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sawan 2023: सावन आने में है कुछ दिन शेष, महिलाएं शिव की पूजा में रखें इन बातों का ध्यान, वरना होगा बड़ा अनर्थ
sawan 2023: सावन में शिव जी की पूजा से मनचाहा फल मिलता है। इस मास में शिव की पूजा खास महिलाओँ को करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए
sawan 2023: सावन में शिव जी की विशेष पूजा की जाती है ताकि देवों के देव महादेव जल्द प्रसन्न हो हर इच्छा की पूर्ति करें। शिव जी देवताओं में सबसे श्रेष्ठ हैं। जब भगवान शिव की पूजा की जाती है तो विधि-विधान का बहुत ख्याल रखना पड़ता है। समस्त जगत के प्राणी शिव की पूजा सावधानी के साथ करते हैं, लेकिन क्या अविवाहित लड़कियों को शिव की पूजा करनी चाहिए। हां अविवाहित भी भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा एक साथ कर सकती हैं।
शिवलिंग छूने पर मनाही
शिवलिंग को योनि जो देवी शक्ति का प्रतीक के रुप में ही पूजा जाता है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग की पूजा सिर्फ पुरुष ही कर सकते हैं और कुंवारी लड़कियां नहीं। इसके पीछे कारण है...धर्म अनुसार, शिवलिंग एक दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है। यदि विवाहित लोग इसकी पूजा करते हैं तो उनके वैवाहिक जीवन में प्रेम खुशहाली आती है, सुंदर और सुयोग्य संतान की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। वहीं कुंवारी लड़कियों को सुन्दर-सुयोग्य व मनवाछित वर प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। परंतु इन्हें पूजा के दौरान शिवलिंग को स्पर्श नहीं करना चाहिए। इससे देवी पार्वती बहुत ही नाराज होती हैं। इसके अलावा तपस्यालीन भगवान शिव की तंद्रा भंग न हो, इसलिए भी शिवलिंग को छूने की मनाही होती है। शिवलिंग स्पर्श करने से भगवान शिव व माता पार्वती की नाराजगी का शाप झेलना पड़ सकता है।
सावन में मां पार्वती के साथ कर सकती है शिव की पूजा
कहा गया है कि अविवाहित महिलाओं को शिवलिंग के पास इसलिए नहीं आना चाहिए, क्योंकि शिव सबसे पवित्र और हर वक्त तपस्या में लीन रहते थे।
शिव मंदिरों में ध्यान और पूजा की जाती है इसलिए ये जगह बहुत पवित्र और आध्यात्मिक मानी जाती है। इसलिए इस जगह पर अकेली लड़कियों का आना मना होता है।
ये माना जाता है कि अनजाने में भी कई गलती बहुत बड़े विनाश का कारण बनती है। इसलिए पुरानी मान्यताओं के अनुसार महिलाओं का शिवलिंग के पास जाना वर्जित है।
अगर अविवाहित लड़कियों को पूजा करना हैं तो शिव और माता पार्वती के साथ करना चाहिए।
शिव की तरह पति चाहती है लड़कियां
कई महिलाएं लगातार 16 सोमवार व्रत रखती हैं। इस व्रत को रखने से कुंवारी लड़कियों को अच्छा वर मिलता है। वहीं विवाहित महिलाओं के पति अच्छे विचारों वाले होते हैं।
सोमवार को भगवान शिव का दिन मानते है। जैसा कि तीनों लोकों में भगवान शिव को एक आदर्श पति माना जाता है। इसलिए अविवाहित नारी सोमवार का व्रत रखती हैं और भगवान शिव से प्रार्थना करती हैं उन्हें शिव के समान ही पति परमेश्वर मिले।वैसे भगवान शिव का ये व्रत किसी भी सोमवार को रखा जा सकता है, लेकिन सावन मास में जो कोई भी इस व्रत को रखता है उसे भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है।
शिव पूजा का अलग-अलग विधान
पूरे देश में शिव पूजा का अलग-अलग विधान हैं। दक्षिण भारत में मंदिर के भीतर पूजा सिर्फ मंदिर का पुजारी ही कर सकता है। दूसरे लोगों को ये पूजा करने की इजाजत नहीं है। वहीं उत्तर में पूजा खुद श्रद्धालू करते हैं।
घरेलू पूजा में दक्षिण भारत में पुरुष भगवान शिव या शालिग्राम का अभिषेक करते हैं, वहीं महिला अभिषेक के लिए चढ़ाए जाने वाली वस्तुओं को पुरुष को देने का काम करती है। वहां सीधे महिलाएं भगवान का स्पर्श नहीं कर सकती है।