान गए। सूर्यदेव चलते-चलते शास्त्रों का ज्ञान देते गए और हनुमानजी उसे ग्रहण करते गए। इस तरह हनुमानजी ने सूर्य से श्रेष्ठ ज्ञान प्राप्त कर लिए। इसी ज्ञान के प्रभाव से हनुमानजी ने श्रीराम के परम भक्त बने।गुरु पूर्णिमा प र सूर्यदेव के साथ ही हनुमानजी की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। हनुमान के सामने दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। चाहें तो ऊँ रामदूताय नम: मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
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भारत में नहीं दिखेगा
गुरू पूजन के साथ ही चंद्रग्रहण भी इस दिन लग रहा है जो भारत में नहीं देखा जा सकेगा। लेकिन यह चंद्र ग्रहण दूसरे देशों में सुबह 8 बजकर 38 मिनट से लगेगा। सुबह 9 बजकर 59 मिनट में ग्रहण का परम ग्रास होगा। दिन के 11 बजकर 21 मिनट पर उपच्छाया चंद्र ग्रहण समाप्त हो जाएगा। 5 जुलाई, दिन रविवार को लगने वाले साल 2020 के तीसरे चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 2 घंटा 43 मिनट और 24 सेकेंड तक होगी। इस बार लोग भारत में उपच्छाया चंद्र ग्रहण को नहीं देख पाएंगे। इस चंद्र ग्रहण को यूरोप, आस्ट्रेलिया और अमेरिका में आसानी से देखा जा सकेगा।
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उपच्छाया ग्रहण
5 जुलाई को लगने वाला तीसरा चंद्र ग्रहण कई रहस्यों से भरा है। यह चंद्र ग्रहण 2020 का उपच्छाया है। उपच्छाया के बारे में कहा गया है कि यह तब लगता है, जब सूर्य और चांद के बीच पृथ्वी आती है, लेकिन तीनों एक सीध में नहीं होते। एक लाइन में सीधे नहीं होने के कारण चांद के छोटी सी सतह पर छाया नहीं पड़ती है। जबकि चंद्रमा के बाकी हिस्सों पर पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया अनवरत पड़ती रहती है। इसे ही उपच्छाया कहा जाता है।