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Nag Panchami Kab Hai: नाग पंचमी का पर्व कब है, जानते हैं शुभ मुहूर्त और महत्व

Nag Panchami 2023 Me Kab hai: सावन के महीने के शुक्ल पक्ष तिथि को यानी पंचमी को नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन सांपों को दूध चढ़ाया जाता है पूजा अर्चना की जाती है। घरों में खूब तरह के व्यंजन बनते हैं।साल 2023 में नाग पंचमी का पर्व किस तारीख को है जानते है शुभ-मुहूर्त और नाग पंचमी से जुड़ी बाते..

Suman Mishra। Astrologer
Published on: 29 Jun 2023 11:57 AM IST (Updated on: 20 Aug 2023 9:27 AM IST)
Nag Panchami Kab Hai: नाग पंचमी का पर्व कब है, जानते हैं शुभ मुहूर्त और महत्व
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सांकेतिक तस्वीर,सौ. से सोशल मीडिया

Nag Panchami 2023 Me Kab hai: सावन (sawan) का महीना पावन होता है जो भगवान शिव ( bhagwan shiva) को अति प्रिय है। इस माह में अनेक व्रत एवं त्यौहार होते है और इन्ही में से एक है नाग पंचमी का त्योहार। इस दिन सभी नाग देवता की पूजा करते है उन्हें दूध अर्पित करते हैं। नाग पंचमी का त्योहार इस साल 21 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन शुभ योग में पूजा स्थान पर नाग देवता का चित्र बनाना बहुत कल्याणकारी माना जाता है। ऐसा करने से भक्तों पर भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा बनी रहती है।

नाग पंचमी पर प्रातः काल उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत होने के बाद सर्वप्रथम भगवान शिव का ध्यान करें।इसके उपरांत व्रत एवं पूजा का संकल्प लेना चाहिए।अब नाग-नागिन के जोड़े की प्रतिमा को गाय के दूध से स्नान कराएं।दूध से स्नान करवाने के बाद अब जल से स्नान करवाएं।स्नान करवाने के पश्चात नाग-नागिन की प्रतिमा का गंध, पुष्प, धूप और दीपक से पूजन करें।इसके उपरांत नाग-नागिन की प्रतिमा को हल्दी, रोली, चावल और फूल भी अर्पित करें।अब घी और चीनी मिला कच्चा दूध चढ़ाएं।इसके बाद सच्चे मन से नागदेवता का ध्यान करते हुए उनकी आरती करें।सबसे अंत में नाग पंचमी की कथा पढ़ें या सुनें।

नाग पंचमी शुभ मुहूर्त

नाग पञ्चमी इस साल- सोमवार, 21 अगस्त 2023

नाग पञ्चमी पूजा मूहूर्त- सुबह 06:05 से 08:41 मिनट तक

अवधि - 02:36 मिनट्स

नाग पञ्चमी तिथि प्रारम्भ -21 अगस्त 2023 को 12:21 amबजे

नाग पञ्चमी तिथि समाप्त - 22 अगस्त, 2023 को 02:00 am बजे पर खत्म

नाग पञ्चमी पूजा मन्त्र (Nag Panchami Puja Mantra) : नाग पंचमी के दिन दूध चढ़ाने का बहुत महत्व है। इस दिन विधि-विधान से पूजा अर्चना के दौरान इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।

सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले.

ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥

ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः.

ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥

अर्थ- इसका अर्थ है कि इस संपूर्ण संसार में, आकाश, स्वर्ग, झीलें, कुएं, तालाब तथा सूर्य-किरणों में निवास करने वाले सर्प, हमें आशीर्वाद दें और हम सभी आपको बार-बार नमन करते हैं। इस मंत्र का अर्थ है कि नौ नाग देवताओं के नाम अनन्त, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कम्बल, शङ्खपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक तथा कालिया हैं। ऐसे में अगर हर रोज सुबह नियमित रूप से इनका जप किया जाए, तो नाग देवता आपको सभी पापों से सुरक्षित रखेंगे और आपको जीवन में विजयी बनायेंगे।

नाग पंचमी के दिन भक्तों को भगवान शिव और पार्वती की पूजा एक साथ करनी चाहिए। नागपंचमी का सनातन धर्म में काफी महत्व है। साथ ही सनातन धर्म में सर्प यानी सांपों को पूजनीय माना गया है। हिंदू ग्रंथों में बताया जाता है कि भगवान हरि विष्णु भी शेषनाग पर ही विराजमान हैं। ऐसे में मनुष्यों को कभी भी सांप को किसी प्रकार का नुकसान या क्षति नहीं पहुंचानी चाहिए।



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Suman Mishra। Astrologer

Suman Mishra। Astrologer

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