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Mahabharat Ki Kahaniya: अब कुछ सांस्कृतिक जानकारियाँ, जो जानना है ज़रूरी

Mahabharat Ki Kahaniya: यहाँ ध्यान रखें कि पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन की माता कुन्ती थीं तथा, नकुल और सहदेव की माता माद्री थी। वहीँ धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र कौरव कहलाए, जिनके नाम हैं

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Published on: 7 Aug 2023 6:03 AM IST
Mahabharat Ki Kahaniya: अब कुछ सांस्कृतिक जानकारियाँ, जो जानना है ज़रूरी
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Mahabharat Ki Kahaniya (Photo - Social Media)

Mahabharat Ki Kahaniya: महाभारत के युद्ध के बारे में कौन नहीं जनता होगा, कौरव और पांडव के बीच हुए इस महायुद्ध में प्रमुख भूमिका भगवान श्रीकृष्ण की रही थी. उनके द्वारा दिया गया ज्ञान आज हमारे पवित्र ग्रन्थ गीता में अंकित है. लेकिन महाभारत को लेकर ऐसे कई सरे सवाल हैं जिनका उत्तर शायद ही आपको पता होगा.

पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -

1. युधिष्ठिर 2. भीम 3. अर्जुन
4. नकुल। 5. सहदेव

(इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है)
यहाँ ध्यान रखें कि पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन की माता कुन्ती थीं तथा, नकुल और सहदेव की माता माद्री थी। वहीँ धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र कौरव कहलाए, जिनके नाम हैं :-

1. दुर्योधन 2. दुःशासन 3. दुःसह
4. दुःशल 5. जलसंघ 6. सम 7. सह 8. विंद 9. अनुविंद 10. दुर्धर्ष 11. सुबाहु 12. दुषप्रधर्षण 13. दुर्मर्षण 14. दुर्मुख 15. दुष्कर्ण 16. विकर्ण 17. शल 18. सत्वान 19. सुलोचन 20. चित्र 21. उपचित्र 22. चित्राक्ष 23. चारुचित्र 24. शरासन 25. दुर्मद 26. दुर्विगाह 27. विवित्सु 28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ 31. नन्द 32. उपनन्द 33. चित्रबाण 34. चित्रवर्मा 35. सुवर्मा 36. दुर्विमोचन 37. अयोबाहु 38. महाबाहु 39. चित्रांग 40. चित्रकुण्डल 41. भीमवेग 42. भीमबल 43. बालाकि 44. बलवर्धन 45. उग्रायुध 46. सुषेण 47. कुण्डधर 48. महोदर 49. चित्रायुध 50. निषंगी 51. पाशी 52. वृन्दारक 53. दृढ़वर्मा 54. दृढ़क्षत्र 55. सोमकीर्ति 56. अनूदर 57. दढ़संघ 58. जरासंघ 59. सत्यसंघ 60. सद्सुवाक 61. उग्रश्रवा 62. उग्रसेन 63. सेनानी 64. दुष्पराजय 65. अपराजित 66. कुण्डशायी 67. विशालाक्ष 68. दुराधर 69. दृढ़हस्त 70. सुहस्त 71. वातवेग 72. सुवर्च 73. आदित्यकेतु 74. बह्वाशी 75. नागदत्त 76. उग्रशायी 77. कवचि 78. क्रथन। 79. कुण्डी 80. भीमविक्र 81. धनुर्धर 82. वीरबाहु 83. अलोलुप 84. अभय 85. दृढ़कर्मा 86. दृढ़रथाश्रय 87. अनाधृष्य 88. कुण्डभेदी। 89. विरवि 90. चित्रकुण्डल 91. प्रधम
92. अमाप्रमाथि 93. दीर्घरोमा
94. सुवीर्यवान 95. दीर्घबाहु
96. सुजात। 97. कनकध्वज
98. कुण्डाशी 99. विरज
100. युयुत्सु

(इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहन भी थी… जिसका नाम "दुशाला" था, जिसका विवाह "जयद्रथ" से हुआ था)

श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में-

Que- किसको किसने सुनाई?
Ans-श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।

Que-कब सुनाई?
Ans-आज से 5700 साल पहले सुनाई।

Que-भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
Ans- रविवार के दिन।

Que-कोन सी तिथि को?
Ans-एकादशी

Que-कहा सुनाई?
Ans-कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।

Que-कितनी देर में सुनाई?
Ans- लगभग 45 मिनट में

Que-क्यूँ सुनाई?
Ans- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।

Que-कितने अध्याय है?
Ans- कुल 18 अध्याय

Que- कितने श्लोक है?
Ans-700 श्लोक

Que-गीता में क्या-क्या बताया गया है?
Ans- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।

Que-गीता को अर्जुन के अलावा और किन किन लोगो ने सुना?
Ans-धृतराष्ट्र एवं संजय ने

Que-अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
Ans-भगवान सूर्यदेव को

Que-गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
Ans-उपनिषदों में

Que-गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
Ans- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।

Que- गीता का दूसरा नाम क्या है?
Ans- गीतोपनिषद

Que-गीता का सार क्या है?
Ans-प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना

Que-गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
Ans- श्रीकृष्ण जी ने- 574
अर्जुन ने- 85
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 40.

33 करोड नहीँ 33 कोटि देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मेँ।

कोटि = प्रकार।

देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है, कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता।

12 प्रकार हैँ :-

आदित्य , धाता, मित, आर्यमा,शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष, सविता, तवास्था, और विष्णु...!

8 प्रकार हैँ :-
वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।

11 प्रकार हैँ :-

रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक,
अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,
रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।

एवँ

दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।

कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी



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