TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

सुंदरिया दूज है आज, सुंदरता बढ़ाने के लिए करें इनकी उपासना

स्त्रियों का सौभाग्य बढ़ता है।यह व्रत आर्थिक समस्या का निवारण करता है।धन प्राप्ति का मार्ग खुलता है। इस दिन विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 2 Dec 2020 8:58 AM IST
सुंदरिया दूज है आज, सुंदरता बढ़ाने के लिए करें इनकी उपासना
X
सई नदी के किनारे मेला लगता है  और दर्पण दान किया जाता है। महिलाएं अपनी सुंदरता को बढ़ाने के लिए आज के दिन भगवान विष्णु से उपासना करती है। और खूबसूरत जीवनसाथी की कामना करती है।

लखनऊ हिन्दू धर्म और पंचांग का नौवां महीना है मार्गशीर्ष। इसे अग्रहायण या अगहन का महीना भी कहते हैं। इसे मार्गशीर्ष महीना भी कहा जाता है। इस महीने में पवित्र नदियों में स्नान करना विशेष फलदायी होता है। जो लोग प्रतिदिन नहाते हैं उन्‍हें विशेष स्‍नान से मोक्ष के द्वारा खुल जाते हैं। वैसे तो इस पवित्र मास को भगवान विष्णु का स्वरुप माना जाता है।। इस मास की हर तिथि का महत्व है। इसी क्रम में आज द्वितीया तिथि है जिसे अशुन्य द्वीतिया कृष्ण द्वीतीया और सुंदरिया दूज कहते हैं।

आज सुंदरिया दूज भी है इस तिथि पर लखनऊ में सई नदी के किनारे मेला लगता है और दर्पण दान किया जाता है। महिलाएं अपनी सुंदरता को बढ़ाने के लिए आज के दिन भगवान विष्णु से उपासना करती है। और खूबसूरत जीवनसाथी की कामना करती है।

यह पढ़ें...इस पवित्र माह में हो जाएंगे मालामाल, हाथ से ना गवाएं मौका, बस करें ये सारे काम

खास महत्व

इस तिथि का खास महत्व है।इस दिन व्रत रखा जाता है। यह व्रत केवल अगहन की द्वीतीया को ही नहीं रखते, बल्कि 5 मास तक रखा जाता है।5 मास की कृष्ण पक्ष की द्वीतीया जो श्रावण से शुरू होकर मार्गशीर्ष की कृष्ण पक्ष की द्वीतिया पर पूर्ण होती है।इस दिन व्रत रखने से पूर्ण वैवाहिक सुख मिलता है। और विवाह भी जल्दी होता है।

वैवाहिक सुख वृद्धि

इस व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों रख सकते है। इस व्रत के प्रभाव से पुरुषों के वैवाहिक सुख बढ़ते हैं दुखों में कमी आती है। और स्त्रियों का सौभाग्य बढ़ता है।यह व्रत आर्थिक समस्या का निवारण करता है।धन प्राप्ति का मार्ग खुलता है। इस दिन विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

यह पढ़ें...2 दिसंबर राशिफल: मीन राशि के लिए समय अच्छा है, जानें बाकी राशियों का हाल

vishnu2

धार्मिक ग्रंथों में वर्णन

पद्मपुराण, मत्स्य पुराण विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों में इस अशून्य द्वितीया कृष्ण दूज के व्रत की महिमा का वर्णन है।अशून्य का अर्थ- अकेला। नाम के अनुरुप इस व्रत के प्रभाव से वैवाहित दंपति अपने जीवन को मधुर बना सकते हैं। पति-पत्नी के रिश्ते बेहतर होने के साथ प्यार बढ़ता है। ईश्वर की कृपा बरसती है।

विधि

इस दिन सुबह स्नान करके पूजा का संकल्प लिया जाता है।शाम को विधि-विधान से भगवाण विष्णु के साथ लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।सफेद मिष्ठान और केले का भोग लगाएं। मंत्र जाप के साथ आरती के बाद भगवान विष्णु को शयन करा दें। फिर कलथ में जल, दूध और चावल मिलाकर चंद्रमा को अर्ध्य दें। इसके बाद पारण कर व्रत पूर्ण किया जाता है।



\
Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story