×

इस दिन ना भेजे घर की बेटी को ससुराल, नहीं रहेगा उसका जीवन बेहाल

बीच राह में पत्नी को इस तरह लुटा देखकर वह व्यक्ति मन ही मन शंकर भगवान की प्रार्थना करने लगा कि हे भगवान मुझे और मेरी पत्नी को इस मुसीबत से बचा लो, मैंने बुधवार के दिन अपनी पत्नी को विदा कराकर जो अपराध किया है उसके लिये मुझे क्षमा करो।

suman
Published on: 21 July 2019 1:29 PM GMT
इस दिन ना भेजे घर की बेटी को ससुराल, नहीं रहेगा उसका जीवन बेहाल
X

जयपुर: हर धर्म के अपने नियम कायदे है।हर धर्म से जुड़े कई रीति-रिवाज है जिनका पालन उनसे जुड़े करते है। सब की बात छोड़ जब हम हिंदू धर्म की करेंगे तो आपको उसमें कई रीति रिवाज दिखेंगे जो सुनने में भले अटपटा लगें, लेकिन उनका पालन इस धर्म से जुड़े लोग सप्रेम करते हैं।

हमारे धर्म में बेटी के लक्ष्मी मानते है। इसलिए कभी लोग अपनी बेटी का निरादर करते नहीं है। इसलिए बहुत से पर्व त्याहोरों में को पूजा जाता है। बेटी की जब शादी करते है तब भी कई नियमों का पालन करते हैं ताकि वह सुखी रही व माता-पिता का घर उसके रहते व शादी के बाद उसके जान पर भी हरा भरा रहे। ऐसे ही नियमों में एक नियम है बेटी को बुधवार के दिन ससुराल नहीं भेजना चाहिए। इस नियम से जुड़े रहस्य शायद लोगों को पता नहीं हैं। शास्त्रों में ए इस नियम से जुडी बाते बताई गई हैं।

कहते हैं बुधवार के दिन बेटी को विदा करने से उसका जीवन कष्ट भरा रहता है। अगर बेटी की बुध ग्रह की दशा खराब हो तो ऐसी गलती बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए।

मुंबई: ताजमहल होटल के पास इमारत में आग लगने से 1 की मौत, राहत बचाव कार्य जारी

ज्योतिष के अनुसार कहे तो बुध, चंद्र का शत्रु है। ज्योतिष में चंद्र को यात्रा का कारक मानते है और बुध को लाभ का। इसलिए इन ग्रहो का असर भी कई बार जीवन पर दिखाई देता है।बुधवार के दिन बेटी को बिदा करने से रास्ते में किसी प्रकार की दुर्घटना की संभावना रहती है। शायद बेटी का अपने ससुराल से संबंध भी बिगड़ जाएं।

बुधवार के दिन किसी भी तरह की यात्रा नहीं करना चाहिए है। यदि बुध खराब है तो दुर्घटना या किसी तरह की अनिष्ट घटना बढ सकती है।

मान्यता बुधवार के दिन बिदाई को लेकर एक प्रदोष व्रत से जुड़ी एक मान्यता है जिसका धर्म ग्रंथों में वर्णन है....

प्राचीन काल की कहानी है एक गांव में तीन दोस्त थे ब्राह्मण क्षत्रिय व कायस्थ। तीनों का विवाह एक साथ हुआ। दो दोस्तों की पत्नी विवाह के साथ आ गई। तीसरे कायस्थ दोस्त की पत्नी विवाह के बाद नहीं आई तो उसने अपने दोस्तों से कहा मैं गौना कराकर ससुराल जाकर अपनी पत्नी को लेकर आता हूं। दोस्तों ने मना किया कि बुधवार को पत्नी को ना लाएं, लेकिन वह ना माना। वह गौने के बाद दूसरी बार पत्नी को लिवाने के लिये अपनी ससुराल पहुँचा और उसने सास से कहा कि बुधवार के दिन ही पत्नी को लेकर अपने नगर जायेगा।

उस व्यक्ति के सास-ससुर ने, साले-सालियों ने उसको समझाया कि बुधवार को पत्नी को विदा कराना शुभ नहीं है, लेकिन वह नहीं माना। विवश होकर सास-ससुर को अपने जमाता और पुत्री को भारी मन से विदा किया।

भैया जान लो! सिगरेट फेंकने से होता है ये बड़ा नुकसान, अगर करते हैं तो हो जाएं सतर्क

पति-पत्नी बैलगाड़ी में चले जा रहे थे। नगर से बाहर निकलते ही पत्नी को प्यास लगी। पति लोटा लेकर पत्नी के लिये पानी लेने गया। जब वह पानी लेकर लौटा तो उसने देखा कि उसकी पत्नी किसी पराये व्यक्ति के लाये लोटे से पानी पीकर , हँस-हँसकर बात कर रही है। वह पराया व्यक्ति बिल्कुल इसी पुरुष के शक्ल-सूरत का था। यह देखकर वह व्यक्ति दूसरे अन्य व्यक्ति से क्रोध में आग-बबूला होकर लड़ाई करने लगा। धीरे-धीरे वहाँ काफी भीड़ इकट्ठा हो गयी । इतने में एक सिपाही भी आ गया। सिपाही ने स्त्री से पूछा कि सच-सच बता तेरा पति इन दोनों में से कौन है ? लेकिन वह स्त्री चुप रही क्योंकि दोनों पुरुष हमशक्ल थे ।

बीच राह में पत्नी को इस तरह लुटा देखकर वह व्यक्ति मन ही मन शंकर भगवान की प्रार्थना करने लगा कि हे भगवान मुझे और मेरी पत्नी को इस मुसीबत से बचा लो, मैंने बुधवार के दिन अपनी पत्नी को विदा कराकर जो अपराध किया है उसके लिये मुझे क्षमा करो। भविष्य में मुझसे ऐसी गलती नहीं होगी। श्री शंकर भगवान उस पुरुष की प्रार्थना से द्रवित हो गये और उसी क्षण वह अन्य पुरुष कही अंतर्ध्यान हो गया। वह पुरुष अपनी पत्नी के साथ सकुशल अपने नगर को पहुँच गया।

suman

suman

Next Story