×

अमावस्या श्राद्ध: पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति, होगी वंशवृद्धि, इस दिन करें पितरों को प्रसन्न

आगामी 17  सितंबर को पितृ अमावस्या है। इस दिन यदि ही हम कुछ छोटे से उपाय करें तो निसंदेह समस्याओं का समाधान होगा। दोपहर के समय तांबे के लौटे में जल लेकर और तिल डालकर तर्पण करें। जल की छींटे अपने पर नहीं आने दें।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 12 Sep 2020 2:24 AM GMT
अमावस्या श्राद्ध: पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति, होगी वंशवृद्धि, इस दिन करें पितरों को प्रसन्न
X
आगामी 17  सितंबर को पितृ अमावस्या है। इस दिन यदि ही हम कुछ छोटे से उपाय करें तो निसंदेह समस्याओं का समाधान होगा। दोपहर के समय तांबे के लौटे में जल लेकर और तिल डालकर तर्पण करें। जल की छींटे अपने पर नहीं आने दें।

लखनऊ: पितृ अमावस्या हिंदुओं के लिए श्राद्ध का बहुत महत्वपूर्ण दिन कहा गया है। शास्त्रों में अमावस्या को पितरों का दिन कहा गया है। इसलिए इस दिन पितरों के निमित्त किए गए दान-तर्पण, पितृकर्म आदि उन्हें सीधे प्राप्त होते हैं और अपने परिजनों को अच्छे आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस दिन एक मंत्र का जाप कर अपने पितरों को मना सकते हैं। आगामी 17 सितंबर को पितृ अमावस्या है। इस दिन यदि ही हम कुछ छोटे से उपाय करें तो निसंदेह समस्याओं का समाधान होगा। दोपहर के समय तांबे के लौटे में जल लेकर और तिल डालकर तर्पण करें। जल की छींटे अपने पर नहीं आने दें।

यह पढ़ें....राशिफल 12 सितंबर: मीन राशि वालों को मिलेगी नौकरी, जानें बाकी का कैसा रहेगा दिन

पितृ अमावस्या को करें यह उपाय

*दक्षिण दिशा में पितरों के निमित्त 2, 5, 11 या 16 दीपक जरूर जलाएं।

*पीपल और तुलसी को संध्या काल में जल चढ़ाएं।

* पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें और 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का जाप करें।

*सूर्य को तांबे के बर्तन में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 'ॐ पितृभ्य: नम:' का बीज मंत्र पढ़ते हुए तीन बार अर्घ्य दें।

*किसी भी शिव मंदिर में 5 प्रकार के फल रखकर प्रार्थना करें कि इन 16 दिनों में मेरे पितृ जो आस लेकर आए थे, हो सकता है उसमें कमी रह गई हो पर वे मेरी अनन्य भक्ति को ही पूजा समझ कर ग्रहण करें।

*गाय, कुत्ता, कौआ, पक्षी और चींटी को आहार जरूर प्रदान करें।

* 5 तरह की मिठाई भी शिव मंदिर में अर्पित कर सकते हैं।

*5 ब्राह्मणों को दक्षिणा दें।

*चांदी के बर्तन में तर्पण करें।

*सुगंधित धूप दें, जब तक वह जले तब तक ॐ पितृदेवताभ्यो नम: का जप करें और इसी मंत्र से आहुति दें।

* ब्राह्मण, गरीब, गाय, कुत्ते और कौआ को पूरी-खीर जरूर दें।

*अनाज का, वस्त्र का और जूते चप्पल का दान किसी जरूरतमंद दें।

shraaddha सोशल मीडिया से

* पितरों से तर्पण के दौरान प्रार्थना करें कि हमारी सारी पीढ़ी आप को समर्पित है। कोई भूल हुई हो तो क्षमा करें।

* पान के पत्ते पर मिठाई रख कर पीपल पर रख कर आएं और धूप दीप जलाएं।

नीचे लिखे मंत्र को बोलें-

ॐ पितृ देवाय का जाप करें या आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।

यह पढ़ें...सोनिया ने किया कांग्रेस में बड़ा फेरबदल, छीन लिए इनके पद, इन्हें मिली जिम्मेदारी

इन नियमों का भी करें पालन

*पितरों के निमित्त सारी क्रियाएं गले में दाएं कंधे मे जनेउ डाल कर और दक्षिण की ओर मुख करके की जाती है।

*श्राद्ध का समय हमेशा जब सूर्य की छाया पैरों पर पड़ने लग जाए तब उचित होता है, अर्थात दोपहर के बाद ही शास्त्र सम्मत है। सुबह-सुबह अथवा 12 बजे से पहले किया गया श्राद्ध पितरों तक नहीं पहुंचता है। ऐसे में पितर नाराज हो सकते हैं।

shradha सोशल मीडिया से

*श्राद्ध के दिन लहसुन, प्याज रहित सात्विक भोजन ही घर की रसोई में बनना चाहिए।

*उड़द की दाल, बडे, चावल, दूध, घी से बने पकवान, खीर, मौसमी सब्जी जैसे तोरई, लौकी, सीतफल, भिण्डी कच्चे केले की सब्जी ही भोजन में मान्य है।

* आलू, मूली, बैंगन, अरबी तथा जमीन के नीचे पैदा होने वाली सब्जियां पितरों को नहीं चढ़ती है।

* श्राद्ध के नाम पर सुबह-सुबह हलवा- पूरी बनाकर मन्दिर में और पंडित को देने से श्राद्ध का फर्ज पूरा नहीं होता है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story