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आज ही खरीद लें ये पूजन सामग्री, ताकि भगवान शिव की पूजा में न हो कोई भूल

भगवान शिव का सबसे प्रिय मास सावन ही होता है और इस पूरे महीने शिव की पूजा करने से अनगिनत पुण्यलाभ मिलते हैं।  बता दें कि साल 2020 में 6 जुलाई से 3 अगस्त तक सावन का पवित्र महीना रहेगा।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 5 July 2020 5:53 PM IST
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कुश के आसन पर बैठकर शिवजी  के मंत्रों का जाप करें। इसके बाद अपनी समस्याओं के अंत होने की प्रार्थना करें। निर्धनों को भोजन कराएं। अगर ये पूजा प्रदोष काल में कर लें तो और भी उत्तम होगा।

लखनऊ: भगवान शिव का सबसे प्रिय मास सावन ही होता है और इस पूरे महीने शिव की पूजा करने से अनगिनत पुण्यलाभ मिलते हैं। बता दें कि साल 2020 में 6 जुलाई से 3 अगस्त तक सावन का पवित्र महीना रहेगा।इस दौरान 5 सोमवार पड़ रहे हैं और सावन की शुरुआत भी सोमवार से हो रही है इससे इसका महत्व और बढ़ गया है।

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भगवान शिव की पूजा में कुछ खास चीजें चढ़ाई जाती हैं, इसलिए जरूरी है कि पूजा सामग्री भूलने न पाएं। पूजा करते समय यदि किसी सामग्री की भूल होती है, तो इससे मन में संशय बढ़ जाता है। इसलिए ऐसी भूल न हो इसके लिए यहां भगवान शिव की पूजा की सारी सामग्री के बारे में बता रहे हैं। इस में दी हुई हुई चीजें खरीद सकते हैं।

सुबह सुबह करें ये काम

सावन में सूर्योदय से पहले उठ जाएं और सुबह के काम से निवृत होकर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद शिव पूजा और व्रत का संकल्प लें और पार्थिव शिवलिंग पर गंगा जल मिश्रित जल चढ़ाएं। मिट्टी के बने शिवलिंग को खुद बना कर अपने घर में शमी के पौधे के साथ रख दें। पूरे सावन भर इसी शिवलिंग की पूजा करें। शिवलिंग पूजा के बाद घर में गणपति जी को पूजने के बाद भगवान शंकर व देवी पार्वती की पूजा करें।

सामग्री

जल, गंगा जल, गाय का दूध, दही, फूल, फूल माला,कम से कम 5 या 51 बेलपत्र, शहद, शक्कर, घी, कपूर,रुइ की बत्ती, प्लेट, कपडा, यज्ञोपवीत, सूपारी, इलायची, लौंग, पान का पत्ता, सफेद चंदन, धूप, दिया, धतुरा, भांग, जल पात्र,चम्मच, नैवेद्य,मिठाई आदि जरूर ध्यान से एक दिन पहले ही एकत्र कर रख लें। और पंचाक्षर शिव मंत्र से शिवलिंग की पूजा करें।

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आरती और क्षमा याचना

पूजा के बाद भगवान शिव के सामने ये मंत्र पढ़ कर क्षमा मांग लें यदि पूजा में कोई भूल हुई हो

'आवाहनं न जानामि, न जानामि तवार्चनम, पूजाश्चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वर।

बता दें कि शिवलिंग पर चढ़ी हुई भोग सामग्री प्रसाद रूप से ग्रहण नहीं की जाती है, क्योंकि इस प्रसाद पर गण चंड का अधिकार होता है, लेकिन यदि प्रसाद शिवलिंग के पास भूमि पर चढ़ाया गया है तो वह प्रसाद खाया जा सकता है। यह शिव जी का नैवेद्य प्रसाद होता है और इसे सम्पूर्ण परिवार में बांटना चाहिए।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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