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Surya Garahan Pregnant Women: गर्भवती महिला को क्या करना चाहिए?, जानिए सूर्य ग्रहण शुभ-अशुुभ संकेत और दान का महत्व

Surya Garahan Pregnant Women Ko Kya karna Chahiye: 20 अप्रैल का सूर्य ग्रहण हाइब्रिड ग्रहण है। इससे पहले ये ग्रहण 2013 में लगा था । इस बार का ग्रहण भारत में भले न दिखाई दें लेकिन इस ग्रहण को लेकर गर्भवती महिलाओं के साथ सभी को सावधान रहने की जरूरत है।

Suman Mishra। Astrologer
Published on: 20 April 2023 11:02 AM GMT (Updated on: 20 April 2023 6:31 AM GMT)
Surya Garahan Pregnant Women: गर्भवती  महिला को क्या करना चाहिए?, जानिए सूर्य ग्रहण शुभ-अशुुभ संकेत और दान का महत्व
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सांकेतिक तस्वीर,सौ. से सोशल मीडिया

Surya Garahan Pregnant Women Ko Kya karna Chahiye

साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल की सुबह तः 7:05 पर शुरू होगा, ग्रहण का खग्रास प्रातः 8:07 पर होगा। इस सूर्य ग्रहण का मध्यकाल सुबह 9:45 तक होगा, सूर्य ग्रहण की समाप्ति दोपहर 12:24 तक होगी। सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 22 मिनट होगी।सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है और इस समय में कई नियमों का पालन करना होता है। लेकिन सूतक काल उस जगह पर मान्‍य होता है, जहां पर सूर्य ग्रहण दिखाई देता है। भारत में ये सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा, इसलिए इसका सूतक काल भी यहां मान्‍य नहीं होगा। इस बार के सूर्य ग्रहण के दौरान अगर आप या आपके जान पहचान में कोई प्रेग्नेंट लेडी है तो उसे विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

गर्भवती महिला को क्या करना चाहिए?

20 अप्रैल को लगने वाला ग्रहण भारत में भले ना दिखें, लेकिन ग्रहण के नियमों का पालन सबके लिए खासकर गर्भवती के लिए जरूरी है।इस दौरान किए गए कुछ काम करने से मां और बच्चा दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जानते हैं कि ग्रहण के समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

कोई भी ग्रहण हो उस दौरान सिर्फ एक ही काम करने की इजाजत दी गई है। वो है ईश्वर का ध्यान और पूजा। लेकिन सूतक काल में धार्मिक कामों की मनाही है। लोग अपने घरों से कहीं बाहर नहीं जाते हैं और ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने का प्रयास करते हैं। ग्रहण के दौरान खाना खाने की भी मनाही होती है।वहीं प्रेग्नेंट महिलाओं को ग्रहण के वक्त भूख लगे तो वह फलाहार कर सकती हैं।

  • गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान जैसे खाली आंखों से सूर्य ग्रहण को नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने से आंखों की रोशनी पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं। साथ में ग्रहण का प्रभाव गर्भवती महिला और गर्भ पर भी पड़ता है।
  • इस दौरान गर्भवती महिलाओं को खास सुरक्षा की जरूरत है, ताकि मां के साथ ही होने वाला बच्चा भी ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बच सके।
  • ग्रहण से गर्भवती महिलाओं के त्वचा और आंखों को बहुत अधिक नुकसान हो सकता है। इससे गर्भस्थ शिशु को भी त्वचा की परेशानी हो सकती है।
  • गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर के बाहर नहीं निकलना चाहिए। ग्रहण की छाया गर्भस्थ शिशु के लिए अशुभ माना जाता है।
  • गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान सूर्यदेव की पूजा, आदित्य ह्द्य स्तोत्र, सूर्याष्टक स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
  • ग्रहण लगने से पहले और खत्म होने के बाद गर्भवती महिलाओं को एक बार जरूर स्नान कर लेना चाहिए। इससे दूषित तरंगों का असर नहीं पड़ता है।

