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मोक्षदा एकादशी: न करें ये काम, श्रीहरि हो जाएंगे नाराज, जानें व्रत की महत्ता और विधान

मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत सच्चे मन और श्रद्धा से रखने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए ही इस एकादशी का नाम मोक्षदा अथार्त मोक्ष देने वाली रखा एकादशी कहा गया है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 25 Dec 2020 2:14 AM GMT
मोक्षदा एकादशी: न करें ये काम, श्रीहरि हो जाएंगे नाराज, जानें व्रत की महत्ता और विधान
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मोक्षदा एकादशी का व्रत सच्चे मन और श्रद्धा से रखने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए ही इस एकादशी का नाम मोक्षदा अथार्त मोक्ष देने वाली रखा एकादशी कहा गया है।

जयपुर: मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के दिन कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भागवत गीता का उपदेश दिया था। इसे गीता जयंती एवं मोक्षदा एकादशी नाम से जाना जाता है। यह व्रत समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाला है। इस दिन से गीता पाठ का अनुष्ठान प्रारंभ करना चाहिए और प्रतिदिन गीता का पाठ करना चाहिए। इस बार मोक्षदा एकादशी 25 दिसंबर आज है।

श्रीकृष्ण का आशीर्वाद

यह एकादशी मोह का क्षय करने वाली है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। जो इस दिन किसी योग्य व्यक्ति को श्रीमद्भागवत गीता उपहार स्वरूप प्रदान करता है, वह भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करता है। मोक्षदा एकादशी व्रत से बढ़कर मोक्ष प्रदान करने वाला और कोई व्रत नहीं है। इस व्रत के प्रभाव से घर पर मंडरा रहे संकट दूर होते हैं।

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महत्व और शुभ मुहूर्त

मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत सच्चे मन और श्रद्धा से रखने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए ही इस एकादशी का नाम मोक्षदा अथार्त मोक्ष देने वाली रखा एकादशी कहा गया है।एकादशी तिथि आरंभ 24 दिसंबर दिन बृहस्पतिवार की रात 11 बजकर 17 मिनट से, एकादशी तिथि समाप्त 25 दिसंबर दिन शुक्रवार की रात 1 बजकर 54 मिनट तक। पारण समय 26 दिसंबर दिन शनिवार की सुबह 8 बजकर 30 मिनट से सुबह 9 बजकर 16 मिनट तक।

पूजा विधि

सभी एकादशी के व्रत की तरह ही इस एकादशी की भी पूजा होती है। इस दिन सुबह स्नान के बाद आसन बिछाकर व्रत का संकल्प लें। घर के मंदिर में गंगाजल छिड़ककर उसे पवित्र करें। भगवान विष्णु को स्नान करवाने के बाद उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं। फिर कथा श्रवण करें और दिन भर व्रत रखें। इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। अगले दिन नहा धोकर, पूजा के बाद ही व्रत का पारण करें।

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क्रोध न करें एवं झूठ न बोलें

यह व्रत पूर्वजों के लिए स्वर्ग के द्वार खोलने में सहायता प्रदान करता है। इस दिन पान न खाएं, न ही किसी की निंदा करें। क्रोध न करें एवं झूठ न बोलें। तेल में बना हुआ भोजन न खाएं। मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर पूरे घर में गंगाजल छिड़कें। भगवान विष्णु की पूजा करें और पूजा में तुलसी के पत्तों को अवश्य शामिल करना चाहिए। मोक्षदा एकादशी की रात्रि भगवान श्रीहरि का भजन-कीर्तन करना चाहिए। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें और किसी जरूरतमंद को दान दें।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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