×

रक्षा बंधन 2020: दो दशक बाद बन रहा ये शुभ संयोग, इस मुहूर्त में बांधे राखी

:सावन की  पूर्णिमा पर 29 साल बाद अंतिम सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व कई शुभ योग व नक्षत्रों के संयोग में 3 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भाइयों की कलाई पर बहनें राखी बांधती है। इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि व दीर्घायु आयुष्मान योग बन रहा है। साथ ही इस बार भद्रा और ग्रहण का भी रक्षाबंधन पर कोई साया नहीं है।

Suman  Mishra
Published on: 21 July 2020 10:05 PM IST
रक्षा बंधन 2020: दो दशक बाद बन रहा ये शुभ संयोग, इस मुहूर्त में बांधे राखी
X

लखनऊ : सावन की पूर्णिमा पर 29 साल बाद अंतिम सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व कई शुभ योग व नक्षत्रों के संयोग में 3 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भाइयों की कलाई पर बहनें राखी बांधती है। इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि व दीर्घायु आयुष्मान योग बन रहा है। साथ ही इस बार भद्रा और ग्रहण का भी रक्षाबंधन पर कोई साया नहीं है।

यह पढ़ें..सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी कर बुरे फंसे वकील प्रशांत भूषण, अवमानना की कार्यवाही शुरू

शुभ मुहूर्त..

रक्षा बंधन 2020 का मुहूर्त,राखी बांधने का मुहूर्त : 09:27:30 से 21:11:21 तक।अवधि : 11 घंटे 43 मिनट। रक्षा बंधन अपराह्न मुहूर्त : 13:45:16 से 16:23:16 तक। रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त : 19:01:15 से 21:11:21 तक।

ये शुभ योग

इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान योग के साथ ही सूर्य शनि के समसप्तक योग, प्रीति योग, सोमवती पूर्णिमा, मकर का चंद्रमा श्रवण नक्षत्र उत्तराषाढा नक्षत्र सोमवार को रहेगा। इससे पहले तिथि वार और नक्षत्र का यह संयोग सन्‌ 1991 में बना था। इन संयोगों से कृषि क्षेत्र के लिए विशेष फलदायी योग बन रहा है। रक्षाबंधन से पहले 2 अगस्त को रात्रि 8 बजकर 43 मिनट से 3 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट तक भद्रा रहेगी। इसके साथ ही शाम 7 बजकर 49 मिनट से दीर्घायु कारक आयुष्मान योग भी लग जाएगा। रक्षाबंधन का व्रत करने वाले लोगों को सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद वेदोक्त विधि से पित्र तर्पण और ऋषि पूजन भी करना चाहिए।

यह पढ़ें...गूगल मैप्स देगा कोरोना टेस्टिंग सेंटर की जानकारी, ऐसे करें सर्च

बहनें रेशम आदि का रक्षा कवच बनाकर उसमें सरसों सुवर्णा केशर, चंदन, अक्षत और दूर्वा रखकर रंगीन सूती वस्त्र में बांधकर उस पर कलश की स्थापना करें। इसके बाद विधि पूर्वक पूजन करें। बहन भाई के दाहिनी हाथ में बांध ऐसा करने से वर्ष भर भाई का जीवन सुखी रहेगा। शास्त्रों में राखी बांधन के लिए अभिजीत मुहूर्त व गोधूलि बेला विशेष बताई गई है।

3 अगस्त की सुबह 10 बजकर 25 मिनट से शुभ अभिजीत मुहूर्त का आरंभ होगा, वहीं शाम को 5.30 बजे गोधूलि बेला का शुभ मुहूर्त रहेगा। वैसे दिनभर शुभ चौघड़िया मुहूर्त में भी राखी बांधी जा सकती है।

Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story