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Aaj ka Surya Grahan Special: आज का सूर्य ग्रहण, इसके दुष्प्रभाव को ऐसे टाले, राशि के अनुसार इन मंत्रों का जाप करे
Aaj ka Surya Grahan 2023 Special: सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए इन मत्रों का जाप राशि के अनुसार कर सकते हैं। जानते है कि सूर्य ग्रहण पर क्या करें खास
Surya Grahan Special
सूर्य ग्रहण स्पेशल
सूर्यग्रहण इस बार भारत में नही दिखेगा ज्योतिषविज्ञान में इसका पूरा महत्व रहेगा। मेष राशि में यह सूर्य ग्रहण लगेगा। ज्योतिर्विदों के मुताबित लोगों के जीवन और कई देशों पर इस सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि को लगने जा रहा सूर्य ग्रहण अत्यंत दुर्लभ और हाइब्रिड है। इस बार सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल की सुबह तः 7:05 पर शुरू होगा, ग्रहण का खग्रास प्रातः 8:07 पर होगा। इस सूर्य ग्रहण का मध्यकाल सुबह 9:45 तक होगा, सूर्य ग्रहण की समाप्ति दोपहर 12:24 तक होगी। सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 22 मिनट होगी।सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है।
ज्योतिर्विदों के मुताबिक सामान्य तौर पर सूर्यग्रहण का प्रभाव ग्रहण से एक सप्ताह पूर्व और एक महीने बाद तक रहता है। कुछ मान्यताओं में 3 महीने तक सूर्यग्रहण का प्रभाव रहने की बात की जाती है।ग्रहण का प्रभाव और संकट टल सकता है।
सूर्य ग्रहण में सूतक काल मान्य है या नहीं
सूतक काल इस सूर्य ग्रहण में मान्य नहीं होगा लेकिन फिर भी जो लोग ग्रहण के दौरान सूतक काल के नियमों का पालन करते हैं वे ग्रहण के समय भोजन न करें, गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलें. ग्रहण के दौरान यात्रा करने से भी बचना चाहिए। ग्रहण की अवधि के समय खाने पीने की वस्तुओं में तुलसी के पत्तों को रख देना चाहिये। ग्रहण के समय स्नान ना करें लेकिन समाप्त होने पर अवश्य स्नान करना चाहिये। इससे शुद्धिकरण हो जाता है।
चूंकि इस समय प्रकृति बहुत संवेदनशील होती है, इसलिए हर बात का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। जहां तक सूतक की बात है, यह सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों के समय लगता है। बस घटना के समय भौगोलिकता को देखकर इसका समय तय किया जाता है। इस बार भारत में यह ग्रहण नहीं देखा जाएगा इसलिए यहां इसका सूतक नहीं लग रहा है। ग्रहण के पहले मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं और ग्रहण खत्म होने पर शुद्धिकरण के बाद खोले जाते हैं।
सूर्य ग्रहण क्या है?
ग्रहण एक आम खगोलीय घटना है जिसका जीवन पर खास महत्व नहीं होता, लेकिन ज्योतिषीय गणना में इसे काफी महत्वपूर्ण माना गया है। सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखने के कारण इसका यहां सूतक भी नहीं लगेगा और न ही किसी को विशेष सावधानियां अपनानी पड़ेंगे। अगर यह ग्रहण दिखाई देता तो गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी बड़ती लेकिन इस बार इसका असर नहीं होगा।
सूर्य ग्रहण को सीधे आंखों से नहीं देखने की सलाह दी जाती है। इसका कारण यह है कि सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य से काफी हानिकारक सोलर रेडिएशन निकलते हैं जिससे कि आंखों के नाजुक टिशू डैमेज हो जाते हैं। वलयाकार सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चांद पृथ्वी से बेहद दूर रहने हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच में इस तरह से आ जाता है। जिससे चांद सूर्य की आधे से ज्यादा रोशनी को रोक लेता है।
मत्स्यपुराण की कथानुसार, जब समुद्र मंथन से अमृत निकला था तो राहु नाम के दैत्य ने देवताओं से छिपकर उसे पी लिया था। यह होते हुए सूर्य और चंद्रमा दोनों ने देख लिया था। इस बात की जानकारी उन्होंने भगवान विष्णु को दी। यह सुन विष्णु जी को बहुत क्रोध आ गया। उन्होंने राहु के इस अन्यायपूर्ण कृत के चलते उसे मृत्युदंड देने के लिए उस पर सुदर्शन चक्र से वार किया। ऐसा करने पर राहु का सिर उसके धड़ से अलग हो गया। लेकिन उसने अमृतपान किया हुआ था जिसके चलते उसकी मृत्यु नहीं हुई। वहीं, राहु ने सूर्य और चंद्रमा से प्रतिशोध लेने के लिए दोनों पर ग्रहण लगा दिया। इसे ही आज सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के नाम से जाना जाता है।
सूर्य ग्रहण में इन मंत्रों का करें जाप
-“तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥”
-“विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत। दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२॥”
– “ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात”
ग्रहण काल में अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इसमें आप भगवान विष्णु के मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय, भगवान शिव के मंत्र ऊँ नम: शिवाय, भगवान गणेश के मंत्र श्री गणेशाय नम: का जाप कर सकते हैं।
मेष- ॐ आदित्याय नमः का जाप करें।
वृष- ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।
मिथुन- ॐ बृं बृहस्पतये नमः का जाप करें।
कर्क- ॐ ऐं गुरुवे नमः का जाप करें।
सिंह- आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें।
कन्या- ॐ बृं बृहस्पतये नमः का जाप करें।
तुला- ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।
वृश्चिक- ॐ रां राहवे नमः का जाप करें।
धनु- ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।
मकर- ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।
कुम्भ- ॐ ऐं गुरुवे नमः का जाप करें।
मीन- विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।