सूर्य ग्रहण के बाद गर्भवती महिलाओं के लिए दान का महत्व

जब चंद्र सूर्य और पृथ्वी के बीच होता है, लेकिन उसका आकार पृथ्वी से देखने पर इतना नज़र नहीं आता कि वह पूरी तरह सूर्य की रोशनी को ढक सके। इस स्थिति में चंद्र के बाहरी किनारे पर सूर्य काफ़ी चमकदार रूप से रिंग यानि एक अंगूठी की तरह प्रतीत होता है। इस घटना को ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते है।इस बार विद्वानों का मत है कि सूर्य ग्रहण के बाद कोरोना का असर थोड़ा बढ सकता है।लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है बस अहतियात बरतने की जरूरत है। इसलिए सुख-समृद्धि के साथ जीवन में प्यार और सम्मान बना रहे।इसके लिए सभी को और खासकर गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के बाद कुछ धार्मिक कृत्य करने चाहिए और कुछ चीजों का दान करने से लाभ और ग्रहण का प्रभाव कम होता है।

सूर्य ग्रहण के बाद करें गेंहू का दान

ग्रहण बाद स्नान करके धार्मिक कृत्य पूजा-पाठ करना चाहिए और गेहूं या आटे का दान करने से जीवनभर खुशहाल रहेंगे और लक्ष्मी की कृपा बरसेगी। धन की कमी नहीं होगी।

सूर्य ग्रहण के बाद मंदिर की सफाई करें

ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिर की सफाई और घर की सफाई कर गंगा जल छिड़कना चाहिए। इससे घर में ईश्वर का वास होता है और वास्तु सही रहता है।

सूर्य ग्रहण के बाद वस्त्र दान करें

ग्रहण के बाद जरूरतमंदों को कपड़े का दान करने से शनि दोष दूर होता है और पैसे की कमी नहीं रहती है।

सूर्य ग्रहण के बाद पक्षियों और जानवरों को दान

पक्षियों को दाना और जानवरों को पका हुआ अन्न ग्रहण के बाद देने से अविवाहितों की शादी की बाधा दूर होती है

सूर्य ग्रहण के बाद फलों का दान

ग्रहण के बाद मौसमी फलों का दान करने से स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी का निदान होता है।

सूर्य ग्रहण के बाद धातु का दान

ग्रहण के बाद सोना, चांदी लोहा या किसी भी अन्य धातु से बनी चीजों का दान करने से संतान और परिवार से संबंधित परेशानी का निदान होता है।

सूर्य ग्रहण के बाद सुहाग सामग्री

ग्रहण के बाद सुहागिनों को सुहाग की चीजों का दान करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है । सुहाग बना रहता है।

कहते हैं कि सूर्य ग्रहण के बाद जितना दान करते हैं उसका 10 करोड़ गुना फल मिलता है और सूर्य की कृपा से रंक भी राजा बन जाता है। इस सूर्य के बाद आप भी उस दिन या अगले दिन अच्छे से इच्छानुसार दान करेंगे तो लाभ मिलेगा।

सूर्य ग्रहण के शुभ अशुभ संकेत की पहचान

जानते हैं कि ग्रहण आने वाले शुभ और अशुभ भविष्य के संकेत देता हैं। जानते हैं ग्रहण से जुड़े शकुन-अपशकुन

  • मेघ वर्षा के उपरांत इंद्रधनुष के दर्शन मंगल की सूचना देता है।
  • *उषाकालीन सूर्य के दर्शन न होना अमंगलकारी माना गया है।
  • यात्रा के समय वायु का अवरुद्ध गति से प्रवाह अपशकुन माना गया है।
  • सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय निद्रा निमग्न होना, आलस्य की प्रतीति अशुभ एवं अमंगल की सूचक है।
  • सूर्य के आकार का धनुषाकार रूप में दिखाई देना अपशकुन कहा गया है।
  • गंदे जल या विकृत पदार्थों में यदि सूर्य का बिंब नजर आता है तो ऐसा दुर्भाग्य की सूचना देता है
  • किसी पुण्य स्थल पर स्नान और जप करने से सूर्य तथा चंद्रग्रहण के दोष से मुक्ति मिलती है।
  • सूर्य तथा चंद्रग्रहण के अवसर पर सरोवर स्नान की महिमा कही गई है।
  • सूर्य का चंद्र की भांति दिखाई देना अशुभ एवं मृत्युसूचक माना गया है।

Suman Mishra। Astrologer

Suman Mishra। Astrologer

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