TRENDING TAGS :
Alloy & Spoke Wheels: अलॉय व्हील्स और स्पोक व्हील्स लगवाने के क्या होते हैं, फायदे और नुकसान,जानिए डिटेल
Alloy & Spoke Wheels:इस समय बाइक में दो तरह के व्हील्स के विकल्प मिलते हैं।एक स्पोक व्हील्स और दूसरा अलॉय व्हील्स। i इन व्हील्स की खूबियों के चलते ही अब वाहनों की कीमत भी तय होती है। इस समय दोपहिया निर्माता कंपनियां किसी भी बाइक को अलॉय और स्पोक व्हील्स के अलग अलग वेरिएंट्स में पेश करती हैं।
Alloy & Spoke Wheels: वाहनों की दुनियां में पहिए के अविष्कार का भी किस्सा बडा रोचक और पुराना है। एक तरह से देखा जाए तो आज पहिये के बिना दुनिया का सफर अधूरा है। लेकिन पहिये का सफर कितना प्राचीन है, यह कहना थोड़ा कठिन होगा। इसके अविष्कार के प्रमाण हमें नवपाषाण काल के साक्ष्यों से प्राप्त होते हैं, जैसे हमारी सांस्कृतिक धरोहरों में शामिल प्राचीन गुफाओं में ही पहिये के चित्र देखे जा सकते है।
Also Read
ऐसा मानना है की पहिए का प्रचलन सबसे पहले लगभग 4000 से 3500 वर्ष ईसा पूर्व सिरिया तथा सुमेरिया में आरम्भ हुआ था। जैसे-जैसे समय बीतता गया । पहियों के निर्माण में सुधार होते गए। आज तो लोहे से बने पहिए जिन पर रबड़ के टायर ट्यूब लगे होते हैं, सभी जगह प्रयोग में आने लगे हैं। आज पहिए के कारण ही संसार तेजी से उन्नति के पथ पर बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में अब पहियों की विविधताओं और विशिष्टताओं में आज अनेक विकल्प मौजूद है। यहां हम बात करने जा रहें हैं दो पहिया गाडियों में लगने वाले व्हील्स की। जिनमें आए दिन कुछ न कुछ नई खूबियों के जुड़ने के साथ अब ये काफी एडवांस हो चुके हैं। हालंकि पुराने समय में अधिकतर दो पहिया वाहनों में स्पोक व्हील्स दिए जाते थे। जबकि इस समय बाइक में दो तरह के व्हील्स के विकल्प मिलते हैं।एक स्पोक व्हील्स और दूसरा अलॉय व्हील्स। i इन व्हील्स की खूबियों के चलते ही अब वाहनों की कीमत भी तय होती है। इस समय दोपहिया निर्माता कंपनियां किसी भी बाइक को अलॉय और स्पोक व्हील्स के अलग अलग वेरिएंट्स में पेश करती हैं। दोनों ही विकल्पों में इन व्हील्स को काफी लोकप्रियता मिल रही है। अगर कीमत की बात करें तो अलॉय व्हील्स वाले वेरिएंट की कीमत स्पोक व्हील्स वेरिएंट से अधिक होती है, जबकि स्पोक व्हील्स वेरिएंट की कीमत औसतन कम होती है। व्हील्स के ये दोनों ही वेरिएंट्स मार्केट में बिक्री के लिए उपलब्ध वाहनों में मौजूद होते हैं। वाहन खरीदने गए ग्राहक अक्सर इन व्हील्स से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों से अनभिज्ञ रहते हैं और आर्थिक नुकसान का खामियाजा उठाना पड़ता हैं। आइए जानते है अलॉय व्हील्स और स्पोक व्हील्स लगवाने के फायदे और नुकसान के डिटेल्स
नुकसान के क्या होते हैं कारण
अलॉय व्हील के टूटने की स्थिति में इनके रिपेयर होने की संभावना कम होती है। जबकि स्पोक व्हील्स को आसानी से रिपेयर कराया जा सकता है।अलॉय व्हील की कीमत स्पोक व्हील्स के मुकाबले ज्यादा होती है।
आमतौर पर देखा जाए तो बाजार में मिलने वाले अलॉय व्हील्स पर वारंटी ऑफर नहीं की जाती है और यदि आपकी बाइक का अलॉय व्हील टूट जाता हैं तो इस स्थिति में आपको किसी भी तरह का वारंटी ऑफर न मिलने में पर बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इन व्हील की क्वालिटी की बात की जाए तो अलॉय व्हील की क्वालिटी बेहद हल्की होती है । साथ ही क्रॉसवाइंड होने पर हल्के व्हील्स में अधिक स्टेबिलिटी नहीं मिलती है। जिससे बाइक पर नियंत्रण रख पाना काफी मुश्किल होता है। वजह से हाई स्पीड में बाइक की बैलेंसिंग और ठहराव बेहद कम हो जाती है। जिससे बाइक पर नियंत्रण रख पाना काफी मुश्किल होता है। बाइक के स्किड होने से एक्सीडेंट होने का खतरा रहता है।
इन दोनों ही व्हील्स के बीच तुलनात्मक अध्ययन करते हुए पाया गया है कि अलॉय व्हील अधिक लचीले नहीं होते हैं जबकि स्पोक व्हील्स अधिक फोर्स अब्जॉर्ब कर लेते हैं। अलॉय व्हील जब किसी चीज से तेजी से टकराते हैं तो यह तेज फोर्स को अब्जॉर्ब नहीं कर पाते, जिससे यह स्पोक व्हील के मुकाबले जल्दी टूट जाते हैं।