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Gopashtami 2020: गोपाष्टमी पर इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, घर में बरसेगा धन
कार्तिक माह के शुल्क पक्ष की अष्टमी तिथि अर्थात गोपाष्टमी के दिन गौमाता को स्वच्छ पानी से स्नान करा कर उन्हें मेहंदी, हल्दी, रोली से हाथ के थापे लगाएं। गौमाता को साफ वस्त्र पहनाकर धूप, बत्ती आदि द्वारा उनकी पूजा-अर्चना करें। इसके बाद गायों को साफ घास खिलाएं। इसके अलावा गौ माता को कही चराने के लिए कुछ दूरी तक ले जाएं।
लखनऊ: गोकुल, मथुरा, ब्रज और वृंदावन में आज गोपाष्टमी मनाई जा रही हैं। बता दें कि गोपाष्टमी का पर्व कार्तिक माह के शुल्क पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता का व्रत और पूजा-अर्चन की जाती है। खास बात यह कि इस बार गोपाष्टमी रविवार को पड़ा है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि रविवार के दिन गौ माता का पूजा-अर्चन करने से लक्ष्मी स्वयं आपके घर में दौड़ी चली आती हैं। तो आइए आपको बताते है कि गौष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और आज के क्या खास करें, जिससे लक्ष्मी प्रसन्न हो, घर में धन, वैभव का बना हो...
क्या है गोपाष्टमी का शुभ मुहूर्त
बता दें कि 22 नवंबर को गोपाष्टमी का त्योहार है, लेकिन यह 21 नवंबर को रात से ही प्रारम्भ हो जाएगा। यह 21 नवम्बर को रात के 9:48 से शुरू हो जाएगा, जोकि 22 नवंबर को रात में 10:51 पर खत्म होगा।
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क्यों मनाया जाता है गोपाष्टमी
आज रविवार का दिन है और गोपाष्टमी का त्योहार। बता दें कि गोवर्धन पूजा के सात दिन बाद गोपाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन नन्दजी ने भगवान कृष्ण और गायों के लिए एक समारोह का आयोजन किया था, जिसके बाद श्रीकृष्ण भगवान गायों को चराने के ले जाना शुरू किया। गोपाष्टमी के दिन गौ माता की उपसना और पूजा-अर्चना करने से जन्म-जन्मांतर का पाप धूल जाता है।
क्या करें आज के दिन
आज के दिन गौमाता को साफ आटे की रोटी और गुड़ जरूर खिला। इस उपाय करने से गौमाता की कृपा होगी और घर में माता लक्ष्मी का प्रवेश होगा।
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गोपाष्टमी के दिन ऐसे करें पूजा-अर्चना
कार्तिक माह के शुल्क पक्ष की अष्टमी तिथि अर्थात गोपाष्टमी के दिन गौमाता को स्वच्छ पानी से स्नान करा कर उन्हें मेहंदी, हल्दी, रोली से हाथ के थापे लगाएं। गौमाता को साफ वस्त्र पहनाकर धूप, बत्ती आदि द्वारा उनकी पूजा-अर्चना करें। इसके बाद गायों को साफ घास खिलाएं। इसके अलावा गौ माता को कही चराने के लिए कुछ दूरी तक ले जाएं। इसके बाद आप गाय के चरण की मिट्टी माथें पर लगाएं। इससे घर में सुख और समृद्धि में वृद्धि होगी, साथ ही लक्ष्मी का प्रवेश होगा।
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