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महाशिवरात्रि पर महाउपाय: शादी हो या नौकरी करें ये काम, होगा जल्दी निदान
मान्यता है कि शिव जी को प्रसन्न करने के लिए बहुत सारी चीजों की जरूरत नहीं होती, बल्कि सच्चे मन और भाव से दिया गया एक फूल भी भगवान आशुतोष को प्रसन्न कर सकता है।
जयपुर: हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि बहुत महत्व है। इस दिन को भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन उत्सव के रुप में मनाया जाता है।।मान्यतानुसार शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन भगवान शिव की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है और व्रत उपवास करने का विधान है। इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 11 मार्च 2021 (गुरुवार) को मनाया जाएगा।
ऐसे करें भोले भंडारी को प्रसन्न
भगवान शिव को भोला भंडारी भी कहते हैं। मान्यता है कि शिव जी को प्रसन्न करने के लिए बहुत सारी चीजों की जरूरत नहीं होती, बल्कि सच्चे मन और भाव से दिया गया एक फूल भी भगवान आशुतोष को प्रसन्न कर सकता है।
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शिवलिंग का विधिपूर्वक पूजन
शिवपुराण के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन प्रातः काल उठकर स्नान व नित्यकर्म से निवृत्त होकर भस्मका त्रिपुण्ड तिलक और गले में रुद्राक्ष की माला धारण कर शिवालय में जाना चाहिए और शिवलिंग का विधिपूर्वक पूजन करना चाहिए। उसके बाद महाशिवरात्रि व्रत का संकल्प करना चाहिए। साथ ही इस दिन चार प्रहर के चार मंत्र का जाप करने से महाशिवरात्रि के व्रत का विशेष लाभ मिलता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन महादेव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए माना जाता है इस दिन किए गए कुछ उपाय आने वाली परेशानियों को भी दूर करते हैं। शिव को प्रसन्न करने वाले महाउपाय के बारे में बता रहे है। इन उपायों में पहला है-
चार पहर चार मंत्र
महाशिवरात्रि के प्रथम प्रहर में संकल्प करके शिवलिंग को दूध से स्नान करवाकर ॐ ओम हीं ईशानाय नम: का जाप करना चाहिए।
द्वितीय प्रहर में शिवलिंग को दधि (दही) से स्नान करवाकर ॐ ओम हीं अधोराय नम: का जाप करें।
तृतीय प्रहर में शिवलिंग को घृत से स्नान करवाकर ॐ ओम हीं वामदेवाय नम: का जाप करें।
चतुर्थ प्रहर में शिवलिंग को मधु (शहद) से स्नान करवाकर ॐ ओम हीं सद्योजाताय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
महाउपाय से पाएं मनोवांछित फल
रुके धन की प्राप्तिः पंचामृत से शिव का अभिषेक करें, 5 चीजें अर्पण करें।ऊं पार्वतीपतये नम: का 108 बार जप करें।
संतान के लिए: पति-पत्नी दोनों गाय का घी अर्पण करें।फिर एकसाथ दोनो जलाभिषेक करें।11 बिल्वपत्र पर राम-राम लिखकर दूसरी तरफ से अर्पण करें।
विद्या के लिए: दूध मिश्रित जल एक धारा में चढ़ाएं। ऊं नम: शिवाय का जाप करें। 5मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
बीमारी के निदान: 4 मुखी बत्ती के साथ गाय के घी में दीपक जलाएं व चावल, दूध के साथ जलाभिषेक करें।
नौकरी के लिए: चांदी के लोटे से दूध अर्पण करें, सफेद फूल चढ़ाएं, व शाम को घी का दीपक जलाएं।
शादी के लिए: शाम को 5-6 पीले वस्त्र धारण करें व उतने ही बिल्वपत्र चढ़ाएं व दीपक जलाएं।
दाम्पत्य सुख के लिए: प्रदोष काल में साफ कपड़े पहनकर चांदी के लोटे से कच्चा दूध चढ़ाएं। ऊं नम: शिवाय का जाप करें।सफेद गुलाब का फूल चढ़ाएं व गाय के घी के दीपक जलाएं।
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शुभ मुहूर्त और 4 प्रहर
हिन्दू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि त्रयोदशी तिथि- 11 मार्च 2021 (गुरुवार),चतुर्दशी तिथि प्रारंभ- 11 मार्च, दोपहर 2 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी। चतुर्दशी तिथि समाप्त- 12 मार्च, दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर।
निशिता काल का समय- 11 मार्च, रात 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक। पहला प्रहर- 11 मार्च, शाम 06 बजकर 27 मिनट से 09 बजकर 29 मिनट तक। दूसरा प्रहर- 11 मार्च, रात 9 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक। तीसरा प्रहर- 11 मार्च, रात 12 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 32 मिनट तक। चौथा प्रहर- 12 मार्च, सुबह 03 बजकर 32 मिनट से सुबह 06 बजकर 34 मिनट तक। शिवरात्रि व्रत पारण का समय- 12 मार्च, सुबह 06 बजकर 34 मिनट से शाम 3 बजकर 02 मिनट तक।