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Mangala Gauri Vrat 2023 Sawan me Kab Kab Hai-मंगला गौरी व्रत 2023 सावन में कब -कब है, जानिए पूजा-विधि, मंत्र और महत्व

Mangala Gauri Vrat 2023 Sawan me Kab Kab Hai मंगला गौरी व्रत 2023 सावन में कब -कब है: सौभाग्यदायिनी मंगलागौरी व्रत पति की लंबी उम्र और सुहाग की रक्षा के लिए महिलाएं शिव के साथ मां पार्वती की पूजा व्रत रखकर सावन में करती है। मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है और मां पार्वती की पूजा की जाती है।

Suman Mishra। Astrologer
Published on: 23 Jun 2023 11:38 AM IST (Updated on: 3 July 2023 5:48 PM IST)
Mangala Gauri Vrat 2023 Sawan me Kab Kab Hai-मंगला गौरी व्रत 2023 सावन में कब -कब है, जानिए पूजा-विधि, मंत्र और महत्व
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सांकेतिक तस्वीर,सौ. से सोशल मीडिया

Mangala Gauri Vrat 2023 Sawan me Kab Kab Hai मंगला गौरी व्रत 2023 सावन में कब -कब है: सावन में भगवान शिव की पूजा को विशेष महत्व है। शिव के साथ मां पार्वती की पूजा भी महत्वपूर्ण है। मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है और माता पार्वती की उपासना की जाती है। लंबी आयु से स्वस्थ जीवन की कामना के लिए किया जाता है। मान्यता ये भी है कि इस व्रत से तान की उन्नति और कष्टों से छुटकारा पाने के लिए भी यह व्रत रखा जाता है।

सौभाग्यदायिनी मंगलागौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat) पति की लंबी आयू और सुहाग की रक्षा के लिए महिलाएं शिव के साथ मां पार्वती की पूजा व्रत रखकर सावन में करती है। मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है और मां पार्वती की पूजा की जाती है। मां मंगला गौरी आदि शक्ति माता पार्वती का ही मंगल रूप हैं। इन्हें मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी के नाम से भी जाना जाता है। मंगला गौरी व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है। इसलिए विवाहित महिलाएं सावन में इस व्रत को विधि-विधान के साथ रखती हैं और मां मंगला गौरी की पूजा करती हैं। हर साल सावन में करीब 4 या 5 मंगला गौरी व्रत पड़ते थे, लेकिन इस बार सावन दो महीने का होने वाला है, इस बार 9 मंगलागौरी व्रत है।

सावन में कब-कब और कितने है मंगला गौरी व्रत

  • पहला मंगला गौरी व्रत 4 जुलाई 2023
  • दूसरा मंगला गौरी व्रत 11 जुलाई 2023
  • तीसरा मंगला गौरी व्रत 18 जुलाई 2023
  • चौथा मंगला गौरी व्रत 25 जुलाई 2023
  • पांचवा मंगला गौरी व्रत 1 अगस्त 2023
  • छठा मंगला गौरी व्रत 8 अगस्त 2023
  • सातवा मंगला गौरी व्रत 15 अगस्त 2023
  • आठवां मंगला गौरी व्रत 22 अगस्त 2023
  • नौवां मंगला गौरी व्रत 29 अगस्त 2023

मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि

मां मंगला गौरी मां पार्वती का ही मंगलकारी स्वरूप है। मंगला गौरी व्रत दाम्पत्य जीवन में प्रेम,खुशहाली और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। सुहागिने सावन में इस व्रत को विधि-विधान के साथ रखती हैं और देवी पार्वती का आशीर्वाद लेती हैं।'मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं मंगलागौरीव्रतमहं करिष्ये।’ इस मंत्र का जाप करते हुए मां पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री, सूखे मेवे, नारियल, लौंग, सुपारी, इलायची और मिठाई चढ़ाएं।

मंगला गौरी व्रत के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें, कोशिश करे आप इस दिन लाल रंग के वस्त्र पहनें और अच्छे से श्रृंगार करें क्योंकि लाल रंग शुभ मन जाता है। इसके बाद, माता पार्वती को लाल रंग की पोशाक अर्पित करें और अपने घर के मंदिर में स्थापित करें। इसके साथ उन्हें लाल रंग के फूलों की माला अर्पित करें। फिर मंदिर में एक चौमुखी आटे का दिया जलाये और उससे मां मंगला गौरी की आरती उतारें। फिर मां को 16 तरह का श्रृंगार, 16 लॉन्ग, 16 इलायची, 16 फल और 16 मिठाई चढ़ाएं।

मंगला गौरी व्रत का मंत्र

मां मंगला गौरी मां पार्वती को पूजा करने के बाद ॐ गौरी शंकराय नमः या 'ॐ श्री मंगला गौरी नमः मंत्र का जाप करें। इस विधि से पूजा करने पर मां पारर्वती की कृपा हमेशा बनी रहेगी। ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र जाप से जीवन में चल रही समस्या को दूर हो जाती है। कहते है कि विधि विधान से व्रत कर माता को प्रसन्न करे। और अपने जीवन मे चल रही या आने वाली विपदा से छुटकारा पाए।

मंगला गौरी व्रत का महत्व

मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखकर मां पार्वती की पूजा करती हैं।मंगला गौरी व्रत में विधि पूर्वक मां गौरी की पूजा करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही दांपत्य जीवन में अथाह प्रेम बना रहता है।इस दिन व्रत करने से आपके दांपत्य जीवन के साथ ही पूरे घर में भी सुख-शांति बनी रहती है।संतान प्राप्ति की कामना रखने वाली स्त्रियों के लिए भी ये व्रत बहुत शुभ फलदायी रहता है।यदि किसी जातक के दांपत्य जीवन में समस्याएं बनी हुई हैं, तो उन्हें मंगला गौरी व्रत जरूर करना चाहिए। इससे दांपत्य जीवन का कलह-कष्ट व अन्य सभी समस्याएं दूर होती हैं।



Suman Mishra। Astrologer

Suman Mishra। Astrologer

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