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Sawan Adhikmass Amawasya2023 Shubh Muhurat: अधिकमास अमावस्या जानिए कब है, इस दिन स्नान दान-पूजा से मिटेगा हर कुंडली दोष

Sawan Adhikmass Amawasya-2023 Shubh Muhurat: इस साल 12 की जगह 13 अमावसया होगी। इस तिथि का बहुत महत्व है। इस दिन अगर धार्मिक नियमों का पालन किया जाये तो हर दोष दूर होता है। घर पर कोई भी साया नही मंडराता है।

Suman Mishra। Astrologer
Published on: 4 Aug 2023 4:33 PM IST
Sawan Adhikmass Amawasya2023 Shubh Muhurat: अधिकमास अमावस्या जानिए कब है, इस दिन स्नान दान-पूजा से मिटेगा हर कुंडली दोष
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सांकेतिक तस्वीर, सोशल मीडिया

Sawan Adhikmass Amawasya-2023 Shubh Muhurat अधिकमास अमावस्या 2023: अमावस्या ( Amawasya) तिथि पितृदोष और कालसर्प दोष (kaal sarp doash) को दूर करने के लिए काफी शुभ मानी जाती है। पितरों की शांति के साथ जीवन में खुशहाली के लिए अधिकमास अमावस्या पर स्नान के साथ दान का भी बहुत महत्व है। इस दिन किसी जरूरतमंदों को कपड़े, अन्न, तिल, तेल, चावल, चद्दर, छाता, चना दान करने से कई गुना फल मिलता ह। मान्यता है कि अमावस्या पर किया दान पुण्य हजारों गायों के दान के समान होता है।इस बार अधिकमास अमावस्या है। इस दिन दोष के प्रभाव को कम करने के लिए गुड़ या शहद का दान करना शुभ होगा।

इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है।इस साल सावन के अधिकमास अमावस्या 16 अगस्त 2023 को है। इसके बाद से का शुक्ल पक्ष शुरू हो जाएगा। 15 अगस्त 2023 को दर्श अमावस्या है। अधिकमास अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान-दान करने से पुण्य फल प्राप्त होता है।

हर माह की अमावस्या का विशेष महत्व है लेकिन अधिकमास में आने वाली अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। मान्यता है अधिकमास अमावस्या के दिन पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं और परिजनों से तर्पण की उम्मीद करते हैं। कहते हैं कि अधिकमास अमावस्या पर जो श्राद्ध कर्म करता है उनके पूर्वजों की आत्मा तृप्त रहती है और परिवार के सारे दुख दूर हो जाते हैं: जानते हैं सावन अधिकमास अमावस्या की महत्व।

अधिकमास अमावस्या शुभ मुहूर्त

अधिकमास अमावस्या तिथि की शुरुआत 15 अगस्त 2023 को सुबह 12. 42 मिनट पर होगी और अगले दिन 16 अगस्त 2023 को दोपहर 03 .07 मिनट पर इसका समापन होगा।

स्नान-दान मुहूर्त - सुबह 04.20 - सुबह 05.02

लाभ (उन्नति) - सुबह 05:51 - सुबह 07:29

अमृत (सर्वोत्तम) - सुबह 07:29 - सुबह 09:08

शुभ (उत्तम) - सुबह 10:47 - दोपहर 12:25

स्कंद पुराण में लिखा है कि-

अमा षोडशभागेन देवि प्रोक्ता महाकला।

संस्थिता परमा माया देहिनां देहधारिणी।।अर्थ - इस श्लोक के अनुसार अमा को चंद्र की महाकला कहा गया है, इसमें चंद्र की सभी सोलह कलाओं की शक्तियां शामिल होती हैं। इस कला का क्षय और उदय नहीं होता है। अमावस्या पर किए गए दान, तर्पण, पूजा पाठ का कभी न खत्म होने वाला फल मिलता है।

अधिकमास अमावस्या महत्व

अधिकमास और अमावस्या दोनों ही भगवान विष्णु की पूजा के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं। मान्यता है कि अधिकमासअमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान के बाद दीप दान करने वाला मनुष्य विष्णु लोक को प्राप्त होता है। अधिकमास अमावस्या पर्व के समान है. नाराज पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और गरीबों को भोजन कराएं

अधिकमास अमावस्या पर उपाय

  • जो लोग पैसों की तंगी से परेशान हैं, वे अधिकमास अमावस्‍या के दिन सुबह स्‍नान करने के बाद आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं। ऐसा करने से कुछ ही दिन में आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगेगी।
  • इस दिन पीपल, बड़, नीम, आंवला, अशोक तुलसी, बिल्वपत्र और अन्य पेड़-पौधे लगाने की परंपरा है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन अपने घर या आसपास वास्तु के अनुसार पौधे लगाएं जाएं तो पितृदोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही दोगुना पुण्य मिलता है।धन की कमी नहीं होती और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। दरिद्रता भी दूर होती है और ऐशवर्य की प्राप्ति होती है।
    इस विशेष दिन पर पीपल के अतिरक्त बरगद, तुलसी, शमी इत्यादि की पूजा भी करें। पीपल के वृक्ष की उपासना को इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस वृक्ष में त्रिदेवों का वास होता है।
    अधिक मास की अमावस्या तिथि के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक प्रज्वलित करना चाहिए। ऐसा करने के साथ वृक्ष की सात बार परिक्रमा करनी चाहिए।
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गरीबों को भोजन करना बेहद पुण्यकारी होता है। अधिकमास अमावस्या के दिन गरीबों को भोजन कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन की परेशानियां खत्म होती हैं। इसके अलावा इस दिन चीटियों को शक्कर खिलाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
  • आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो अधिकमास अमावस्या पर चांदी के नाग नागिन के जोड़े की पूजा किसी पवित्र नदी के किनारे कीजिए और उसे नदी के पानी में प्रवाहित कर दीजिए। इसके साथ आप कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नाग नागिन के जोड़े को खरीद कर जंगल में मुक्त कर सकते हैं।
  • अमावस्या तिथि पर गीता का पाठ करने से पितरों को शांति मिलती है। इस दिन पीपल का पेड़ लगाइए और उसकी देखरेख कीजिए।आषाढ़ अमावस्या पर गाय के घी का दीपक ईशान कोण में जलाएं। इस दीपक में रुई की जगह लाल धागा रखें और दीपक में केसर भी डाल दें। यह उपाय करने से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और घर में धन की वर्षा होती है।



Suman Mishra। Astrologer

Suman Mishra। Astrologer

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