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Surya Dev Puja Importance: सूर्यदेव के उपासक कौन-कौन से देव हैं ?
Surya Dev Puja Importance: भगवान विष्णु के साथ ही भगवान सूर्य की उपासना का भी विधान है । क्योंकि सूर्य भगवान विष्णु के ही अंश है।
Surya Dev Puja Importance: नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्।
दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।।
भगवान विष्णु के साथ ही भगवान सूर्य की उपासना का भी विधान है । क्योंकि सूर्य भगवान विष्णु के ही अंश है।
अच्छा स्वास्थ्य, तेजस्विता और सिद्धि पाने के लिए सूर्य उपासना की जाती है।
जानिए उन देव और लोगों के नाम जो भगवान सूर्यदेव की उपासना करते थे।
1. हनुमानजी-एक ऐसा समय था जबकि हनुमाजी ने सूर्यदेव को अपना गुरु बनाकर उनकी उपासना करके उनसे शिक्षा ग्रहण की थी।
2. बालि -सुग्रीव का भाई बालि प्रतिदिन सूर्य उपासना करता था।
3. कर्ण-महाभारत में कुंती के पुत्र कर्ण भी सूर्यदेव के उपासक थे।
4. अरुण-गरुड़ भगवान के भाई अरुण देव भी सूर्य के उपासक थे।
5. सुग्रीव-प्रभु श्रीराम की सेना में यूथपति थे सुग्रीव वे भी सूर्य के उपासक थे।
6. आदित्य हृदय स्त्रोत-अगस्त्य मुनि ने प्रभु श्रीराम को युद्ध में विजयी होने के लिए आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ की महिमा का वर्णन किया था।
7. वेदों में सूर्य-सभी वेद सूर्य की उपासना पर बल देते हैं। वेदों के अनुसार सूर्य इस जगत की आत्मा है। इसकी उपासना सभी देवी और देवता करते हैं। अत: जो भी इसकी उपासना करता है वह लंबी आयु और सुख पाता है।
उल्लेखनीय है कि सूर्यदेव के पुत्र वैवस्वत मनु, शनि, यमराज, अश्विन कुमार, सावर्ण मनु, सुग्रीव, कर्ण आदि थे।
उनकी पुत्रियों में यमुना, ताप्ति, विष्टि ( भद्रा) और रेवंत का नाम प्रमुख है।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय
मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते,
अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।
ऊं घृणिं सूर्य्य: आदित्य:।
समस्त चराचर प्राणियों एवं सकल सृष्टि का कल्याण करो प्रभु सूर्य देव।