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अनामिका उंगली में ही हमेशा क्यों पहनाई जाती है सगाई की अंगूठी
इस रस्म हाथ की अनामिका उंगली में अंगूठी को प्यार की निशानी के तौर पहना जाता है। एक ऐसा वादा जो दो लोग एक-दूसरे से करते हैं। एक बंधन जिसे वो उम्रभर निभाने की कसम खाते हैं।
लखनऊ: जीवन में शादी और सगाई की रस्म बहुत रोमांचक होती है। कुछ लोगों के लिए ये एक ख़ूबसूरत एहसास सपनो की तरह होता है जिसके सपने वो बचपन से देखते हैं और इन रस्मों का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं कि कब उनकी शादी होगी, कब उनकी सगाई होगी, कब वो भी इन सारी रस्मों को निभाएंगी। शादी और सगाई की रस्में ऐसी हैं बचपन से हर कोई देखता है और उनके प्रति आकर्षित रहता है।
सगाई की रस्म
शादी से पहले सगाई की रस्म में होती है। इस रस्म हाथ की अनामिका उंगली में अंगूठी को प्यार की निशानी के तौर पहना जाता है। एक ऐसा वादा जो दो लोग एक-दूसरे से करते हैं। एक बंधन जिसे वो उम्रभर निभाने की कसम खाते हैं। पर क्या आपने कभी ये सोचा है कि सगाई की अंगूठी हाथ की तीसरी उंगली (अनामिका) में ही क्यों पहनी जाती है? फिल्मों में दिखाया जाता है कि तीसरी उंगली सीधे दिल तक पहुंचती है इसलिए अंगूठी उसी में पहनते और पहनाते हैं। लेकिन इसके अलवा इसेक पीछे और भी वजह हैं।
मान्यता
शादी वाले दिन एक दूसरे की उंगली में अंगूठी पहना कर हम एक दूसरे के प्रति वफादार व प्रतिबद्ध रहने प्रण लेते हैं। शादी की अंगूठी पहन कर व्यक्ति अपनी पत्नी व परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करने की क्षमता को व्यक्त करता है। साथ में वह जिंदगी भर अपनी पत्नी की रक्षा करने का वादा करता है।
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हाथ की तीसरी उंगली में अंगूठी पहनाए जाने के पीछे रोम की एक मान्यता है। मान्यता काफी पुरानी है। रोम में ऐसा माना जाता है कि अनामिका से होकर एक नस सीधे दिल से जुड़ती है। इसी वजह से अंगूठी पहनने और पहनाने के लिए यही उंगली बेस्ट है। ये सबसे पुरानी और लोकप्रिय मान्यता है।
चीन में मान्यता है कि हमारे हाथ की हर उंगली एक संबंध को दर्शाती है और हाथ तीसरी उंगली यानी अनामिका पार्टनर के लिए होती है। इसी क्रम में अंगूठा माता-पिता के लिए, तर्जनी भाई-बहनों के लिए, मध्यमा खुद के लिए और कनिष्ठा बच्चों के लिए होती है।
दो दिलों का बंधन
बात चाहें अनामिका उंगली की हो या दिल की। सबका मक़सद एक ही होता है। दो दिलों के बीच प्यार जगाना और प्यार के एहसास को और भी गहरा बनाना ताकि उनका रिश्ता दुनिया का सबसे प्यारा रिश्ता बने।
प्यार का इजहार
कहते हैं कि शादी की अंगूठी पहनना एक दूसरे के प्रति प्यार जाहिर करने का तरीका होता है। इस तरह कपल एक दूसरे को रोमांटिक तरीके से अपने प्यार का इजहार करते हैं। शादी वाले दिन एक दूसरे की उंगली में अंगूठी पहनाकर हम एक दूसरे के प्रति वफादार व प्रतिबद्ध रहने का प्रण लेते हैं।
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वैसे ऐसा कोई नियम नहीं है कि आपको अपनी शादी की अंगूठी बाएं हाथ की अनामिका में ही पहननी है। मध्य और उत्तरी यूरोप के कई सारे मैरिड कपल अपने दाएं हाथ की चौथी उंगली में भी शादी की अंगूठी पहनते हैं।