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श्राद्ध पक्ष में इन महिलाओं को रखना चाहिए खास ख्याल, नहीं तो पड़ेगा बुरा प्रभाव
वेद-पुराणों से लेकर उपनिषदों तक में गर्भधारण से लेकर मृत्योपरांत तक के संस्कारों का वर्णनहै। इन्हीं संस्कारों में से एक है पितृ पक्ष। इस बार 13 व 14 सितंबर से पितृपक्ष शुरु हो गया। इस दौरान व्यक्ति अपने पितरों को तर्पण देने के साथ उनका श्राद्ध भी करता है।
जयपुर: वेद-पुराणों से लेकर उपनिषदों तक में गर्भधारण से लेकर मृत्योपरांत तक के संस्कारों का वर्णन है। इन्हीं संस्कारों में से एक है पितृ पक्ष। इस बार 13 व 14 सितंबर से पितृपक्ष शुरु हो गया। इस दौरान व्यक्ति अपने पितरों को तर्पण देने के साथ उनका श्राद्ध भी करता है। श्राद्ध के दौरान महिलाओं खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए नियम हैं। जिनका पालन न करने से बच्चे पर बुरा असर पड़ता है। कहते है कि पितृ पक्ष में पितरों के साथ प्रेत आत्माएं भी धरती पर आती हैं। जिनका प्रेग्नेंट महिला के होने वाले बच्चे पर पड़ता है। जानिए कैसे...
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जो इन दिनों अपने पितरों का श्राद्ध करते है उन्हें पितृ पक्ष में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। खासकर महिलाओं का इसे शख्ती से मानना चाहिए।
पितृ पक्ष के दौरान चना, मसूर, सरसों का साग, सत्तू, जीरा, मूली, काला नमक, लौकी, खीरा एवं बांसी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने आपके पितरों को रुष्ट कर सकता है।
पितृ पक्ष पर प्रेग्नेंट महिलाएं किसी एकांत जगह या जंगल की ओर भूलकर भी ना जाएं। ऐसी जगहों पर नकारात्मक शक्तियों का वास रहता है, जो महिला और उसके बच्चे के लिए बुरा असर डालता है।
पितृ पक्ष के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को शमशान घाट के पास जाने की भी मनाही होती है। माना जाता है कि इस समय पितरों के साथ वहां कई बुरी आत्माएं भी मौजूद होती हैं। जो गर्भ में पल रहे बच्चे और माता पर अपना बुरा प्रभाव डाल सकती हैं।
कभी भी किसी को किसी बड़े बुजुर्ग का दिल नहीं दुखाना चाहिए। लेकिन पितृ पक्ष के दौरान खासकर प्रेग्नेंट महिलाओं को इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि वो भूलकर भी किसी बुजुर्ग व्यक्ति का मन न दुखाएं, ऐसा करने से आपके पितर आपसे नाराज होकर आपको दंडित भी कर सकते हैं।
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पितृ पक्ष के दौरान किसी भी प्रेग्नेंट महिला को मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने उनके पितरों का दुख पहुंचता है और सभी बुरी शक्तियां आपके ऊपर अपना असर डालने लगती हैं।
पितृ पक्ष के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को श्रृंगार करके या इत्र लगाकर नहीं रहना चाहिए। ऐसा करने से उनके होने वाले बच्चे को परेशानी हो सकती है।
इसके अलावा भी अन्य शादी शुदा महिलाओँ को भी इस दौरान नए वस्त्र, श्रृंगार समाग्री नहीं इस्तेमाल करना चाहिए और ना खरीदना चाहिए।